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This Article is From Nov 16, 2023

उत्तराखंड हादसा: 4 दिन से सुरंग में फंसे 40 मजदूर, रेस्क्यू के लिए लाई गई अमेरिकी ड्रिल मशीन

NHIDC के निदेशक अंशु मनीष ने कहा कि मज़दूरों (Uttarkashi Tunnel 40 Workers Stuck) को बाहर निकालने में अभी 50 घंटे और लग सकते हैं. इस बीच सुरंग में फंसे मज़दूरों से वॉकी टॉकी के ज़रिए बातचीत की जा रही है.

सुरंग में फंसे मजदूरों का रेस्क्यू-ऑपरेशन जारी

Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
उत्तरकाशी में 4 दिन से फंसे 40 मजदूर
मलबे में डाला जाएगा स्टील का पाइप
अमेरिकी ड्रिल मशीन से हटाया जाएगा मलबा
नई दिल्ली:

उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सुरंग (Uttarkashi Tunnel Collapses) में पिछले चार दिनों से फंसे 40 मज़दूर अब तक ज़िंदगी की जंग लड़ रहे हैं. वायुसेना के विमान के ज़रिए दिल्ली से लाई गई अमेरिकी ड्रिलिंग मशीन सुरंग में फिट की गई है. ड्रिलिंग का काम अब जल्द शुरू हो जाएगा. वहीं दूसरी तरफ सिल्क्यारा सुरंग से मलबा हटाने की कोशिशें जारी हैं.  सुरंग के अंदर मलबा गिरने से क़रीब 40 मज़दूर पिछले 4 दिन से फंसे हुए हैं.इन मज़दूरों को बाहर निकालने के लिए एक हाई पावर अमेरिकन ऑगर मशीन सुरंग के अंदर फ़िट कर दी गई है.

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सुंरग में फंसे मजदूरों को निकालने की कोशिश जारी

इस भारी-भरकम विशाल मशीन को दिल्ली से दो हर्कुलस सी-130 विमान से उत्तरकाशी तक लाया गया. यह मशीन तीन पार्ट में थी. जिसे असेंबल कर काम शुरू किया जा रहा है.इस बीच NHIDC के निदेशक अंशु मनीष ने कहा कि मज़दूरों को बाहर निकालने में अभी 50 घंटे और लग सकते हैं. इस बीच सुरंग में फंसे मज़दूरों से वॉकी टॉकी के ज़रिए बातचीत की जा रही है. एक पाइप के ज़रिए उन तक लगातार ऑक्सीजन, पानी, दवाइयां और खाने का सामान पहुंचाया जा रहा है. ऐसे में मज़दूरों को निकालने के लिए दूसरी कोशिश के तहत देहरादून से एक मीटर मोटे स्टील के जो पाइप मंगाए गए थे.

सुरंग के पास पहुंची अमेरिकन ड्रिल मशीन

पाइपों को मलबे में ड्रिल करने वाली पहली कोशिश नाकाम हो गई. इसके बाद अब दिल्ली से ज्यादा बड़ी मशीन उत्तरकाशी भेजी गई है, जिसे वायुसेना के हर्क्युलिस विमान से आज उत्तरकाशी पहुंचाया गया. यह मशीन अब सुरंग के पास पहुंच चुकी है. यह मशीन स्टील के पाइपों को मलबे से होकर दूसरे छोर पर मज़दूरों तक पहुंचाने का काम करेगी. ये मशीन एक घंटे में पांच मीटर तक ड्रिल कर सकती है. क़रीब पचास से साठ मीटर मलबे के उस ओर मज़दूर फंसे हुए हैं. ऐसे में अगले कुछ घंटों में मज़दूरों को राहत मिलने की उम्मीद है. 

सुरंग में फंसे मजदूरों के परिवारों में गुस्सा

 लेकिन इस राहत के इंतज़ार में मज़दूरों के परिजनों और उनके साथ काम करने वाले बाकी लोगों का धैर्य अब जवाब दे रहा है. आज सुबह मज़दूरों के कई साथी मौके पर पहुंचे और उन्होंने सुरंग बना रही कंपनी और प्रशासन से नाराजगी जताते हुए कहा कि वह गंभीरता से राहत और बचाव का काम नहीं कर रहे हैं. गुस्साए लोगों ने बैरिकेड तोड़ कर आगे जाने की भी कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक दिया.
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