विज्ञापन
This Article is From Sep 28, 2023

मालदीव में राष्ट्रपति पद के लिए शनिवार को मतदान, जानें भारत और चीन के लिए क्यों महत्वपूर्ण है यह चुनाव

पूर्व विदेश मंत्री अहमद शहीद ने एएफपी को बताया कि केवल 283,000 मतदाताओं वाले इस देश में दोनों नेताओं के बीच महज 15 हजार मतों का अंतर है. दोनों ही नेताओं के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है.

मालदीव में राष्ट्रपति पद के लिए शनिवार को मतदान, जानें भारत और चीन के लिए क्यों महत्वपूर्ण है यह चुनाव
नई दिल्ली:

मालदीव (Maldives) में शनिवार को राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे.  मालदीव का चुनाव भारत और चीन के लिए अहम माना जा रहा है. लगभग 1,200  द्वीपों का यह देश एक प्रतिष्ठित पर्यटन स्थल और दुनिया के अमीरों और प्रसिद्ध लोगों के लिए पसंदीदा समुद्र तट बन गया है. मालदीव हिंद महासागर के मध्य में दुनिया के सबसे व्यस्त पूर्व-पश्चिम शिपिंग लेन पर स्थित है. यह जगह रणनीतिक रूप से भारत और चीन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. 

पहले दौर में चीन समर्थक उम्मीदवार की हुई थी जीत

माले के 45 वर्षीय मेयर मुइज्जू ने पिछली सरकार में रहते हुए राजधानी को देश के मुख्य हवाई अड्डे से जोड़ने वाले 200 मिलियन डॉलर के चीन समर्थित पुल का निर्माण करवाया था. उन्होंने इस महीने की शुरुआत में पहले दौर में  46 प्रतिशत से मत प्राप्त कर जीत हासिल की थी. जबकि इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, जो मालदीव के पारंपरिक दोस्त भारत समर्थक माने जाते हैं को 39 प्रतिशत वोट मिले थे. 

दोनों नेताओं के बीच कम हो रहा है मतों का अंतर

लेकिन पूर्व विदेश मंत्री अहमद शहीद ने एएफपी को बताया कि केवल 283,000 मतदाताओं वाले इस शहर में दोनों नेताओं के बीच महज 15 हजार मतों का अंतर है. दोनों ही नेताओं के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है. शहीद ने कहा कि मालदीव के मूड से पता चलता है कि दोनों उम्मीदवारों के बीच का अंतर तेजी से कम हो रहा है. सोलिह ने 2018 में जीत हासिल की थी. उन्होंने अब्दुल्ला यामीन को हराया था. अब्दुल्ला यामीन पर बुनियादी ढांचे के लिए भारी कर्ज लेकर देश को चीनी कर्ज के जाल में धकेलने का आरोप लगा था. 

9 सितंबर को पहले दौर में हारने के बाद से, सोलिह ने आवास जैसे स्थानीय मुद्दों पर अभियान चलाकर समर्थन जुटाने की कोशिश की है.  मुइज़ू की प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) ने भारत के प्रति सोलिह के रुख पर प्रहार करते हुए बहस को कूटनीति पर केंद्रित रखा है. पीपीएम और उसके कार्यकर्ता समूहों ने मुस्लिम राष्ट्र में भारतीय प्रभाव को कम करने की मांग को लेकर नियमित रूप से सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया है. 

ये भी पढ़ें-

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com