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दिल्ली कार बम धमाके के बाद वैष्णो देवी की सुरक्षा सख्त, ‘वर्दी घुसपैठ’ और ‘नारियल बम’ को लेकर एजेंसियों की चेतावनी

ताज़ा हमले के बाद कटरा से लेकर पवित्र गुफा तक लगभग 13 किमी लंबे रास्ते पर सुरक्षा प्रबंध और मजबूत किए जा रहे हैं. मार्ग पर सादे कपड़ों में सुरक्षाकर्मियों के साथ स्थानीय पुलिस के कमांडो भी तैनात किए गए हैं.

दिल्ली कार बम धमाके के बाद वैष्णो देवी की सुरक्षा सख्त, ‘वर्दी घुसपैठ’ और ‘नारियल बम’ को लेकर एजेंसियों की चेतावनी
फाइल फोटो
  • दिल्ली में हुए कार बम विस्फोट के बाद वैष्णो देवी तीर्थस्थल की सुरक्षा व्यवस्था पुनः जांच के दायरे में आई है
  • सुरक्षा एजेंसियां मानती हैं, वैष्णो देवी तीर्थस्थल आतंकवादी संगठनों के निशाने पर हमेशा रहा है और खतरा गंभीर है
  • कटरा से गुफा तक 13 किमी लंबे मार्ग पर सुरक्षा कड़ी की गई है
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नई दिल्ली:

दिल्ली में हुए कार बम विस्फोट के बाद श्री माता वैष्णो देवी तीर्थस्थल की सुरक्षा व्यवस्थाएं एक बार फिर केंद्रबिंदु बन गई हैं. सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि यह प्रतिष्ठित तीर्थ पहले से ही आतंकवादी संगठनों के निशाने पर रहा है, और ताज़ा धमाके के बाद जोखिम की आशंका को हल्के में नहीं लिया जा सकता है. अतिरिक्त बल तैनात किए जाने के बावजूद सुरक्षा में मौजूद कमियां अब भी चिंता का कारण बनी हुई हैं.

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक फिलहाल किसी आतंकी संगठन से ताज़ा धमकी नहीं मिली है, लेकिन अतीत में कई बार इस तीर्थस्थल को नुकसान पहुँचाने की धमकियां दी गई हैं. सुरक्षा अधिकारियों की मानें तो पंजाब आधारित आतंकियों ने कश्मीर में सक्रिय विदेशी आतंकियों के साथ मिलकर जम्मू क्षेत्र में हमले की योजनाएं बनाई हैं, जिसके कारण वैष्णो देवी की सुरक्षा को हमेशा उच्च संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है.

ताज़ा हमले के बाद कटरा से लेकर पवित्र गुफा तक लगभग 13 किमी लंबे रास्ते पर सुरक्षा प्रबंध और मजबूत किए जा रहे हैं. मार्ग पर सादे कपड़ों में सुरक्षाकर्मियों के साथ स्थानीय पुलिस के कमांडो भी तैनात किए गए हैं.

इसी बीच खुफिया एजेंसियों ने संकेत दिए हैं कि आतंकी, सैनिक वर्दी का इस्तेमाल कर तीर्थस्थल में घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं. इससे श्राइन बोर्ड उलझन में है कि ड्यूटी पर न होने वाले वर्दीधारी सुरक्षा कर्मियों के दर्शनों पर रोक लगाई जाए या नहीं. इससे पहले भी एक बार वर्दी में दर्शनों पर प्रतिबंध लगाया गया था, हालांकि ड्यूटी पर तैनात जवान इससे बाहर रखे गए थे.

गुफा के भीतर सुरक्षा को देखते हुए पहले से धातु की वस्तुओं, बेल्ट, कैमरा और प्रसाद के रूप में चढ़ाए जाने वाले नारियल तक पर प्रतिबंध है. सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि नारियल की आड़ में ‘नारियल बम' का इस्तेमाल कर हमला किया जा सकता है. कटरा और गुफा मार्ग पर ऐसे कई संदिग्ध नारियल पहले भी बरामद किए जा चुके हैं.

हालांकि, 13 किमी लंबे मार्ग पर मेटल डिटेक्टर और तलाशी व्यवस्था तैनात है, लेकिन ये कई बार महज़ औपचारिकता बनकर रह जाती हैं. भीड़ बढ़ने पर अक्सर श्राइन बोर्ड के अधिकारी यात्रियों की नाराज़गी के चलते सुरक्षाकर्मियों से बिना जांच श्रद्धालुओं को आगे बढ़ने देने का दबाव बनाते हैं. सुरक्षा अधिकारी कहते हैं कि भीड़ नियंत्रण को प्राथमिकता देने के फेर में कई बार वास्तविक सुरक्षा खतरे नजरअंदाज हो जाते हैं.

जानकारी के मुताबिक सुरक्षा अधिकारियों ने श्राइन बोर्ड के उस प्रस्ताव का भी विरोध किया था जिसमें नारियल को गुफा-द्वार तक ले जाने की अनुमति देने की बात कही गई थी. उनका कहना है कि यदि आतंकी नारियल बम गुफा-द्वार तक पहुँचाने में सफल हो जाएं, तो एक विस्फोट न केवल भारी क्षति पहुंचा सकता है, बल्कि यह संदेश भी दे सकता है कि सुरक्षा व्यवस्था की परतें आसानी से भेदी जा सकती हैं.

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