उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया है. अखिलेश यादव के खिलाफ करहल सीट से बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को उतारा है. बघेल, उत्तर प्रदेश सरकार में भी मंत्री पद संभाल चुके हैं. पार्टी ने इसके साथ ही जसवंत नगर सीट से विवेक शाक्य और हमीरपुर सीट से मनोज प्रजापति को प्रत्याशी बनाया है. गौरतलब है कि आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य यूपी के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी को इस बार समाजवादी पार्टी से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. अखिलेश ने 22 जनवरी को ऐलान किया था कि वह मैनपुरी की करहल सीट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर सपा की सरकार बनी तो आईटी (IT) सेक्टर में आने वाले समय में 22 लाख युवाओं को रोजगार दिया जाएगा. वहीं समाजवादी नेता राम गोपाल यादव ने घोषणा की थी कि अखिलेश यादव "रिकॉर्ड" वोटों से जीतेंगे.
एनडीटीवी को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में अखिलेश ने कहा था कि मैं आजमगढ़ की किसी सीट से चुनाव लड़ सकता था या किसी अन्य जिले की सीट को भी चुन सकता था. अपनी पार्टी के परंपरागत क्षत्र की करहल सीट को चुनने पर अखिलेश ने कहा कि वे सीएम योगी आदित्यनाथ से पहले चुनाव लड़ना चाहते थे. उनकी पार्टी जीत रही है, लिहाजा वो पहले अपने विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार खत्म करना चाहते हैं. लिहाजा करहल को चुना गया.
करहल विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का काफी दबदबा रहा है. यह सीट सपा की सुरक्षित सीट कही जाती है. 1993 से लगातार सपा यहां जीती है. केवल एक बार 2002-2007 में ये सीट बीजेपी ने जीती थी. करहल सीट मैनपुरी जिले में आती है जो यादव परिवार का गढ़ रहा है. करहल सीट पर समाजवादी पार्टी का पिछली सात बार से कब्जा रहा है. 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान सपा उम्मीदवार सोबरन यादव को इस सीट पर एक लाख से ज्यादा वोट मिले थे और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी प्रेम शाक्य को 38 हजार से ज्यादा मतों से हराया था.
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