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This Article is From Dec 30, 2019

वाराणसी : पीएम मोदी से मासूम चंपक के मां-बाप को रिहा करने की गुहार

परिजनों ने पीएम के संसदीय कार्यालय में एक पत्र दिया और चंपक के मम्मी-पापा एकता शेखर और रवि शेखर को जेल से छोड़ने की अपील की

वाराणसी : पीएम मोदी से मासूम चंपक के मां-बाप को रिहा करने की गुहार
वाराणसी में पीएम मोदी से मासूम चंपक के मां-बाप को रिहा करने की गुहार उसके परिजनों ने लगाई.
वाराणसी:

बीते 11 दिनों से बिना मम्मी-पापा के रह रही मासूम चंपक के परिजनों के सब्र का बांध अब छलकने लगा है. चंपक के माता-पिता की रिहाई के लिए परिजनों ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई. परिजनों ने पीएम के संसदीय कार्यालय में एक पत्र दिया और चंपक के मम्मी-पापा को जेल से छोड़ने की अपील की. चंपक की सेहत पर भी अब असर पड़ रहा है. इस बीच परिजनों को अभी तक रिहाई के बाबत कोई ठोस आश्वाशन नहीं मिला है.

गौरतलब है कि चंपक के माता-पिता एकता शेखर और रवि शेखर सामाजिक कार्यकर्ता हैं. गत 19 दिसंबर को बनारस के बेनियाबाग में प्रदर्शन के दौरान दोनों को गिरफ्तार किया गया है.

गत 19 दिसंबर को नागरिकता क़ानून (Citizenship Law) को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हुए थे. इसी क्रम में वाराणसी में भी जुमे की नमाज़ के बाद भारी संख्या में लोगों का जमावड़ा हुआ था. इस भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया था और कई लोगों को गिरफ़्तार किया था. गिरफ़्तार लोगों में विरोध प्रदर्शन करने वाले रवि शेखर और उनकी पत्नी एकता शेखर भी हैं.

14 महीने की बच्ची के माता-पिता जेल में, CAA के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुए थे गिरफ्तार

रवि और उनकी पत्नी एकता की 14 महीने की बच्ची चंपक है जो 19 दिसंबर से अपने मां-बाप का इंतज़ार कर रही है. ऐसे में दोनों के घरवालों पर दोहरी ज़िम्मेदारी आ गई है. एक तो रवि और एकता की ज़मानत लेने की कोशिश, दूसरी इस छोटी बच्ची को संभालने की. रवि शेखर की मां शीला तिवारी ने कहा, मेरे बेटे ने कोई गुनाह नहीं किया है. पुलिस ने उन्हें क्यों गिरफ्तार किया, वह शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे. क्या आप सोच सकते हैं कि बच्ची बिना अपनी मां के रह रही हैं. क्या क्राइम को कंट्रोल करने का यह तरीका है?

गिरफ्तार हुए रवि की मां ने आगे कहा, ''वह कुछ खा नहीं रही. बमुश्किल से कुछ चम्मच हमने उसे खिलाया. वह पूरे समय कह रही है, 'अम्मा आओ, पापा आओ'. हम लगातार उससे कह रहे हैं कि वह जल्दी आ जाएंगे, लेकिन मुझे नहीं मालूम क्या करना चाहिए?''

वाराणसी पुलिस का कहना है कि उन्हें गिरफ्तार किया जाना जायज है, क्योंकि लोगों के गैरकानूनी तरीके से इकठ्ठे होने की वजह से शहर में तनाव बढ़ गया था. शहर के एक अलग हिस्से में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की लाठी चार्ज से कथित तौर पर भगदड़ मचने से एक आठ वर्षीय लड़के की मौत हो गई.

बता दें कि CAA और NRC को लेकर पूरे देश में विरोध की गूंज सुनाई दे रही है. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी लोगों ने नागरिकता संशोधन कानून का पुरजोर तरीके से विरोध किया. 20 दिसंबर को बेनियाबाग इलाके में हजारों की संख्या में लोग सड़क पर उतरे तो पुलिस को हालात संभालने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. घटना के चलते काफी देर तक अफ़रातफ़री मची रही.

VIDEO : 14 माह की मासूम के मां-बाप जेल में बंद

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