सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक शुरू हो चुकी है. बैठक में आंदोलन के स्वरूप, दशा और दिशा को लेकर किसान संगठन अपनी राय रख रहे हैं. वहीं बैठक से पहले किसान नेता डॉ सतनाम सिंह ने कहा कि अभी एमएसपी (MSP) की गारंटी के मुद्दे पर कोई आश्वासन नहीं मिला है. हरियाणा के किसानों पर 48000 मुकदमे हैं . आज हम कमेटी के लिए 5 नाम तय कर देंगे. दिल्ली की सीमाओं से जाने पर भी चर्चा करेंगे, पर ऐसा लगता नहीं कि दिल्ली की सीमाओं से जाने पर फैसला होगा .
भाकियू नेता राकेश टिकैत का नाम लंदन के प्रतिष्ठित अवार्ड की अंतिम सूची में
वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि अभी हम यहां से नहीं जा रहे हैं . ऐसे यहां से नहीं जा सकते . यहां किसानों पर मुकदमे हैं . शहीद किसानों मुआवजा मिलना चाहिए. अभी आंदोलन नहीं खत्म होने जा रहा है. हालांकि टिकैत ने कहा कि वापस जाने की बात कुछ लोग व्यक्तिगत तौर पर कह रहे हैं, पर संयुक्त किसान मोर्चे में कोई फैसला नहीं हुआ है.
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बता दें कि पिछले कुछ महीनों से किसान संगठन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे थे. इसको देखते हुए पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान किया था. इसके बाद लोकसभा में कृषि कानून वापसी बिल को पास किया गया. हालांकि, अभी भी कुछ किसान संगठनों के नेता एमएसपी (MSP) की गारंटी सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन जारी रखना चाहते हैं. वहीं कुछ संगठन इसे दिल्ली से हटाकर अन्य जगह शिफ्ट करने की बात कर रहे हैं.
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