प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 'विझिंजम इंटरनेशनल डीपवाटर मल्टीपर्पज बंदरगाह' का उद्घाटन किया.
“मैं अभी (विझिंजम) बंदरगाह को देखकर आया. गुजरात के लोगों को जब पता चलेगा कि इतना बढ़िया बंदरगाह अदाणी ने केरल में बनाया है, जबकि वो गुजरात में 30 साल से बंदरगाह पर काम कर रहे हैं और वहां कभी ऐसा बंदरगाह नहीं बनाया. ऐसे में उन्हें गुजरात के लोगों का गुस्सा सहने के लिए तैयार रहना पड़ेगा.”
पीएम मोदी ने मुस्कुराते हुए यह बात शुक्रवार, 2 मई को केरल के 'विझिंजम इंटरनेशनल डीपवाटर मल्टीपर्पज बंदरगाह' के आधिकारिक उद्घाटन के दौरान कही. विझिंजम बंदरगाह और पार्टनरशिप में इसे बनाने वाले गौतम अदाणी की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने विझिंजम बंदरगाह को नए युग के विकास का प्रतीक बताया. पीएम मोदी ने इस बंदरगाह को गेमचेंजर बताया और कहा कि अब इस बंदरगाह के बनने से देश का पैसा देश के काम आएगा. यह भारत के लिए नए आर्थिक अवसर लेकर आएगा.
Today, at Vizhinjam, history, destiny and possibility came together as a 30-year-old dream of Kerala became India's gateway to the world.
— Gautam Adani (@gautam_adani) May 2, 2025
We are proud to have built India's first deep-sea automated port. A future global transshipment hub. This is a triumph of vision, resilience… pic.twitter.com/343mjcNcAB
इस बंदरगाह को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत भारत के सबसे बड़े बंदरगाह डेवलपर और अदाणी समूह का हिस्सा अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (एपीएसईजेड) द्वारा विकसित किया गया है.
तो चलिए आपको यहां इस बंदरगाह के बारे में 10 ऐसी बात बताते हैं जो यह समझने के लिए काफी होंगे कि इसके आने से अंतरराष्ट्रीय व्यापार और शिपिंग में भारत की भूमिका बदलने वाली है:
- विझिंजम बंदरगाह देश का पहला समर्पित कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट है. अब तक भारत में गहरे पानी के कंटेनर ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह का अभाव रहा है. वर्तमान में, भारत का 75% ट्रांसशिपमेंट कार्गो विदेश के बंदरगाहों पर संभाला जाता है. लेकिन इसके आने से भारत के लिए परिस्थितियां बदल जाएंगी.
- यह बंदरगाह भारत का बहुत सा धन बचाएगा. अब तक अंतरराष्ट्रीय बंदरगाहों पर निर्भर होने की मजबूरी दीर्घकालिक जोखिम पैदा करती रही है. इसकी वजह भारत से निकली या भारत को जा रही कार्गो की ट्रांसशिपमेंट हैंडलिंग से भारतीय बंदरगाहों को हर साल संभावित राजस्व में 200-220 मिलियन डॉलर तक का नुकसान होता है.
- यह पोर्ट रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है और वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति को मजबूत करेगा. यह लॉजिस्टिक्स दक्षता बढ़ाएगा. दुनिया के सबसे व्यस्त समुद्री व्यापार मार्गों में से एक के पास स्थित होने से वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति और मजबूत होती है.
- विझिंजम बंदरगाह की लोकेशन इसे स्पेशल बनाती है. यूरोप, फारस की खाड़ी और सुदूर पूर्व को जोड़ने वाले अंतरराष्ट्रीय शिपिंग मार्गों से इसकी निकटता है. इसकी लोकेशन पूर्व-पश्चिम शिपिंग एक्सीस के बहुत करीब है, 10 समुद्री मील के भीतर है.
- विझिंजम बंदरगाह सभी मौसम में काम करने वाला बंदरगाह होगा. यह लगभग 24,000 टीईयू क्षमता के नई पीढ़ी के जहाजों को खड़ा कर सकता है.
- इसकी देश के अंदर कनेक्टविटी भी शानदार है. सलेम और कन्याकुमारी को जोड़ने वाला नेशनल हाईवे 47 इस बंदरगाह से 2 किमी की दूरी पर है. बंदरगाह को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाला राष्ट्रीय रेल नेटवर्क 12 किमी की दूरी पर है. त्रिवेन्द्रम इंटरनेशनल एयरपोर्ट बंदरगाह से 15 किमी की दूरी पर है.
- बंदरगाह के पास न्यूनतम तटीय बहाव का लाभ है जिसकी वजह से ऑपरेशन के दौरान सीमित रखरखाव ड्रेजिंग होती है. यही वजह है कि संचालन एवं रखरखाव लागत काफी कम होगी.
- विझिंजम कंटेनर 2025 की शुरुआत में कार्गो हैंडलिंग के लिए भारत के दक्षिणी और पश्चिमी तटों पर बंदरगाहों की सूची में सबसे ऊपर था. इसने प्रति माह 100,000 से अधिक TEUs (कंटेनर) का प्रबंधन किया.
- विझिंजम बंदरगाह पर MSC तुर्की ने भी डॉक किया है जो भारत तक पहुंचने वाले अब तक के सबसे बड़े मालवाहक जहाजों में से एक था. MSC अपनी प्रमुख सेवाओं में केवल उच्च क्षमता वाले बंदरगाहों को शामिल करता है. परीक्षण चरण के दौरान ही इसके द्वारा विझिंजम को शामिल करना एक बड़ी उपलब्धि बन गया है.
- विझिंजम दुनिया की सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी एमएससी की जेड सेवा में शामिल हुआ है. यह प्रमुख मालवाहक मार्ग दक्षिण अफ्रीका के केप ऑफ गुड होप के माध्यम से यूरोप और एशिया को जोड़ता है. विझिंजम अब इस मार्ग पर दक्षिण एशिया का मुख्य केंद्र बनता जा रहा है.
(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)
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