संसद का शीतकालीन सत्र इस बार हंगामे की भेंट चढ़ता दिख रहा है. रोजाना की कार्यवाही हंगामे की वजह से बाधित हो रही है. जिस पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देखिए यह समझ के परे है हर जगह की एक गरिमा होती है. भारतीय संसद लोकतंत्र का मंदिर है. इसकी गरिमा को बनाए रखना जरूरी है. कभी आप कल जैकेट पहन के आएंगे तो कभी चेहरे पर पट्टी बांध के. यह क्या है कभी आप फूल बांटेंगो तो कभी आप तिरंगा.
विपक्ष के ऊपर भी सदन चलने की जिम्मेदारी
चिराग पासवान ने आगे कहा कि यह जगह है जहां आप लोकतंत्र की मर्यादा को और बढ़ा सकते हैं. आप सदन में जाइए बात कीजिए सरकार आपके सारे सवालों का जवाब देने को तैयार है, इस तरह नौटंकी मत कीजिए. देखिए जितनी जिम्मेदारी सत्ता पक्ष की है उतनी ही विपक्ष की भी है कि सदन चले यह जिम्मेदारी विपक्ष के ऊपर भी है. विपक्ष एक विषय को लेकर जिस तरह हंगामा कर रहा है. सदन में गतिरोध उत्पन्न करने का काम कहीं से भी जायज नहीं है देश की जनता इन सारे मुद्दों को नकार चुकी है.
विपक्ष के लिए ये खतरे की घंटी
हरियाणा और महाराष्ट्र में जनता ने एक तरफ जनादेश दिया है फिर भी अपनी जिद के लिए उसे विषय को लगातार विपक्ष उठा रहा है. आज इन विषयों पर कांग्रेस का साथ उनके घटक दल नहीं दे रहे हैं बात चाहे सपा की हो या फिर टीएमसी की हो. वहां तो अलग ही होड़ मची है कि कौन इस गठबंधन का नेतृत्व करता है. जब आपका साथ घटक दल ही नहीं दे रहे हैं तो यह आपके लिए खतरे की घंटी है.
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