विज्ञापन
This Article is From Jan 27, 2024

मणिपुर में एक बार फिर हिंसा, 2 गुटों में गोलीबारी एक की मौत; 4 घायल

घायलों को इम्फाल के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि घायलों में से एक के चेहरे पर और दूसरे की जांघ पर छर्रे लगे हैं.

मणिपुर में एक बार फिर हिंसा, 2 गुटों में गोलीबारी एक की मौत; 4 घायल
नई दिल्ली:

मणिपुर (Manipur) के कांगपोकपी जिले में शनिवार सुबह दो सशस्त्र समूहों के बीच मुठभेड़ में एक ग्रामीण स्वयंसेवक की मौत हो गई और 4 अन्य लोग घायल हो गए.  मुठभेड़ तब शुरू हुई, जब हथियारबंद बदमाश सतांग कुकी के पहाड़ी गांव में घुस आए और उन्होंने बंदूकों और बम से हमला कर दिया. पुलिस ने बताया कि सतांग गांव में अतिरिक्त बलों के पहुंचने के बाद हमलावर पीछे हट गए, जिसके बाद लड़ाई रुक गई.

घायलों को इम्फाल के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि घायलों में से एक के चेहरे पर और दूसरे की जांघ पर छर्रे लगे हैं. सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा बलों के इलाके में पहुंचने के बाद दोनों प्रतिद्वंद्वी सशस्त्र समूह पीछे हट गए.  एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घायल लोगों में से एक के चेहरे पर बम का छर्रा लगा है जबकि दूसरे की जांघ में चोट लगी है. 

क्या है मणिपुर में हिंसा की वजह 

मणिपुर में हिंसा के पीछे दो वजहें बताई जा रही हैं. पहली वजह है यहां के मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देना. मणिपुर में मैतेई समुदाय बहुसंख्यक वर्ग में आता है, लेकिन इन्हें अनुसचित जनजाति का दर्जा दे दिया गया है. जिसका कुकी और नागा समुदाय के लोग विरोध कर रहे हैं.कुकी और नागा समुदायों के पास आजादी के बाद से ही आदिवासी का दर्जा है. अब मैतेई समुदाय भी इस दर्जे की मांग कर रहा है जिसका विरोध कुकी और नागा समुदाय के लोग कर रहे हैं. कुकी और नागा समुदाय का कहना है कि मैतेई समुदाय तो बहुसंख्यक समुदाय है उसे ये दर्जा कैसे दिया जा सकता है. 

कैसे शुरू हुई हिंसा ? 

कुकी समुदाय के लोगों ने तीन मई को मैतेई समुदाय को मिलने वाले दर्जे और सरकार के फैसले के विरोध में प्रदर्शन किया गया. इसी प्रदर्शन में हिंसा शुरू हो गया. चार मई को जगह-जगह पर गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. चार तारीख को ही मैतेई और कुकी समुदाय के बीच ये झगड़ा शुरू हो गया. पांच मई को जब हालात खराब हुए तो वहां पर सेना पहुंची. इसके बाद 10 हजार से ज्यादा लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया. पांच मई की ही रात भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी मिथांग की भीड़ ने हत्या कर दी.  इनकी हत्या घर से निकालकर की गई.  

ये भी पढ़ें- :

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com