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This Article is From Jul 23, 2015

काटजू का ट्वीट- यूपी में एक ही जाति के 56 एसडीएम बने, अखिलेश सरकार नाराज़

काटजू का ट्वीट- यूपी में एक ही जाति के 56 एसडीएम बने, अखिलेश सरकार नाराज़
फाइल फोटो : जस्टिस मार्कंडेय काटजू
लखनऊ: जस्टिस मार्कंडेय काटजू के एक ट्वीट ने उत्‍तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पर एक जाति विशेष के लोगों की भर्ती करने के विवाद को और हवा दे दी है। ट्वीट में उन्‍होंने लिखा है कि यूपी में बने 86 एसडीएम में से 56 एक ही जाति के हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल कई याचिकाओं में यादवों की ज्‍यादा भर्ती करने के इल्‍ज़ाम हैं, लेकिन सरकार कहती है कि काटजू के अंदाज़े फर्जी हैं।

दरअसल, जस्टिस काटजू का ट्वीट कहता है कि यूपी की पीसीएम परीक्षा में एसडीएम बने 86 में से 56 एक जाति के हैं। साथ में वो गीता का एक श्‍लोक कोट करते हैं, जिसमें अर्जुन-कृष्‍ण से कह रहे हैं... हे कृष्‍ण... हे यादव... हे सखे, मैंने जाने-अंजाने में जो गलत कहा हो, तो माफ कर देना। यूपी सरकार में काटजू के ट्वीट पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है। सरकार कहती है कि उनके आंकड़ें फर्जी हैं और इसका भी हिसाब हों की इन पदों पर भी ऊंची जाति के कितने फीसदी लोग आए हैं।

यूपी की पिछड़ा कल्‍याण मंत्री अंबिका चौधरी ने कहा कि उनको ये आंकड़ें देख लेने चाहिए कि आज़ाद हिंदुस्‍तान में बाकी लोगों को कितनी नौकरियां मिली हैं और उनकी आबादी का क्‍या अनुपात है और काटजू साहब के लिए ज्‍यादा कहना मेरे लिए मुनासिब नहीं है, क्‍योंकि संसद ने प्रस्‍ताव पारित कर उनके बारे में जो कुछ कहा है वो अपने आप में स्‍पष्‍ट करता है।

इस मुद्दे पर इलाहाबाद में छात्र संड़कों पर उतरते रहे हैं। इलाहाबाद हाइकोर्ट में इसके लिए कई रिट चल रही हैं। इनमें परीक्षा में धांधली के इल्‍ज़ाम हैं और आयोग के अध्‍यक्ष अनिल यादव के वक्‍त आए सारे रिज़ल्‍ट की सीबीआई जांच और उन्‍हें हटाने की भी मांग है।

याची अवनीश पांडेय कहते हैं, ये भर्ती विवाद 4 जून 2013 को पीसीएस 2011 के रिजल्‍ट आने के बाद शुरू हुआ। छात्रों ने इल्‍ज़ाम लगाया कि ओबीसी के 111 सीटों पर 72 यादव चुने गए हैं। इस पर आंदोलन होने के बाद आयोग ने वेबसाइट पर रिजल्‍ट हर किसी के देखने का सिस्‍टम बदल दिया है।

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