बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की प्रशंसा करते हुए भाजपा प्रमुख अमित शाह ने शनिवार को कहा कि उपचुनाव के परिणाम राज्य में पार्टी की सत्ता के बारे में जनादेश नहीं है. पार्टी के गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनावों में हार के बाद शाह ने पहली बार प्रतिक्रिया जताते हुए कहा है कि राज्यों में भाजपा की बेहतरीन सरकारों में उत्तर प्रदेश सरकार एक है. शाह ने जी टीवी को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘पार्टी ने इसे (उपचुनाव परिणामों को) गंभीरता से लिया है और इन चुनावों के परिणामों का गहन विश्लेषण किया जाएगा.’’
उन्होंने कहा कि उपचुनावों में भाजपा की हार के कई कारण हो सकते हैं. मत प्रतिशत कम था और साथ ही समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी एकजुट हो गए. उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन पर शाह ने कहा कि भाजपा को विश्वास था कि इसे लोकसभा चुनावों में अगले वर्ष 50 फीसदी से ज्यादा वोट मिलेंगे. उन्होंने कहा कि सपा और बसपा के बीच गठबंधन उनके लिए अस्तित्व का सवाल था और साबित हो गया कि राज्य में भाजपा एकमात्र ताकतवर पार्टी है और रहेगी. शाह ने कहा कि अगर 2019 में भी सपा-बसपा का गठबंधन होता है तो उनकी पार्टी मुकाबला करने के लिए तैयार है. शाह ने कहा, ‘‘योगी की सरकार राज्य में शानदार काम कर रही है. यह हमारे सबसे बेहतरीन भाजपा सरकारों में से एक है. मुझे नहीं लगता कि उपचुनाव के परिणाम योगी सरकार पर जनादेश है.’’
उपचुनाव परिणाम का जश्न मनाने पर कांग्रेस की आलोचना करते हुए शाह ने कहा कि यह हास्यास्पद है कि जिस पार्टी के उम्मीदवारों की दोनों सीटों पर जमानत जब्त हो गई वह जश्न मना रही है.
शाह ने वाईएसआर कांग्रेस और तेदेपा का समर्थन करने के लिए भी विपक्षी दलों पर प्रहार किए जो संसद में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रहे हैं. शाह ने कहा, ‘‘हम मुद्दे पर बहस चाहते हैं लेकिन सदन नहीं चल रहा है. विपक्ष सदन नहीं चलने दे रहा है. यह स्पष्ट दर्शाता है कि विपक्षी जानते हैं कि वे नहीं जीत सकते.’’
VIDEO: कैसे ढहा योगी का किला?
भाजपा के खिलाफ समान विचारधारा वाले दलों का गठबंधन बनाने के कांग्रेस के प्रयास पर तंज कसते हुए शाह ने इस पहल का स्वागत किया और कहा कि यह पार्टी के लिए ‘अच्छा संकेत’ है. भाजपा प्रमुख ने कहा, ‘‘अगर ऐसा होता है तो यह हमारे लिए अच्छा संकेत है. यह दर्शाता है कि मोदी सरकार का मुकाबला करने के लिए सभी दलों को एकजुट होना पड़ेगा.’’ उन्होंने कहा कि राजग प्रतिदिन बढ़ रहा है और मोदी सरकार की जन समर्थक नीतियों के कारण पार्टी 2019 में सत्ता में आएगी और 2014 से ज्यादा सीटें जीतकर आएगी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा कि उपचुनावों में भाजपा की हार के कई कारण हो सकते हैं. मत प्रतिशत कम था और साथ ही समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी एकजुट हो गए. उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन पर शाह ने कहा कि भाजपा को विश्वास था कि इसे लोकसभा चुनावों में अगले वर्ष 50 फीसदी से ज्यादा वोट मिलेंगे. उन्होंने कहा कि सपा और बसपा के बीच गठबंधन उनके लिए अस्तित्व का सवाल था और साबित हो गया कि राज्य में भाजपा एकमात्र ताकतवर पार्टी है और रहेगी. शाह ने कहा कि अगर 2019 में भी सपा-बसपा का गठबंधन होता है तो उनकी पार्टी मुकाबला करने के लिए तैयार है. शाह ने कहा, ‘‘योगी की सरकार राज्य में शानदार काम कर रही है. यह हमारे सबसे बेहतरीन भाजपा सरकारों में से एक है. मुझे नहीं लगता कि उपचुनाव के परिणाम योगी सरकार पर जनादेश है.’’
उपचुनाव परिणाम का जश्न मनाने पर कांग्रेस की आलोचना करते हुए शाह ने कहा कि यह हास्यास्पद है कि जिस पार्टी के उम्मीदवारों की दोनों सीटों पर जमानत जब्त हो गई वह जश्न मना रही है.
शाह ने वाईएसआर कांग्रेस और तेदेपा का समर्थन करने के लिए भी विपक्षी दलों पर प्रहार किए जो संसद में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रहे हैं. शाह ने कहा, ‘‘हम मुद्दे पर बहस चाहते हैं लेकिन सदन नहीं चल रहा है. विपक्ष सदन नहीं चलने दे रहा है. यह स्पष्ट दर्शाता है कि विपक्षी जानते हैं कि वे नहीं जीत सकते.’’
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भाजपा के खिलाफ समान विचारधारा वाले दलों का गठबंधन बनाने के कांग्रेस के प्रयास पर तंज कसते हुए शाह ने इस पहल का स्वागत किया और कहा कि यह पार्टी के लिए ‘अच्छा संकेत’ है. भाजपा प्रमुख ने कहा, ‘‘अगर ऐसा होता है तो यह हमारे लिए अच्छा संकेत है. यह दर्शाता है कि मोदी सरकार का मुकाबला करने के लिए सभी दलों को एकजुट होना पड़ेगा.’’ उन्होंने कहा कि राजग प्रतिदिन बढ़ रहा है और मोदी सरकार की जन समर्थक नीतियों के कारण पार्टी 2019 में सत्ता में आएगी और 2014 से ज्यादा सीटें जीतकर आएगी.
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