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This Article is From Jan 07, 2017

यूपी चुनाव टिकट बंटवारा : सहयोगी दल बन सकते हैं बीजेपी के लिए परेशानी का सबब!

यूपी चुनाव टिकट बंटवारा : सहयोगी दल बन सकते हैं बीजेपी के लिए परेशानी का सबब!
अपना दल और एसबीएसपी, बीजेपी से पांच दर्जन सीटेें मांग रहे
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नई दिल्‍ली: यूपी में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर टिकट बंटवारे के मसले पर बीजेपी के सहयोगी दल उसके लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं. दरअसल सूत्रों के मुताबिक राज्‍य में बीजेपी की सहयोगी अपना दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) ने पांच दर्जन सीटों पर लड़ने की दावेदारी की है. इसी बात ने बीजेपी की परेशानी को बढ़ा दिया है.

दरअसल हालिया दौर में बिहार चुनाव में झटका झेलने और वहां पर सहयोगी दलों का हश्र देखने के बाद बीजेपी इस बार घटक दलों के लिहाज से कोई बड़ा रिस्‍क लेने के मूड में नहीं दिखती. इन वजहों से वह यूपी में एक दर्जन से ज्‍यादा सीटें देने को तैयार नहीं है. दरअसल बिहार में सहयोगी दलों ने दबाव की रणनीति और सोशल इंजीनियरिंग फॉर्मूले के तहत बीजेपी से अधिक सीटें ले ली थीं लेकिन नीतीश कुमार के नेतृत्‍व वाले महागठबंधन के सामने उनका प्रदर्शन बेहद फीका रहा. इसका खामियाजा बीजेपी को उठाना पड़ा.

अपना दल
एक प्रमुख सहयोगी अपना दल में भी इस वक्‍त मां और बेटी के बीच वर्चस्‍व की जंग छिड़ी हुई है. अपना दल के यूपी में दो सांसद हैं और इसकी नेता अनुप्रिया पटेल मोदी सरकार में मंत्री हैं. हालांकि उनकी मां कृष्‍णा पटेल और उनके बीच अनबन की स्थिति है. माना जा रहा है कि कृष्‍णा पटेल मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव के संपर्क में भी हैं और जदयू के साथ भी उनकी बातचीत चल रही है.

अपना दल के भीतर की यह स्थितियां भी बीजेपी के लिए परेशानी का सबब हैं. बीजेपी के पूर्वांचल में कुर्मी और इसके समकक्ष जातियों को साधने के लिहाज से भी अपना दल में फूट परेशानी की बात है. इस वोटबैंक को साधने की गरज से ही पार्टी ने केशव प्रसाद मौर्य को यूपी में बीजेपी की कमान सौंपी है. दूसरी तरफ अपना दल के दो धड़े में बंटने से बीजेपी को बहुत लाभ नहीं दिखता. इन वजहों से वह अपना दल को बहुत ज्‍यादा सीटें देखने के मूड में फिलहाल नहीं दिखती.   

बीजेपी के लिए राहत की बात यह है कि पूवी उत्‍तर प्रदेश में अंतिम चरणों में वोट डालेंगे. ऐसे में पूर्वांचल में प्रभाव रखने वाली इन पार्टियों के साथ सीटों को तय करने के मामले में बीजेपी के पास अभी पर्याप्‍त वक्‍त है.

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी)
दूसरी तरफ एसबीएसपी के अध्‍यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने भी बीजेपी के साथ कुछ समय पहले गठबंधन किया था और पार्टी पूर्वी उत्‍तर प्रदेश में 20 सीटें लड़ने की इच्‍छुक है. वह दावा भी करते रहे हैं कि बीजेपी ने उनको इतनी सीटें देने के लिए आश्‍वासन भी किया है. इन परिस्थितियों में देखना होगा कि बीजेपी किस तरह अपने सहयोगियों के साथ टिकटों के मसले पर तालमेल बिठाती है.

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