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Uttar Pradesh : दुकानदार की घिनौनी करतूत, पहले बच्चों का करता था यौन शोषण... फिर बनाता था वीडियो

अजित नाम का शख्स गांव के बच्चों को किसी बहाने से बुलाता और फिर कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पीलाकर उनका यौन शोषण करता था. इतना ही नहीं, आरोपी ने वीडियो वायरल करने की धमकी देते हुए उनसे मोटे पैसे भी ऐंठता था.

Uttar Pradesh : दुकानदार की घिनौनी करतूत, पहले बच्चों का करता था यौन शोषण... फिर बनाता था वीडियो
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
मेरठ:

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. यहां अजित (37) नाम के शख्स ने नाबालिग बच्चों को यौन शोषण का शिकार बनाया है. इतना ही नहीं, आरोपी ने यौन शोषण करते हुए बच्चों की वीडियो भी बनाई और उन्हें ब्लैकमेल भी किया. पुलिस के पास जो FIR दर्ज कराई गई है उसमें 6 बच्चों के नाम शामिल है जिसमें से 4 बच्चे नाबालिग हैं. हालांकि, आशंका ज्यादा बच्चों के घटना के शिकार होने की है.

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के अनुसार, अजित नाम का शख्स गांव के बच्चों को किसी बहाने से बुलाता और फिर कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पीलाकर उनका यौन शोषण करता था. इतना ही नहीं, आरोपी ने वीडियो वायरल करने की धमकी देते हुए उनसे मोटे पैसे भी ऐंठता था.

कैसे हुआ मामले का खुलासा?

पुलिस के अनुसार, वीडियो वायरल होने के बाद मामला संज्ञान में आया जिसके बाद एक पीड़ित के परिजन की तहरीर पर 19 अगस्त को आईपीसी की धारा 377, 506 और पॉक्सो की धारा 3, 4 (2), 5M, 6 में एफआईआर दर्ज किया है.

पीड़ितों ने क्या बताया?

छोटू (बदला हुआ नाम) की मां ने बताया, "हमें घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. एक दिन मेरा बेटा नहा रहा था, तभी मेरे पति का वीडियो कॉल बेटे के फोन पर आया, उसी दौरान फोन पर कुछ गंदे वीडियो वाह्टसएप पर दिखे, जिससे हमें जानकारी हुई."

वहीं, पीड़ित बच्चे ने कहा, "एक दिन उसने मुझे घर में बुलाया और फिर कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाया, जिससे मैं बेहोश हो गया. उसके बाद मुझे कुछ नहीं पता है. कुछ दिन बाद जब उसने मुझे वीडियो भेजा तो पता चला. वो मुझे डराता-धमकाता था और पैसे मांगता था, और जब मैं मना करता तो वीडियो वायरल करने की धमकी देता था." गुड्डू (बदला हुआ नाम) की मां ने रोते हुए कहा, " मेरे बेटा कई दिनों से नौकरी के लिए बाहर है. हमें तो पुलिस आई तब पता चला कि मेरे बेटे के साथ ऐसा हुआ है... मेरा बेटा बहुत शर्मिदंगी महसूस कर रहा है. वो कहता है कि मां अब मैं गांव कभी नहीं आऊंगा. उसने कुछ दिन पहले  तीन हजार रुपए मांगे थे. वो हम लोगों को पैसे भी नहीं दे रहा था. अब पता चला कि वो पैसे अजित को देता था."

गुड्डू के पिता ने बताया कि "मेरे बेटा अब घर नहीं आ रहा है. वो फोन पर भी बात नहीं करता. मुझे लगता है कि उसका गांव छूट गया."  इसके बाद वो बिलखने लगते हैं... फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने कहा, "घटना के बाद से उसके (बेटे) सिर में बहुत तकलीफ है. उसका इलाज चल रहा है. हम चाहते हैं कि आरोपी को फांसी मिले." राजन (बदला हुआ नाम) की मां ने बताया, "मेरे बेटे के साथ तीन-चार साल से अजित गंदा काम कर रहा था. हमें इसकी कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन अब जाकर हमें सब पता चला है."

उन्होंने कहा, "अजित मेरे बेटे को जान से मारने की धमकी देता था, वो सिर पर कट्टा लगाकर डराता और पैसे मांगता. हमें जब कुछ दिन से घर से पैसे गायब होने का शक हुआ तो हमने पूछ तो कुछ बोला नहीं, बस शांत रहता और लेटा रहता. स्कूल भी बहुत कम जाता और न ही कुछ खाता पीता. एक बार तो वो अपनी जान तक लेने का प्रयास करने जा रहा था. लेकिन हमने देख लिया. हम बस अब इंसाफ चाहते हैं."

कौन है अजित?

गांव में पहुंचने पर पता चला कि अजित (37) वहीं पर परचून की दुकान चलाता है और यहीं पर वो नाबालिगों को कभी परिजनों से फोन पर बात करने के लिए बुलाता था तो कभी दुकान पर सामान लेने आए बच्चों को शिकार बनाता था. ग्रामीणों की मानें तो वो शराब का आदि था और बहुत ज्यादा किसी से मतलब नहीं रखता था. गांव के ही रहने वाले शख्स ने बताया कि अजित के पिता की कुछ साल पहले मौत हो गई थी. उसके बाद से वो मां, पत्नी, छोटी बच्ची और भांजे के साथ रहता था. उसके भाई भी हैं, उनका पता नहीं लेकिन मामला सामने आने के बाद से अजित फरार है.

आरोपी की अब तक नहीं हुई गिरफ्तारी

इस पूरे मामले पर मेरठ के एसपी ग्रामीण कमलेश बहादुर ने कहा, "मामला संज्ञान में आने के बाद तुरंत एफआईआर दर्ज की गई. हमनें बच्चों की काउंसलिंग भी करवाई है और अब उनका (पीड़ित और उनके परिजन) बयान भी दर्ज किया जाएगा. सूचना है कि उसने कोर्ट में सरेंडर की अर्जी दी है लेकिन हम लगातार उसे पकड़ने के लिए दबिश दे रहे हैं. उम्मीद है जल्द ही उसकी गिरफ्तारी होगी."

कैलाश सत्यार्थी फाऊंडेशन हुआ एक्टिव

इधर, मामला सामने आने के बाद कैलाश सत्यार्थी फाऊंडेशन एक्टिव हुआ और उसने पीड़ितों के लिए आवाज उठाई. कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राकेश सेंगर ने कहा कि वो आरोपी को सजा दिलाने के लिए पूरी कानूनी लड़ाई लड़ेंगे. कुल मिलाकर घटना के बाद से पीड़ित परिवार में भय का माहौल है. पीड़ित परिवार आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं. लेकिन एफआईआर दर्ज होने के 8 दिन बाद भी अब तक पुलिस को कोई बड़ी सफलता नहीं मिली. ऐसे में बड़ा सवाल है कि आरोपी पर बड़ी कार्रवाई करने की बात करने वाली पुलिस अजित को कब गिरफ्तार करेगी.

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