असम के मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आज जारी किए गए नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) की सूची को "दोषपूर्ण" करार दिया और कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा राज्य के कुछ हिस्सों में सूची के पुनर्मूल्यांकन के लिए फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी. बीजेपी नेता हिमंत बिस्वा (Himanta Biswa Sarma) ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि बीजेपी एनआरसी का समर्थन करती है, लेकिन हमें लगता है कि कुछ खामियां थीं, जिनको निश्चित रूप से दूर किया जाना चाहिए था. उन्होंने बताया कि केंद्र और असम सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि असम के सीमावर्ती जिलों में 20 प्रतिशत और अन्य जिलों में 10 फीसद पुनर्मूल्यांकन की अनुमति दी जाए. उन्होंने कहा कि लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है.
असम में 19 लाख 6,657 लोग विदेशी नागरिक! जानें NRC लिस्ट में कैसे चेक करें नाम
हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने कहा कि हिंदू प्रवासियों को सूची से बाहर नहीं किया जाना चाहिए था. "हिंदू प्रवासियों के एक छोटे हिस्से को सूची से बाहर कर दिया गया है. उनके पास अपने स्वयं के शरणार्थी प्रमाण पत्र थे, लेकिन इसको नहीं माना गया. हालांकि भाजपा अगले संसद सत्र में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित करने के लिए प्रतिबद्ध है. दूसरी तरफ, बिस्वा ने इस बात से असहमति जताई कि सभी शरणार्थियों को धर्म की परवाह किए बिना आश्रय दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "भारत एक धर्मशाला नहीं है".
असम में NRC लिस्ट हुई जारी, 19.06 लाख लोग हुए बाहर, पढ़ें 10 बड़ी बातें
आपको बता दें कि गृह मंत्रालय ने शनिवार को असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर यानी एनआरसी की अंतिम लिस्ट जारी कर दी. इस लिस्ट में 19 लाख 6,657 लोगों के नाम नहीं हैं, जबकि इस लिस्ट में अब 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार लोगों के नाम शामिल हैं. पिछले साल आई एनआरसी की ड्राफ़्ट सूची में क़रीब 40 लाख लोगों के नाम नहीं थे.जिसके बाद एक कमेटी बनाई गई और आज फ़ाइनल लिस्ट आज जारी की गई.
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नई लिस्ट में ड्राफ़्ट सूची से बाहर किए गए क़रीब 21 लाख लोगों के नाम जोड़ दिए गए हैं. इस लिस्ट में जिनका नाम है वही देश के नागरिक माने जाएंगे और जिनका नाम नहीं होगा वो विदेशी माने जाएंगे. हालांकि मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि जिन लोगों के नाम इस लिस्ट में नहीं हैं उन्हें परेशान होने की ज़रूरत नहीं है वे फॉरेन ट्रिब्यूनल कोर्ट में अपील कर सकते हैं. आपको बता दें कि असम में एनआरसी लिस्ट सबसे पहले 1951 को जारी की गई थी. इस लिस्ट को देखते हुए असम में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और सुरक्षाबलों के 10 हजार जवान तैनात किए गए हैं.
ideo: असम में NRC लिस्ट हुई जारी, 3.11 करोड़ लोगों के नाम शामिल
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