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मैंने जलती बिल्डिंग से 2 बच्चे गोद में लिए... विवेक विहार के लोगों ने NDTV को बताई आंखोंदेखी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक्स पर पोस्ट अपनी शोक संवेदना में कहा,'' दिल्ली के एक अस्पताल में आग लगने से अनेक बच्चों की मौत की घटना हृदय विदारक है. ईश्वर बच्चों के शोक-संतप्त माता-पिता को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें. मैं इस घटना में घायल बच्चों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं.

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‘बेबी केयर न्यू बॉर्न’ अस्पताल में शनिवार रात करीब 11:30 बजे आग लगी थी.

नई दिल्ली:

दिल्ली के शाहदरा इलाके के विवेक विहार में शनिवार देर रात बेबी केयर न्यूबॉर्न अस्पताल में लगी आग से सात नवजात शिशुओं की मौत हो गई. जबकि पांच बच्चे बुरी तरह झुलस गए. अस्पताल के मालिक पर केस दर्ज कर जांच की जा रही है. फिलहाल वह फरार है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है. चश्मदीद के अनुसार उन्हें एक के बाद एक तेज धमाकों की आवाज सुनाई दी. आग के कारण अस्पताल में रखे ऑक्सिजन सिलिंडर 50 मीटर तक दूर जाकर गिरे. जिसके कारण साथ वाले घरों में भी आग लग गई. विवेक विहार की रहने वाली प्रत्यक्षदर्शी वंदना ने ये खौफनाक मंजर बयां करते हुए NDTV को बताया कि हम लोग टीवी देख रहे थे. एक ब्लास्ट की आवाज आई. हमें लगा कोई पटाखा है. जब दूसरा ब्लास्ट हुआ तो हमें लगा कि कुछ अनहोनी हुई है.

वंदना ने आगे कहा कि हम बालकनी में आए. आग की लपटें ऊपर तक उठ रही थीं. मैं अंदर की तरफ रहती हूं, फिर भी आग की लपटें वहां से दिखाई दे रही थीं. हमने अपने पति को बुलाया. हमने देखा कि आसपास के सारे लोग सड़क पर जमा हो गए थे.  रेजिडेंशल एरिया में इस तरह का कोई अस्पताल नहीं खुलना चाहिए. इस अस्पताल में आए दिन खूब सारे सिलेंडर आते थे, जो हादसे की वजह भी बन गए.

"हमने बच्चों को बाहर निकाला"

एक अन्य चश्मदीद शशि ने बताया, बिल्डिंग में आग बहुत तेजी से लगी. हमें लगा पता नहीं क्या हो गया है. जब अचानक से ब्लास्ट हुआ तो हम फिर बाहर निकल आए. हमने बच्चों को बाहर निकालने के लिए चादरें निकालीं. कुछ बच्चों को बाहर निकाला गया. दो बच्चे तो मैंने ही अपनी गोद में लिए थे. हमने तुरंत छह सात बच्चों को अस्पताल पहुंचाया. वो बच्चे थोड़े ठीक हैं, लेकिन एक बच्चा सीरियस था. आग में कुछ बच्चे जल गए थे. 

एक चश्मदीद के अनुसार वो पास में ही अपनी दुकान पर था. उसने बताया कि धमाके की आवाज आई और धुंआ दिखा...लोग मौके पर जमा हुए..पीछे की खिड़की खोलकर बच्चों को निकला. कुल 12 बच्चों को निकाला गया.

"सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए"

बोर्न बेबी केयर अस्पताल में भर्ती एक नवजात शिशु के रिश्तेदार सुमित ने बताया, "मेरे भाई के बच्चे को 20 मई को यहां भर्ती कराया गया था. हम पुलिस स्टेशन गए और उनसे जानकारी मांगी, उन्होंने जानकारी के लिए अस्पताल जाने को कहा...हमें यहां रुकने की अनुमति नहीं दी गई...इस मामले में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए...''

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