देहरादून/चमोली:
भारी बारिश के कारण उत्तराखंड में भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है, जहां चमोली जिले में आज एक मकान की छत गिरने से एक ही परिवार के सात लोगों की मौत हो गई। वहीं गढ़वाल में चार लोगों की उस समय मौत हो गई जब सड़क की मरम्मत कार्य में लगी एक मशीन खाई में गिर गई।
चमोली के एडीएम संजय कुमार ने बताया कि घर ध्वस्त होने की घटना धीकौना गांव में तड़के साढ़े तीन बजे घटी जब रात भर भारी बारिश के कारण मकान पर पहाड़ की चट्टानें गिर गईं।
उन्होंने कहा कि मृतकों में दो महिलाएं और तीन बच्चे शामिल है। पांच शवों को निकाल लिया गया है जबकि शेष दो लोगों को निकालने की कोशिशें की जा रही है।
उन्होंने कहा कि बचाव अभियान की निगरानी के लिए चमोली के मजिस्ट्रेट एसए मुरूगेसन समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।
उधर, उत्तराखंड के कई इलाकों में अभी भी मदद नहीं पहुंच पाई है। धारचुला से आगे के कई इलाकों में कुछ गांवों में लोग बिना सरकारी मदद के खुद ही अपने रहने और आने-जाने का इंतजाम कर रहे है। ये लोग अपनी जान जोखिम में डालकर खुद नदी पार कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि इन्हें अभी तक किसी भी तरह की सरकार की तरफ से मदद नहीं मिली है। सोबला इलाके में पिछली 17 जून को भारी तबाही हुई थी। यहां करीब 800 गांववाले फंसे हुए थे।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में आए सैलाब के बाद से यहां की स्थितियां लगातार बिगड़ रही है। लगातार हो रही बारिश से राहत कामों में दिक्कतें आ रही हैं।
चमोली के एडीएम संजय कुमार ने बताया कि घर ध्वस्त होने की घटना धीकौना गांव में तड़के साढ़े तीन बजे घटी जब रात भर भारी बारिश के कारण मकान पर पहाड़ की चट्टानें गिर गईं।
उन्होंने कहा कि मृतकों में दो महिलाएं और तीन बच्चे शामिल है। पांच शवों को निकाल लिया गया है जबकि शेष दो लोगों को निकालने की कोशिशें की जा रही है।
उन्होंने कहा कि बचाव अभियान की निगरानी के लिए चमोली के मजिस्ट्रेट एसए मुरूगेसन समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।
उधर, उत्तराखंड के कई इलाकों में अभी भी मदद नहीं पहुंच पाई है। धारचुला से आगे के कई इलाकों में कुछ गांवों में लोग बिना सरकारी मदद के खुद ही अपने रहने और आने-जाने का इंतजाम कर रहे है। ये लोग अपनी जान जोखिम में डालकर खुद नदी पार कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि इन्हें अभी तक किसी भी तरह की सरकार की तरफ से मदद नहीं मिली है। सोबला इलाके में पिछली 17 जून को भारी तबाही हुई थी। यहां करीब 800 गांववाले फंसे हुए थे।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में आए सैलाब के बाद से यहां की स्थितियां लगातार बिगड़ रही है। लगातार हो रही बारिश से राहत कामों में दिक्कतें आ रही हैं।
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