
वध के लिए पशुओं की बिक्री पर रोक का केरल राज्य में ज़ोरदार विरोध हो रहा है...
- वध के लिए पशुओं की बिक्री पर रोक के केंद्र के फैसले से केरल के सीएम नाराज
- केरल सरकार ने कहा- रोक हटाने के लिए नया कानून बनाने पर विचार करेंगे
- केरलवासियों की खाने की पारंपरिक आदतें हैं, इन्हें कोई नहीं बदल सकता-विजयन
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अलप्पुझा (केरल):
पशु बाज़ार में वध के लिए पशुओं की बिक्री पर रोक लगाए जाने को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर बरसते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने रविवार को कहा कि उनके राज्य के लोगों को खाने की आदतों के बारे में नई दिल्ली या नागपुर से सीख लेने की आवश्यकता नहीं है.
पिनारायी विजयन ने अलप्पुझा में आयोजित एक समारोह के दौरान कहा कि केरल के निवासियों की खाने की पारंपरिक आदतें हैं, जो स्वस्थ और पौष्टिक है, और इन्हें कोई नहीं बदल सकता.
मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने कहा कि राज्य सरकार लोगों को अपनी पसंद का भोजन करने के लिए सभी सुविधाएं देगी. केरलवासियों के लिए हमें नई दिल्ली (केंद्र सरकार) या नागपुर (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या आरएसएस मुख्यालय) में किसी से सीख लेने की कोई आवश्यकता नहीं है.
स्थानीय प्रशासन मंत्री केटी जलील ने कहा कि राज्य सरकार इस रोक को हटाने के लिए एक नया कानून बनाने पर विचार करेगी. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के राज्य सचिव कोडियरी बालकृष्णन ने भी कोझीकोड में कहा कि केंद्र सरकार आरएसएस का एजेंडा थोपने का प्रयास कर रही है.
(इनपुट भाषा से भी)
पिनारायी विजयन ने अलप्पुझा में आयोजित एक समारोह के दौरान कहा कि केरल के निवासियों की खाने की पारंपरिक आदतें हैं, जो स्वस्थ और पौष्टिक है, और इन्हें कोई नहीं बदल सकता.
मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने कहा कि राज्य सरकार लोगों को अपनी पसंद का भोजन करने के लिए सभी सुविधाएं देगी. केरलवासियों के लिए हमें नई दिल्ली (केंद्र सरकार) या नागपुर (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या आरएसएस मुख्यालय) में किसी से सीख लेने की कोई आवश्यकता नहीं है.
स्थानीय प्रशासन मंत्री केटी जलील ने कहा कि राज्य सरकार इस रोक को हटाने के लिए एक नया कानून बनाने पर विचार करेगी. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के राज्य सचिव कोडियरी बालकृष्णन ने भी कोझीकोड में कहा कि केंद्र सरकार आरएसएस का एजेंडा थोपने का प्रयास कर रही है.
(इनपुट भाषा से भी)
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