राम मंदिर (Ram Mandir) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के वक्तव्य पर अब वीएचपी (VHP) का बयान सामने आया है. वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार (Alok kumar) ने कहा है कि हमने राम मंदिर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वक्तव्य सुना. 69 साल से लंबा इंतजार हो गया है. अक्टूबर में राम मंदिर का मामला सुप्रीम कोर्ट में आया था, लेकिन बेंच गठित नहीं हुई. राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई की बात नहीं स्वीकार की. आलोक कुमार ने कहा कि ये मामला चीफ जस्टिस की कोर्ट में आया है, लेकिन अभी पीठ का गठन नहीं हुआ है. हमें लगता है कि इस मामले पर सुनवाई अभी भी कोसो दूर है. यह हिंदू समाज की भावनाओं से खिलवाड़ है. यह समाज अनंत समय तक न्यायालय की प्रतीक्षा नहीं कर सकता. हम चाहते हैं कि संसद द्वारा राम मंदिर का मार्ग प्रसस्त किया जाए. अब जनवरी के आखिर में प्रयागराज में धर्म संसद होगी, जहां आगे की रणनीति तय होगी.
वीएचपी (VHP)के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कहेंगे कि अध्यादेश को लेकर अपनी राय बदलें. हम 350 से ज्यादा सांसद से मिल चुके हैं. इस मौके पर साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर भी हमला किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस राम मंदिर (Ram Mandir) के मामले को कोर्ट मे लटकाना चाहती है. कपिल सिब्बल चाहते थे कि 2019 में चुनाव तक सुनवाई न करें. इस संबंध में वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक ने एनडीटीवी से भी खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा तो है कि राम मंदिर बनना चाहिए ,पर प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों से कहेंगे कि कोर्ट का इंतज़ार न करें संसद के द्वारा अध्यादेश लाकर राम मंदिर बनाएं. हमने राहुल गांधी और सोनिया गांधी से भी मिलने का समय मांगा है. हम प्रधानमंत्री मोदी से भी मिलने का समय मांगा है, हम उन्हें मनाएंगे.
आलोक वर्मा ने साथ ही कहा कि इस पर आखिरी फैसला 31 जनवरी को धर्म संसद में संत लेंगे, जो संत तय करेंगे वो हम करेंगे. पर जल्द से जल्द अध्यदेश लाया जाए. हम अब तक 350 सांसदों से मिले चुके हैं. बता दें कि पीएम मोदी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में राम मंदिर निर्माण को लेकर कहा था राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने पर फैसला न्यायिक प्रक्रिया के पूरा होने के बाद ही लिया जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने समाचार एजेंसी ANI को दिये इंटरव्यू में कहा कि 'एक बार कानूनी प्रक्रिया पूरी हो जाने दीजिये. इसके बाद हमारी जो भी जिम्मेदारी होगी, हम हर प्रयास करने के लिये तैयार हैं'.
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पीएम ने कहा कि राम मंदिर मुद्दे का हल संविधान के दायरे में ही संभव है. पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के वकीलों ने अयोध्या मसले पर कानूनी प्रक्रिया में अड़चनें पैदा की. इसकी वजह से कानूनी प्रक्रिया धीमी पड़ गई.
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