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4 months ago
नई दिल्ली:

सरकार ने वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन से संबंधित विधेयक बृहस्पतिवार को लोकसभा में पेश किया जिसके बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजने की अनुशंसा की गई. केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सदन में ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024' पेश किया और विभिन्न दलों की मांग के अनुसार विधेयक को संसद की संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजने का प्रस्ताव किया. इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘‘मैं सभी दलों के नेताओं से बात करके इस संयुक्त संसदीय समिति का गठन करुंगा.''

विपक्षी सदस्यों ने विधेयक का पुरजोर विरोध किया और कहा कि यह संविधान, संघवाद और अल्पसंख्यकों पर हमला है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के दो प्रमुख घटक दलों जनता दल (यूनाइटेड) और तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा) ने विधेयक का समर्थन किया, हालांकि, तेदेपा ने इसे संसदीय समिति के पास भेजने की पैरवी की. विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि विधेयक में किसी धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है तथा संविधान के किसी भी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं किया गया है.

उन्होंने कहा, ‘‘वक्फ संशोधन पहली बार सदन में पेश नहीं किया गया है. आजादी के बाद सबसे पहले 1954 में यह विधेयक लाया गया. इसके बाद कई संशोधन किए गए.'' रीजीजू ने कहा कि व्यापक स्तर पर विचार-विमर्श के बाद यह संशोधन विधेयक लाया गया है जिससे मुस्लिम महिलाओं और बच्चों का कल्याण होगा. उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय बनी सच्चर समिति और एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का उल्लेख किया और कहा कि इनकी सिफारिशों के आधार पर यह विधेयक लाया गया.
 

वक़्फ़ बिल पर तेजस्वी यादव ने क्या कहा?

राजद नेता तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि वक़्फ़ क़ानून में संशोधन एक सोची समझी साज़िश के साथ भाजपा ला रही थी तथा जदयू-लोजपा इस ध्रुवीकरण के औज़ार में सहभागी रही. 

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सहित अनेक मुस्लिम तंज़िमों, दानिशवरों और हमारी पार्टी के मुस्लिम लीडरान से प्राप्त सुझाव एवं विचार विमर्श उपरांत हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय श्री लालू प्रसाद जी और मैंने लोकसभा और राज्य सभा के अपने सांसदों को इस संविधान विरोधी बिल का पुरज़ोर विरोध करने को कहा था. 

संविधान की धारा-29 हर धर्म को स्वायत्तता और स्वतंत्रता देती है और उसका सम्मान ख़ारिज करने की हर नीति और नीयत के ख़िलाफ़ हम लड़ते रहेंगे.  संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में हमारे दल के सदस्य बिंदुवार हर पहलू पर अपना पक्ष मज़बूती से रखेंगे.

जल्दीबाजी में लाया गया वक्फ बिल: मीसा भारती

वक्फ बिल पर राजद सांसद मीसा भारती ने कहा कि बिल ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश के हालात को लेकर हम सब चिंतित हैं , वहां अल्पसंख्यकों को लेकर चिंताएं हैं .... सरकार बहुत जल्दबाजी में थी इस बिल को लाने में .... महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिला ये अच्छी बात है. जेडीयू कभी इधर है तो कभी उधर , मुसलमानों का वोट चाहिए लेकिन बात कुछ और करनी है. 

जद (यू) और तेदेपा ने वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन किया

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के दो प्रमुख घटक दलों जनता दल (यूनाइटेड) और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि इससे वक्फ से जुड़ी संस्थाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी.  हालांकि, तेदेपा ने कहा कि इस विधेयक पर व्यापक विचार-विमर्श के लिए इसे संसदीय समिति के पास भेजा जाना चाहिए. 

जद(यू) के नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लोकसभा में कहा, ‘‘कई (विपक्षी) सदस्यों की बातों से लग रहा है कि यह विधेयक मुसलमान विरोधी है. यह कैसे मुसलमान विरोधी है?’’ उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने मंदिरों की बात की है, लेकिन मंदिर और संस्था में अंतर है. 

इस बिल का स्वागत, पुराना वक्फ कानून कांग्रेस का पाप : मोहसिन रजा

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन विधेयक), 2024 पेश किया.  जिसका कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों के नेता विरोध कर रहे हैं.  वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर यूपी सरकार में मंत्री रहे, और भाजपा के मुस्लिम चेहरे मोहसिन रजा ने कहा कि हम इस बिल का स्वागत करते हैं, पुराना वक्फ कानून कांग्रेस का पाप था. 

उन्होंने कहा कि, "वक्फ बोर्ड को वक्फ की संपत्तियों का संरक्षण करने के लिए बनाया गया था, लेकिन देश में जहां-जहां कांग्रेस की सरकारें बनीं, उन्होंने इसे वक्फ माफिया और भू माफिया बना दिया, और इतनी शक्तियां दे दी कि उन्होंने मनमाने तरीके से जिस संपत्ति को चाहा वैसे उस पर कब्जा कर लिया. "

वक्फ कानून बनाने में गलतियां हुईं, हम सुधार रहे हैं : किरण रिजिजू

किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्ष वोट बैंक के चलते बिल के खिलाफ है. वक्फ का इंफ्रास्ट्रक्चर सही नहीं था. इसे ठीक किया गया है. वक्फ बोर्ड पर माफियाओं का कब्जा है. देश में कोई भी कानून संविधान से ऊपर नहीं है. 

किरेन रिजिजू ने कहा कई सांसद ने मुझे कहा कि वो इस संशोधन का समर्थन करते हैं

किरेन रिजिजू ने कहा, "बहुत सारे सांसद आकर मुझसे इस बारे में बात कर रहे हैं और कह रहे हैं कि वो इस संशोधन का समर्थन करते हैं लेकिन पार्टी इसका विरोध कर रही है". उन्होंने कहा, "मैं नाम नहीं लूंगा कि कौन-कौन से सांसद ने मुझसे आकर कहा है कि वो अंदर से इस संशोधन का समर्थन करते हैं."

किरेन रिजिजू ने कहा गरीब महिला और बच्चों को न्याय दिलाना जरूरी

अगर वक्फ बिल का लाभ मुसलमान बच्चों और महिलाओं को नहीं मिलता है तो क्या सरकार को चुपचाप बैठना चाहिए? यह इस सदन का दायित्व है कि कोई भी गरीब महिला हो तो अगर न्याय दिलाने में कोई कमी रही है तो उसे पूरा किया जाना चाहिए. आज हम जो संशोधन ला रहे हैं, इसमें सब चीजों का ध्यान रखा गया है. 

किरेन रिजिजू ने कहा इस बिल का समर्थन कीजिए

किरेन रिजिजू ने कहा, ये संशोधन आज सरकार इस सदन में ला रही है. ये एक तरीके से आप लोगों ने जो भी कदम उठाया है, आपने जो भी चाहा है वो नहीं कर पाए हैं और अब उसी चीज को करने के लिए हम यह संशोधन लेकर आए हैं. मैं जब इसका विवरण दूंगा तो आप मेरी बात से पूरी तरह से सहमत होंगे. मैं अपना तर्क रखने से पहले कहना चाहता हूं कि आप इस बिल का समर्थन कीजिए.

1995 का वक्फ संशोधन रहा है अक्षम - किरेन रिजिजू

1954 में सबसे पहले ये बिल लाया गया था और इसके बाद इसमें कई संशोधन हुए हैं. जो हम इसमें आज संशोधन लाने वाले हैं वो वक्फ एक्ट 1995 है, जिसको 2013 में संशोधित करके ऐसा प्रावधान डाला गया था, जिसकी वजह से हमें यह संशोधन लाना पड़ रहा है. 1995 का वक्फ संशोधन एक्ट में जो भी प्रावधान लाया गया था, उसका कई लोगों ने अलग-अलग तरीके से एसेस्मेंट किया है. कई कमिटी और लोगों ने इसका एनालिसिस किया है लेकिन यह पाया गया है कि 1995 का वक्फ एमेंडमेंट एक्ट बिल्कुल अक्षम रहा है.

पहली बार पेश नहीं हुआ है वक्फ संशोधन बिल

किरेन रिजिजू ने आगे कहा, ये बिल पहली बार पेश नहीं किया गया. आजादी के बाद सबसे पहले ये बिल जिन्हें हक नहीं मिला, उन्हें हक देने का है. इसका समर्थन कीजिए करोड़ों लोगों की दुआ मिलेगा. ये हक छीनने वाला नहीं, हक देने वाला बिल है. बिल में संविधान के किसी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं किया गया है.

इसमें संविधान का उल्लंघन नहीं किया गया - किरेन रिजिजू

किरेन रिजिजू ने कहा, मैं बिल को लेकर उठाए गए सभी मुद्दों का एक-एक कर के जवाब दूंगा. मुझे यकीन है कि इस बिल के बारे में सब चीज जानने के बाद सभी लोग इसका समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा, इस बिल में जो भी प्रावधान हैं आर्टिकल 25 से लेकर 30 तक किसी रिलीजियस बॉडी का जो फ्रीडम है, उसमें हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है. न ही संविधान के किसी भी अनुच्छेद का इसमें उल्लंघन किया गया है. 

अखिलेश यादव ने कहा मैं इस बिल का विरोध करता हूं.

अखिलेश यादव ने कहा, यह बिल जो इंट्रोड्यूस हो रहा है... यह बहुत सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है. जब लोकतांत्रिक तरीके से चुने जाने की पहले से ही प्रक्रिया है, तो इसे नॉमिनेट किया जा रहा है. वहीं जो अन्य धार्मिक मसले हैं उनमें कोई गैर बिरादरी का नहीं आता है. वैसे ही वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम को शामिल करने का क्या औचित्य है. आज तो हमारे और आपके अधिकार कट कर रहे हैं. मैंने आप से कहा था कि आप लोकतंत्र के न्यायाधीश हैं और मैंने सुना है कि कुछ आपके भी अधिकार छीने जा रहे हैं... मैं इस बिल का विरोध करता हूं. 

आप दुश्मन हैं मुसलमानों के इसका सबूत यह बिल हैः ओवैसी

अगर कल कोई आकर बोलेगा कि मैं 5 साल से इस्लाम प्रैक्टिस नहीं कर रहा हूं तो कौन डिसाइड करेगा और अगर कोई नया कंवर्ट है तो क्या उसे वक्फ को अपनी संपत्ति देनी है तो क्या वो 5 साल तक इंतजार करेगा. इस तरह का कोई प्रावधान हिंदू और सिख गुरुद्वारा के लिए नहीं है. मैं आपसे जानना चाहता हूं कि ये जो आप बिल ला रहे हैं इससे आप देश को बांटने का काम कर रहे हैं, जोड़ने का नहीं. आप दुश्मन हैं मुसलमानों के और इसका सबूत यह बिल है

धर्म के नाम पर नहीं हो रहा बंटवारा - ललन सिंह

पंचायती राज मंत्री और जेडीयू सांसद ललन सिंह ने विपक्षी सांसदों को जवाब देते हुए कहा कि वक्फ संशोधन बिल एक निरंकुश संस्था को पारदर्शी बनाने के लिए लाया गया है. उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर कोई बंटवारा नहीं हो रहा है, इसकी तुलना मंदिर से नहीं की जा सकती है. 

ललन सिंह ने कहा यह मुसलमान विरोधी बिल नहीं है

यह बिल मुसलमान विरोधी बताया जा रहा है. यह बिल्कुल गलत बात है. यहां अयोध्या मंदिर का उदाहरण दिया जा रहा है. मंदिर और संस्था में अगर आपको फर्क समझ नहीं आ रहा है, तो आप कौन सा तर्क खोज रहे हैं. यह मंदिर नहीं है. आपकी मस्जिद से छेड़छाड़ का प्रयास नहीं किया जा रहा है. यह कानून से बनी संस्था को पारदर्शी बनाने के लिए है. कोई भी संस्था निरंकुश होगी तो सरकार को कानून बनाने का पूरा अधिकार है. इसकी तुलना मंदिर से करना गलत है.

कनिमोझी करुणानिधी ने कहा यह बिल एक समुदाय के खिलाफ है

यह बिल एक समुदाय के खिलाफ है. यह संविधान के अनुच्छेद 14 का साफ तौर पर उल्लंघन करता है. यह सेक्युलर देश है. यहां बहुधर्मी, बहुभाषी लोगों का देश है. मैं इस बिल का विरोध करती हूं.

सांसद मोहिब्बुलाह ने कहा यह मजहब में दखलंदाजी

रामपुर से एसपी सांसद मोहिब्बुलाह ने कहा कि गवर्निंग काउंसिल में गैर-मुस्लिम को रखना मुस्लिमों के साथ में अन्याय है. कुरान और इस्लाम में क्या लिखा है, यह आप तय करेंगे या फिर मैं तय करूंगा. यह मजहब में दखलंदाजी है.

केसी वेणुगोपाल ने वक्फ संशोधन बिल पर कही ये बात

केरल के अलपुझा से कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने वक्फ बिल का विरोध करते हुए कहा कि यह संविधान के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि बिल में प्रावधान है गैर मुस्लिम गवर्निंग काउंसिल के सदस्य होंगे. मैं सवाल पूछना चाहता हूं कि सुप्रीम कोर्ट ने भी अयोध्या पर कमिटी का गठन किया था. क्या कोई सोच सकता है कि कोई गैर-हिंदू इस बोर्ड में हो सकता है. इस बिल का यह प्रावधान है कि गैर-मुस्लिम काउंसिल का सदस्य होगा, पूरी तरह से आस्था और धर्म की स्वतंत्रता पर हमला है. यह बिल संविधान पर हमला है. आज आप मुस्लिमों के खिलाफ जा रहे है,कल ईसाइयों और जैन के खिलाफ जाएंगे.

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर सदन में विपक्ष का हंगामा

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल जैसे ही पेश किया गया वैसे ही विपक्ष ने इसका विरोध करना शुरू कर  दिया. बिल पेश होने पर सदन में जोरदार हंगामा देखने को मिला. केसी वेणुगोपल ने बिल के विरोध में बोलते हुए कहा कि आज मुस्लिमों के खिलाफ जा रहे हो कल जैन और इसाइयों के खिलाफ भी जाओंगे.

सदन में पेश किया गया वक्फ बोर्ड संशोधन बिल

सदन में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पेश कर दिया गया. बिल को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने पेश किया. जैसे ही ये बिल पेश किया गया वैसे ही सदन में विपक्ष का जोरदार हंगामा देखने को मिला.

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर क्या बोले कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया

कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया ने कहा इससे पता चलता है कि BJP सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ है, वे पूरी तरह खिलाफ हैं, अब ये सिर्फ BJP सरकार नहीं है NDA की सरकार है. NDA सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ है, वे धर्म निरपेक्ष नहीं हैं, वे सामाजिक न्याय के खिलाफ हैं. हम देश की जनता से कह रहे हैं कि वे साम्प्रदायिक हैं, जातिवादी हैं, इसीलिए वे ऐसा कर रहे हैं."

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर राजद के सांसद संजय यादव

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर राजद के सांसद संजय यादव ने कहा कि देश की बहुसंख्यक आबादी प्राथमिकता क्या है. गरीबी उन्मूलन बेरोजगारी को हटाना महंगाई को कम करना अच्छी स्वास्थ्य और शिक्षा देना किसानों की आय को दुगनी करना. इन सब पर बात ना कर धुर्वीकरण की राजनीति कर रहे हैं. हम इस बिल का विरोध करेंगे और लोगों का ध्यान भटकने के लिए ये सब काम कर रहे हैं. 

वक्फ बिल सदन में एक बजे किया जाएगा पेश

संसद में आज वक्फ बोर्ड संशोधन बिल 1 बजे पेश किया जाएगा. सरकार निचले सदन में ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024’ और ‘मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024’ पेश करने वाली है. जिसको लेकर जहां एक तरफ सरकार भी तैयार है. वहीं विपक्ष दल इस बिल को लेकर विरोध करने के मूड में नजर आ रहे हैं.

वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में विपक्ष, कांग्रेस सांसद हिबी एडेन ने लोकसभा में दिया नोटिस

कांग्रेस सांसद हिबी एडेन ने वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 के विरोध में लोकसभा में नियम 72 के तहत नोटिस दिया है. उन्होंने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को असंवैधानिक बताया है. कांग्रेस सांसद हिबी एडेन ने कहा, “मैं वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 विधेयक, 2024 को प्रक्रिया के नियम 72 के तहत पेश करने का विरोध करने को लेकर नोटिस देता हूं. मैं वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 नामक विधेयक पेश करने का विरोध करता हूं, क्योंकि यह कई आधारों पर असंवैधानिक है.”

बिल की चार प्रमुख बातें

  1. सभी मौजूदा वक्फ संपत्तियों को नियमित करने का प्रावधान- नया कानून लागू होने के 6 महीने के भीतर पोर्टल और डेटाबेस पर मौजूदा वक्फ संपत्तियों की जानकारी देना अनिवार्य होगी. सभी वक्फ संपत्तियों की सीमा, पहचान , उनका उपयोग और उसको इस्तेमाल करने वाले की जानकारी भी होगी. साथ ही वक्फ बनाने वाले का नाम और पता, तरीका और तारीख. वक्फ की देखरेख और प्रबंधन करने वाले मुतवल्ली की जानकारी होगी. वक्फ संपत्ति से होने वाली सालाना आमदनी की जानकारी भी इसमें शामिल है.
  2. कोर्ट में लंबित मामलों की जानकारी- संपत्ति वक्फ की है या नहीं , इसका फैसला राज्य वक्फ बोर्ड नहीं कर सकेंगे. कानून लागू होने के बाद हर नई वक्फ संपत्ति का रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा. नया वक्फ संपत्ति दस्तावेज़ के बिना नहीं बनाया जा सकेगा. नए वक्फ संपत्ति के रजिस्ट्रेशन के लिए वक्फ बोर्ड में आवेदन देना होगा. आवेदन की जांच के लिए वक्फ बोर्ड ज़िला कलेक्टर के पास भेजेगा.ज़िला कलेक्टर के पास ही आवेदन की जांच का अधिकार और कलेक्टर की रिपोर्ट के बाद ही वक्फ का रजिस्ट्रेशन होगा. अगर कलेक्टर ने रिपोर्ट में संपत्ति को विवादित या सरकारी ज़मीन करार दिया तो रजिस्ट्रेशन नहीं होगा. रजिस्ट्रेशन होने पर सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा. कोई भी सरकारी ज़मीन वक्फ की संपत्ति नहीं बनाई जा सकेगी. कानून लागू होने के बाद वक्फ संपत्ति घोषित हो चुके मौजूदा सरकारी संपत्तियों को वक्फ संपत्ति नहीं माना जाएगा. ज़मीन सरकारी है या नहीं , इसकी जांच और निर्णय लेने का अधिकार कलेक्टर के पास रहेगा.जिन वक्फ संपत्तियों की जांच सर्वे कमिश्नर कर रहे , उनकी जांच कलेक्टर को सौंपी जाएगी.
  3. केंद्रीय वक्फ काउंसिल और राज्य वक्फ बोर्डों को ज़्यादा व्यापक और सर्व समावेशी बनाने का प्रावधान- अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री काउंसिल के चेयरमैन होंगे , तीन सांसद भी इसके सदस्य होंगे. केंद्रीय काउंसिल के सदस्यों में 2 महिलाओं को शामिल करना अनिवार्य होगा. दो गैर मुस्लिम सदस्य भी होंगे. मैनेजमेंट , वित्तीय मैनेजमेंट , प्रशासन और इंजीनियरिंग या आर्किटेक्चर जैसे क्षेत्रों से भी सदस्य बनाए जाएंगे. राज्य वक्फ बोर्डों में अधिकतम 11 सदस्यों का प्रावधान होगा. दो महिला और दो गैर मुस्लिम सदस्यों शामिल होने का भी प्रावधान है. बोहरा और आगाखानी समुदाय से भी सदस्य बन सकेंगे. सदस्यों में शिया , सुन्नी और ओबीसी वर्ग का कम से कम एक प्रतिनिधि अनिवार्य.
  4. विवाद की स्थिति में वक्फ ट्रिब्यूनल के फ़ैसले को ऊंची अदालतों में चुनौती देने का प्रावधान- 90 दिनों के भीतर हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी. फिलहाल ट्रिब्यूनल का फ़ैसला ही अंतिम फ़ैसला होगा.

वक्फ बिल के सबसे अहम बदलाव क्या होंगे, यहां जानें

  1. कानून लागू होने के बाद हर नई वक्फ संपत्ति का रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा.नई वक्फ संपत्ति दस्तावेज के बिना नहीं बनाई जा सकेगी.
  2. केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड में मुस्लिम और गैर मुस्लिम का उचित प्रतिनिधित्व होगा. मुस्लिम समुदायों में अन्य पिछड़ा वर्ग; शिया, सुन्नी, बोहरा, आगाखानी को प्रतिनिधित्व प्रदान करना है. 
  3. महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा. केंद्रीय परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड में दो महिलाओं को रखना अनिवार्य होगा. 
  4. एक केंद्रीय पोर्टल और डेटाबेस के माध्यम से वक्फ के पंजीकरण के तरीके को सुव्यवस्थित करना भी इसमें शामिल है.
  5. दो सदस्यों के साथ ट्रिब्यूनल संरचना में सुधार करना और ट्रिब्यूनल के आदेशों के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील के लिए नब्बे दिनों की मियाद दी जाएगी. 
  6. वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण के लिए सर्वे कमिश्नर का अधिकार कलेक्टर या कलेक्टर द्वारा नामित डिप्टी कलेक्टर को होगा. 
  7. वक्फ परिषद में केंद्रीय मंत्री, तीन सांसद, मुस्लिम संगठनों के तीन नुमाइंदे, मुस्लिम कानून के तीन जानकार, सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के दो पूर्व जज, एक प्रसिद्ध वकील, राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चार लोग, भारत सरकार के अतिरिक्त या संयुक्त सचिव आदि होंगे. इनमें से कम से कम दो महिलाओं का होना आवश्यक है.

राज्यसभा से वक्फ संपत्ति से जुड़ा विधेयक वापस लेगी केंद्र सरकार

सरकार गुरुवार को लोकसभा में वक्फ संपत्ति से जुड़ा विधायक पेश करेगी, वहीं दूसरी ओर राज्यसभा से वक्फ संपत्ति से जुड़ा विधेयक वापस लिया जाएगा. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार ने 18 फरवरी 2014 को राज्यसभा में वक्फ संपत्ति से जुड़ा यह बिल पेश किया था. अब केंद्र सरकार ने इसे राज्यसभा से वापस लेने का फैसला किया है. अल्पसंख्यक मामलों के किरेन मंत्री रिजिजू गुरुवार को इसे वापस लेने का विधेयक राज्यसभा में पेश करेंगे.

वक्फ बिल में संशोधन का क्या मकसद

सरकार ने बिल लाने का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन और संचालन बताया है. इसमें वक्फ कानून 1995 के सेक्शन 40 को हटाया जा रहा है जिसके तहत वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति घोषित करने का अधिकार था. वक्फ कानून 1995 का नाम बदल कर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 होगा. 

वक्फ से जुड़े 2 बिल संसद में लाए जाएंगे

सरकार वक्फ से जुड़े दो बिल संसद में लाएगी. एक बिल के जरिए मुसलमान वक्फ कानून 1923 को खत्म किया जाएगा. दूसरे बिल के जरिए वक्फ कानून 1995 में महत्वपूर्ण संशोधन होंगे. सरकार ने कहा कि बिल लाने का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन और संचालन है. इसमें वक्फ कानून 1995 के सेक्शन 40 को हटाया जा रहा है.

सपा वक्फ संशोधन बिल का विरोध करेगी

समाजवादी पार्टी आज संसद में पेश किए जाने वाले वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का विरोध करेगी. इस बारे में सूत्रों ने जानकारी दी. बिल के जरिए 1995 और 2013 के वक्फ कानूनों में संशोधन किया जा रहा है. बिल में पुराने कानूनों में करीब 40 बदलाव किए जाएंगे. इसके साथ ही बिल में कहा गया है कि 1995 और 2013 के कानूनों के बावजूद राज्य वक्फ बोर्ड के कामकाज में कोई खास सुधार देखने को नहीं मिला है और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और संचालन में पारदर्शिता का भी अभाव है. 

वक्फ बोर्ड में सुधारों को लेकर सरकार के बिल की कॉपी जारी

केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड के अधिकारों पर अंकुश लगाने की कवायद शुरू कर दी है. वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन से जुड़ा बिल आज पेश किया जाएगा. इसके तहत वक्फ बोर्ड अधिनियम में 40 से अधिक संशोधनों किए जाएंगे.. वक्फ बोर्ड में सुधारों को लेकर सरकार के बिल की कॉपी जारी हुई है. 

वक्फ बिल में होने वाले बदलाव से जुड़ी खास बातें

बिल के जरिए 1995 और 2013 के वक्फ कानूनों में संशोधन किया जा रहा है. बिल में 1995 के वक्फ कानून का नाम बदलकर यूनीफाइड वक्फ मैनेजमेंट, इम्पॉवरमेंट, एफिसिएंशी एंड डेवलपमेंट एक्ट 1995  (Unified Waqf Management , Empowerment, Efficiency and Development Act 1995) रखा गया है. इस बिल के जरिए पुराने कानूनों में करीब 40 बदलाव किए जाएंगे. इसके साथ ही बिल में कहा गया है कि 1995 और 2013 के कानूनों के बावजूद राज्य वक्फ बोर्ड के कामकाज में कोई खास सुधार देखने को नहीं मिला है और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और संचालन में पारदर्शिता का अभाव है. 

विपक्ष ने संसदीय समिति के पास भेजने की मांग की

विपक्षी दलों ने बुधवार को सरकार से आग्रह किया कि वक्फ (संशोधन) विधेयक को पेश किए जाने के बाद इस पर गौर करने के लिए इसे संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए. दूसरी तरफ, सरकार ने कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में कहा कि वह सदन की भावना का आकलन करने के बाद इस पर फैसला करेगी. इसके साथ ही सरकार ने यह भी कहा कि वह बृहस्पतिवार को लोकसभा में पेश होने के बाद विधेयक पर चर्चा और इसे पारित कराने पर जोर नहीं देगी.

लोकसभा में पेश होगा वक्फ विधेयक

संसद में में आज वक्फ संशोधन बिल 2024 पेश किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू बिल को प्रश्नकाल के बाद पेश करेंगे. बिल को लेकर पहले से ही विवाद खड़ा हो गया है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार के इस कदम पर कड़ा विरोध जताया है. आपको बता दें कि बिल के ज़रिए 1995 और 2013 के वक्फ कानूनों में संशोधन किया जा रहा है. 

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