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उत्तराखंड के वन विभाग पर मेहरबान रहा मौसम, बारिश ने जंगलों की आग को रखा शांत

उत्तराखंड में फायर सीजन 15 फरवरी से शुरू होता है. लेकिन इस बार 15 फरवरी शुरू होने से पहले ही मौसम ने अपना मिजाज बदल दिया था. लगातार रुक-रुक कर होने वाली बारिश ने जंगलों में लगने वाली आग को शांत करके रखा है

उत्तराखंड के वन विभाग पर मेहरबान रहा मौसम, बारिश ने जंगलों की आग को रखा शांत
इस बार देशभर के साथ उत्तराखंड में 10 दिन पहले मानसून दस्तक देने जा रहा है.
देहरादून:

उत्तराखंड में इस बार बारिश ने जंगलों में लगने वाली आग को शांत कर रखा है. मौसम की इस  मेहरबानी का सीधा फायदा उत्तराखंड वन विभाग को मिला है. कम से कम साल 2025 में बारिश ने वन विभाग को राहत की सांस लेने में बेहद ही मदद की है. उत्तराखंड में फायर सीजन में करीब अभी तक सवा दो सौ हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है. साल 2025 के आंकड़ों को देख तो उत्तराखंड में 203 आग लगने की घटनाएं हुई थी. गढ़वाल क्षेत्र में 109 घटनाएं हुई तो, वहीं कुमाऊं क्षेत्र में 74 घटनाएं दर्ज की गई. वन्य जीव आरक्षित क्षेत्र में 18 घटनाएं दर्ज की गई. इसी तरह से गढ़वाल क्षेत्र में 114 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ. उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में 88 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ. इसी तरह से वन्य जीव आर्थिक क्षेत्र में 20 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ.

फॉरेस्ट फायर के पिछले साल के आंकड़ों की बात करें तो 1600 हेक्टेयर से अधिक जंगलों को आग से नुकसान पहुंचा था. पिछले तीन सालों के रिकॉर्ड में साल 2025 में 203 आग लगने की घटनाएं हुई, तो वहीं 226 हेक्टर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ. इसी तरह से साल 2024 में 1177 आग लगने की घटनाएं हुई. 1617 हैकटेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ. साल 2023 में 466 आग लगने की घटनाएं दर्ज की गई तो 536 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ.

आग की काम ही घटनाएं रिकॉर्ड की गई

उत्तराखंड में फायर सीजन 15 फरवरी से शुरू होता है. लेकिन इस बार 15 फरवरी शुरू होने से पहले ही मौसम ने अपना मिजाज बदल दिया था. लगातार रुक-रुक कर होने वाली बारिश ने जंगलों में लगने वाली आग को शांत करके रखा है. हालांकि कुछ वन क्षेत्र में फॉरेस्ट फायर की घटनाएं हुई. लेकिन उनका समय रहते काबू पा लिया गया. बारिश और मौसम के मिजाज से वातावरण में नमी होने के कारण जंगलों में लगने वाली आग की काम ही घटनाएं रिकॉर्ड की गई.

सामान्य से ज्यादा बारिश

फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई के महीने में अक्सर यह देखने को आता था कि जंगलों में लगने वाले आग ज्यादा भड़कती थी. लेकिन इन महीना में सामान्य से ज्यादा 32% अधिक बारिश होने की वजह से फॉरेस्ट फायर सीजन में घटनाएं नहीं हुई और वैसे भी इस बार देशभर के साथ उत्तराखंड में 10 दिन पहले मानसून दस्तक देने जा रहा है, तो ऐसे में बारिश वन विभाग के लिए बेशक एक वरदान साबित हो रही है.

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