बिहार के सीएम नीतीश कुमार के मुस्लिम महिला का हिजाब हटाने के मामले में एक चैनल को दिए विवादित बयान देने वाले यूपी सरकार के मंत्री डॉ संजय निषाद को सफाई देनी पड़ी है. संजय निषाद ने अपने शब्द वापस लेने का बयान जारी करते हुए कहा है कि क्षेत्र के हिसाब से बोली भाषा की वजह से शब्दों का गलत अर्थ निकाल लिया जाता है. ऐसे में अगर किसी को आपत्ति है तो वो अपने शब्द वापस लेते हैं.
संजय निषाद ने कहा था, वो भी तो आदमी हैं. नकाब छू दिया तो इतना हो गया, कहीं और छूते तब क्या हो जाता.कहीं चेहरा वेहरा छुआ जाता, कहीं और उंगली पड़ जाती तो क्या होता. यूपी सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बयान पर विवाद हो रहा है.
संजय निषाद बोले, हल्के-फुल्के अंदाज में कहा था
संजय निषाद ने कहा कि किसी को भोजपुरी और पूर्वांचली भाषा सामाजिक सांस्कृतिक का ज्ञान होगा तो वो जानता होगा कि हमारे गांव देहात में किसी बात को टालना या हल्के फुल्के अंदाज में कहा जाता है कि फलानवा यही कहले बा ना, कुछ और ना हीं कहले सा ना, चला इ बतिया छोड़ द्या. यह अपमान नहीं है, बल्कि बातचीत को आगे बढ़ाने और विवाद से बचने का तरीका है. मैं पूर्वांचली और गोरखपुरी अंचल का व्यक्ति हूं.
हिजाब विवाद पर यूपी सरकार के मंत्री डॉ. संजय निषाद ने सफाई दी, उन्होंने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है...#SanjayNishad pic.twitter.com/j7lwgWLa8d
— NDTV India (@ndtvindia) December 17, 2025
राजनीति न करें लोग
संजय निषाद ने कहा देश की हर भाषा बोली का अलग-अलग संदर्भ है. हर जगह की भाषा स्थानीय अभिव्यक्ति अलग है, तौर तरीका अलग है. उत्तर भारत के पूर्वांचल में अलग अलग भाषा है. मैंने हंसते हुए सहज भाव में अपनी बोली में कहा था. इसमें किसी महिला या धर्म के प्रति दुर्भावना नहीं थी. अगर इसी को ऐसा लगता है तो मैं उस शब्द को वापस लेता हूं. किसी को राजनीति करनी है तो करे लेकिन देश या समाज में तनाव पैदा न करे. जहां तक नीतीश कुमार का सवाल है, जनता उन्हें उनके काम के लिए जानती है और इसीलिए बार-बार उन्हें समर्थन देती है.
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