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एक भी महिला उपराष्ट्रपति नहीं, 3 बार मुस्लिम जीते... जानें उपराष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी 20 रोचक बातें

Vice President Election Latest Update: उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए आज मतदान कराया जा रहा है. इस बार एनडीए प्रत्याशी सीपी राधाकृष्णन का मुकाबला इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी से है.

एक भी महिला उपराष्ट्रपति नहीं, 3 बार मुस्लिम जीते... जानें उपराष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी 20 रोचक बातें
Vice President Election
  • उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के सीपी राधाकृष्णन और इंडिया गठबंधन के बी सुदर्शन रेड्डी के बीच मुकाबला है
  • राज्यसभा और लोकसभा के कुल 788 सांसद मतदान कर सकेंगे. 233 राज्यसभा के चुने सदस्य और 12 मनोनीत सांसद शामिल
  • देश में अब तक कोई महिला उपराष्ट्रपति नहीं बनी हैं जबकि 14 उपराष्ट्रपतियों में से छह दक्षिण भारत से रहे हैं
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नई दिल्ली:

Vice President Election News: उपराष्ट्रपति चुनाव में मंगलवार 9 सितंबर को एनडीए के सीपी राधाकृष्णन का मुकाबला इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी बी. सुदर्शन रेड्डी से हो रहा है. लोकसभा और राज्यसभा के सांसद इसमें वोट कर सकेंगे. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान सुबह 10 बजे शुरू होगा और शाम 5 बजे समाप्त होगा. आज ही परिणामों की घोषणा भी हो जाएगी. उपराष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचन अधिकारी राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी के मुताबिक, संसद भवन में मतदान कराया जाएगा. भारत के 17वें उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए राज्यसभा के 233 चुने गए सदस्य (5 सीटें खाली) के साथ 12 मनोनीत सांसद और लोकसभा के 543 सांसद (एक खाली) वोट डाल सकते हैं. आइए जानते हैं कि देश के उपराष्ट्रपति चुनाव की खास बातें...

छह बार दक्षिण भारत से
देश में अब तक 14 उपराष्ट्रपति हुए हैं. 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति चुनाव का एक और मुकाबला है. अब तक छह बार दक्षिण भारत (आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल से) उप राष्ट्रपति हुए हैं.

एक भी महिला नहीं
देश में एक बार भी महिला उपराष्ट्रपति नहीं बनी है, नजमा हेपतुल्ला 2007 में एनडीए की ओर से उम्मीदवार रही हैं, लेकिन हार गईं. हालांकि राष्ट्रपति पद पर प्रतिभा पाटिल रही हैं.

राधाकृष्णन पहले वाइस प्रेसिडेंट
1952 में देश के पहले उपराष्ट्रपति चुनाव में सर्वपल्ली राधाकृष्णन निर्विरोध निर्वाचित हुए थे. वो सोवियत संघ के राजदूत का कार्यकाल पूरा कर इस पद के लिए उम्मीदवार बनाए गए थे. 1957 में वो दूसरी बार भी निर्विरोध चुने गए और 1962 में राष्ट्रपति पद पर भी पहुंचे.

जाकिर हुसैन की उम्मीदवारी
1962 के वाइस प्रेसिडेंट इलेक्शन में बिहार के तत्कालीन राज्यपाल जाकिर हुसैन को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया. नेहरू की बहन विजयलक्ष्मी पंडित पर उनकी उम्मीदवारी भारी पड़ी. जाकिर हुसैन को 568 मत मिले, जबकि विरोधी प्रत्याशी को सिर्फ 14 वोट.

सबसे लंबे वक्त तक खाली रहा पद
जाकिर हुसैन 1962 में वाइस प्रेसिडेंट और फिर 1967 में  राष्ट्रपति पद पर पहुंचे, लेकिन 3 मई 1969 में उनका निधन हो गया. वीवी गिरि को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया. फिर वो स्थायी तौर पर भी प्रेसिडेंट बने. इस दौरान रिकॉर्ड 4 महीने तक उपराष्ट्रपति पद रिक्त रहा.

बीडी जत्ती तीन प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में
बीडी जत्ती ऐसे उप राष्ट्रपति रहे, जिन्होंने तीन अलग-अलग प्रधानमंत्रियों (इंदिरा गांधी, मोरारजी देसाई और चौधरी चरण सिंह) के कार्यकाल के दौरान ये पद संभाला.

हिदयातुल्लाह बहुमुखी प्रतिभा के धनी
मोहम्मद हिदयातुल्लाह एकमात्र ऐसे शख्स थे, जो राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और देश के मुख्य न्यायाधीश का पद भी संभाला. वो 20 जुलाई 1969 से 24 अगस्त 1969 तक कार्यवाहक राष्ट्रपति रहे, जब तत्कालीन प्रेसिडेंट जाकिर हुसैन के निधन और वीवी गिरि के उपराष्ट्रपति पद से त्यागपत्र के दौरान वो इस पद पर रहे. फिर 31 अगस्त 1979 से 30 अगस्त 1984 तक उपराष्ट्रपति रहे. वो 25 फरवरी 1968 से 16 दिसंबर 1970 तक देश के मुख्य न्यायाधीश थे.

दलित नेता केआर नारायणन के विरोध में 1 वोट
1992 में दलित नेता केआर नारायणन उपराष्ट्रपति बने. उन्हें कांग्रेस, वाम दलों के साथ अन्य पार्टियों का समर्थन मिला. उनके विरोध में यूपी के कारोबारी जोगिंदर सिंह काका चुनाव लड़े थे, जिन्हें सिर्फ 1 वोट मिला था.

भैरो सिंह शेखावत BJP से पहले उपराष्ट्रपति
भैरो सिंह शेखावत बीजेपी की ओर से उपराष्ट्रपति बनने वाले पहले शख्स थे. उन्होंने यूपीए प्रत्याशी सुशील कुमार शिंदे को हराया था. इसके बाद वेंकैया नायडू और जगदीप धनखड़ का नाम इस फेहरिस्त में जुड़ा. हालांकि शेखावत 2007 में यूपीए सरकार में वो राष्ट्रपति चुनाव प्रतिभा पाटिल के हाथों हार गए. शेखावत पहले वाइस प्रेसिडेंट थे, जो राष्ट्रपति का चुनाव हारे.

2007 में तीन उम्मीदवारों में मुकाबला
वर्ष 2007 के उपराष्ट्रपति चुनाव में पहली बार 3 प्रत्याशी मैदान में थे. कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए की ओर से हामिद अंसारी, एनडीए की ओर से नजमा हेपतुल्ला मुकाबले में थे. लेकिन तत्कालीन सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने राशिद मसूद को उम्मीदवार बनाया. उन्हें एआईडीएमके और डीएमके जैसे दलों के समर्थन से 75 वोट मिले. हामिद अंसारी चुनाव जीते और फिर 2012 में दूसरी बार भी इस पद पर रहे.

शंकर दयाल शर्मा का अनोखा रिकॉर्ड
कांग्रेस के दिग्गज नेता शंकर दयाल शर्मा के नाम अनोखा रिकॉर्ड रहा है. शर्मा एकमात्र ऐसे राजनीतिक शख्स रहे, जो राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री जैसे शीर्ष पदों पर रहे. शंकर दयाल शर्मा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी चुने गए थे.

7 उपराष्ट्रपति जो बने राष्ट्रपति
देश में अब तक 14 उपराष्ट्रपति हुए हैं. लेकिन सिर्फ 7 ऐसे उपराष्ट्रपति रहे, जो बाद में राष्ट्रपति भी बने. देश के पहले उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन और हामिद अंसारी दो कार्यकाल तक उप राष्ट्रपति रहे. अब तक एक भी महिला उपराष्ट्रपति नहीं चुना गया है.

कृष्णकांत का कार्यकाल के दौरान निधन
उप राष्ट्रपति आर. वेंकटरमण, शंकर दयाल शर्मा और केआर नारायण ने भी उप राष्ट्रपति पद से त्यागपत्र दिया था लेकिन ऐसा उन्होंने राष्ट्रपति चुने जाने के बाद किया था. कृष्ण कांत एकमात्र ऐसे उपराष्ट्रपति थे, जिनकी कार्यकाल के दौरान मृत्यु हो गई थी.

दो पूर्व अफसर जो उपराष्ट्रपति बने
उप राष्ट्रपतियों की लिस्ट में दो ऐसे व्यक्ति भी थे, जो गैर राजनीतिक पृष्ठभूमि से थे. केआर नारायणन और हामिद अंसारी पूर्व अफसर थे. वहीं गोपाल स्वरूप पाठक, मोहम्मद हिदयातुल्ला और आर वेंकटरमण अधिवक्ता थे. जाकिर हुसैन देश के पहले मुस्लिम उपराष्ट्रपति थे. उसके बाद मोहम्मद हिदयातुल्ला और हामिद अंसारी का नाम इसमें जुड़ा.

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा
जगदीप धनखड़ ने 11 अगस्त 2022 को 14वें वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर पद संभाला. लेकिन 3 साल बाद ही संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन ही 21 जुलाई 2025 को अचानक इस्तीफा दे दिया.

धनखड़ कई दलों में रहे
जगदीप धनखड़ बीजेपी से पहले कांग्रेस और जनता दल में रहे. 1989 में जनता दल से झुंझनू लोकसभा सीट से सांसद बने. फिर 1990 में केंद्रीय मंत्री बने. 1991 में वो जनता दल छोड़कर कांग्रेस में आए. 2003 में वो भाजपा में शामिल हो गए थे.

एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन
उपराष्ट्रपति पद के लिए अब मुकाबला एनडीए प्रत्याशी सीपी राधाकृष्णन और इंडिया गठबंधन के बी सुदर्शन रेड्डी के बीच है. राधाकृष्णन अभी महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं. जबकि रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज रहे हैं.

अमेरिकी संविधान से प्रभावित
देश का संविधान 1950 में स्वीकार किया गया था और इसमें अमेरिकी कांस्टीट्यूशन की तरह वाइस प्रेसिडेंट का पद रखने का निर्णय किया गया था. उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति होता है, लेकिन प्रेसिडेंट की अनुपस्थिति में वो उनके पद की जिम्मेदारी संभालता है.

जीत के लिए 50 फीसदी से अधिक वोट जरूरी
संविधान के अनुच्छेद 66 के अनुसार, लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के मतों के आधार पर उपराष्ट्रपति का चुनाव किया जाता है, अगर एक से ज्यादा प्रत्याशी मैदान में हो तो. किसी भी विजयी उम्मीदवार के लिए 50 फीसदी से अधिक वोट पाना अनिवार्य होता है.

गोपनीय मतदान
उपराष्ट्रपति चुनाव में गोपनीय मतदान होता है, लेकिन राजनीतिक दल अपने सांसदों के लिए कोई व्हिप जारी नहीं कर सकते. सांसद किसी भी दल के प्रत्याशी को वोट देने के लिए स्वतंत्र होते हैं. हर वोट का एकसमान मूल्य होता है.

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