राहुल गांधी के विदेश में दिए गए बयान को लेकर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि, पूरे देश में राहुल गांधी के प्रति आक्रोश है. उनको सदन से माफी मांगनी चाहिए, उनको देश से माफी मांगनी चाहिए. जिस तरह से उन्होंने संसद को लेकर सवाल उठाया है, उन्होंने और अपमान किया है, हम इसकी निंदा करते हैं.
उन्होंने कहा कि, राहुल गांधी ने जिस तरह की बात विदेश में जाकर की है, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. दुनिया में हमारे देश का लोकतंत्र सराहनीय है. भारत की अस्मिता पर इस तरह का प्रहार पहले कभी नहीं हुआ, राजनीतिक मतभेद अपनी जगह हैं. भारत की जनता और सांसदों का आक्रोश सहज है. राहुल को माफी मांगनी ही चाहिए. देश कह रहा है, यह राहुल गांधी ने भारी गलती की है.
पीयूष गोयल ने कहा कि, वे जरा भी ऐसा नहीं कर रहे हैं कि माफी मांगना चाह रहे हैं. वे उल्टे इस प्रकार का रवैया अपना रहे हैं जैसे उन्होंने कोई देशभक्ति का बड़ा काम कर लिया. माफी मांगने से आदमी बड़ा बनता है. वे अपनी छोटी सोच का परिचय दे रहे हैं. उनकी पार्टी देश को किस प्रकार से चलाती है, इसका एक उदाहरण उधर है. वे अपनी पार्टी को भी बहुत छोटे स्तर पर लेकर आ जाएं.
राहुल गांधी के आरोप आधारहीन
उन्होंने कहा कि, उनको लोगों से माफी मांगनी चाहिए. उनको चेयर को चिट्ठी लिखनी चाहिए, माफी मांगनी चाहिए, राष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए. जो उनका आरोप है वह बेसलेस है. उनको कई मौके मिले हैं, उनको किसी ने रोका नहीं है.
राहुल गांधी की सफाई पर कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा जो कि भारत विरोधी हो, बीजेपी के लोकसभा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि, राहुल गांधी ने विदेशी धरती पर भारत का, भारत की संसद का अपमान किया है. उन्हें अपने बयान के लिए माफी मांगनी होगी. वे यह कहकर नहीं बच सकते कि उन्होंने भारत के खिलाफ कुछ नहीं कहा. राहुल गांधी ने कहा कि संसद में किसी को बोलने की इजाजत नहीं है जबकि इसी बजट सत्र में उन्हें अपनी बात कहने का पूरा मौका दिया गया था, लोकसभा स्पीकर ने उन्हें एक बार भी नहीं रोका.
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