मणिपुर हिंसा (Manipur Voilence) के बाद राज्य में शांति स्थापित करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार कई कोशिशें कर रही थी. बुधवार को इस दिशा में बड़ी कामयाबी मिली है. मणिपुर के सबसे पुराने विद्रोही समूह ने स्थायी शांति समझौते के लिए अपनी मंजूरी दे दी है. सरकार कई दिनों से इस समूह से बात कर रही थी. यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) ने बुधवार को स्थायी शांति समझौते पर साइन कर दिए हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करके इसकी जानकारी दी.
गृह मंत्री ने X पर लिखा, "एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई है. पूर्वोत्तर में स्थायी शांति स्थापित करने के मोदी सरकार के अथक प्रयासों में एक नया अध्याय जुड़ गया है. यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) ने आज नई दिल्ली में एक शांति समझौते पर साइन किए हैं."
A historic milestone achieved!!!
— Amit Shah (@AmitShah) November 29, 2023
Modi govt's relentless efforts to establish permanent peace in the Northeast have added a new chapter of fulfilment as the United National Liberation Front (UNLF) signed a peace agreement, today in New Delhi.
UNLF, the oldest valley-based armed… pic.twitter.com/AiAHCRIavy
शाह ने आगे लिखा, "मणिपुर के घाटी स्थित सबसे पुराने आर्म्ड ग्रुप UNLF हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने पर सहमत हो गया है. मैं लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में उनका स्वागत करता हूं. शांति और प्रगति के रास्ते पर उनकी यात्रा के लिए मैं शुभकामनाएं देता हूं."
UNLF सहित कुल 5 उग्रवादी ग्रुप पर 5 साल बढ़ाया गया था बैन
केंद्र सरकार ने 13 नवंबर 2023 को मणिपुर के UNLF सहित कुल 5 उग्रवादी ग्रुप पर लगे बैन को 5 साल बढ़ा दिया था. साथ ही पांच अन्य उग्रवादी ग्रुप पर भी पांच साल का बैन लगाया था. यह बैन इनकी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और सुरक्षा बलों पर घातक हमले करने के कारण लगाया गया. ये ग्रुप मणिपुर में एक्टिव हैं. यह बैन 13 नवंबर 2023 से ही लागू हो गया था.
3 मई से भड़की थी हिंसा
अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 3 मई को आयोजित 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के बाद भड़की हिंसा के बाद से 180 से अधिक लोग मारे गए हैं. मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है. वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी (नागा और कुकी) की आबादी 40 प्रतिशत हैं. ये मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं.
UNLF के बारे में जानिए
यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) को यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ मणिपुर के नाम से भी जाना जाता है. ये पूर्वोत्तर भारत के मणिपुर राज्य में सक्रिय एक अलगाववादी विद्रोही समूह है. इसका मकसद एक संप्रभु और समाजवादी मणिपुर की स्थापना करना है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सितंबर 2012 में स्वीकार किया कि यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट की गतिविधियां मणिपुर राज्य में संप्रभुता लाने के लिए हैं. UNLF के चीफ सना याइमा का मानना है कि मणिपुर मार्शल लॉ के तहत है. उन्होंने मणिपुर में हुए चुनावों के चरित्र और योग्यता पर सवाल उठाया था. उनका मानना है कि इस संघर्ष को सुलझाने का सबसे लोकतांत्रिक साधन जनमत संग्रह है.
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