उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के संभल जिले में 24 नवंबर को भड़की हिंसा के बाद विपक्षी पार्टियों के नेताओं को सुरक्षा कारणों से संभल जाने से रोका गया. इसे लेकर सोमवार को भी लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. सदन में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों के सदस्यों ने संभल हिंसा से संबंधित मुद्दे को उठाने की कोशिश की और जमकर हंगामा किया. इधर कई विपक्षी नेताओं को यूपी पुलिस ने लखनऊ में ही रोक दिया.
अजय राय को पुलिस ने रोका
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने संभल जाने से रोके जाने पर एनडीटीवी से कहा कि प्रशासन ने 30 नवंबर तक की रोक लगाई थी. इसलिए कांग्रेस ने 26 नवंबर को प्रशासन से बताया था कि कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल 1 दिसंबर को संभल जाएगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल आज गांधीवादी तरीक़े से संभल जाने की कोशिश करेगा. अगर प्रशासन ने आज नहीं जाने दिया, तो इसके बाद संभल जाएंगे लेकिन जाकर रहेंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल संभल जाकर पीड़ितों से मिलना चाहता है और घटना की वजह जी रिपोर्ट कांग्रेस नेतृत्व को देना चाहता है. अजय राय ने संभल की घटना को बीजेपी का षड्यंत्र बताया
क्या नियम सिर्फ विपक्षी नेताओं के लिए है: आराधना मिश्रा मोना
विधानसभा में कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना को पुलिस ने उनके घर पर रोक लिया. मोना अपने घर के गेट पर संभल जाने के लिए गाड़ी के साथ खड़ी थी और सामने पुलिस ने उन्हें रोक दिया. उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि सरकार तानाशाह हो गई है. आख़िर निषेधाज्ञा संभल में है तो कांग्रेस के नेताओं को लखनऊ में क्यों रोका जा रहा है? उन्होंने बीजेपी पर लाशों पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी के नेताओं के लिए निषेधाज्ञा नहीं है, सिर्फ नियम विपक्ष के लिए लागू किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज वो संभल जाने की कोशिश करेंगी, अगर आज नहीं तो किसी और दिन जायेंगी लेकिन संभल जायेंगी ज़रूर.
संभल हिंसा को लेकर विपक्षी दल राजनीति कर रहे हैं : ब्रजेश पाठक
कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के संभल जाने को लेकर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, "संभल हिंसा को लेकर विपक्षी दल जो राजनीति कर रहे हैं, वह उचित नहीं है. हमारी प्रतिबद्धता शांति स्थापित करने को लेकर है. न्यायालय में इसका मामला विचाराधीन है. जो भी निर्णय होगा, उसका हम अनुपालन करेंगे. रविवार को न्यायिक आयोग ने इलाके का जायजा लिया, अपनी रिपोर्ट में वो जो भी कहेंगे, हम उसकी निष्पक्ष कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं. सरकार किसी को भी कानून तोड़ने की इजाजत नहीं देगी."
विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के लोग सिर्फ वोटों की फसल काटने के लिए इस प्रकार की बात कर रहे हैं. हम हर स्थिति में पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं और किसी को भी कानून तोड़ने की इजाजत नहीं मिलने वाली है."
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