1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपातकाल की 48वीं वर्षगांठ को चिह्नित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी कैबिनेट और पार्टी के कई वरिष्ठ सहयोगियों ने आज उन लोगों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने "आपातकाल के काले दिनों" का विरोध किया था. पीएम नरेन्द्र मोदी ने रविवार को आपातकाल की बरसी पर कहा कि यह भारतीय इतिहास का वह कालखंड है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है.
पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा, "मैं उन सभी साहसी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया और हमारी लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने के लिए काम किया. आपातकाल के काले दिन हमारे इतिहास का वह कालखंड हैं, जिसे भुलाया नहीं जा सकता है. यह हमारे संवैधानिक मूल्यों के बिल्कुल विपरीत था.”
I pay homage to all those courageous people who resisted the Emergency and worked to strengthen our democratic spirit. The #DarkDaysOfEmergency remain an unforgettable period in our history, totally opposite to the values our Constitution celebrates.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2023
पीएम मोदी की पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने भी एक पोस्टर ट्वीट किया, जिसमें इंदिरा गांधी के चेहरे के साथ 'भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला अध्याय' लिखा हुआ है.
1975 Emergency: A horrible saga of trampling the Temple of Democracy!#DarkDaysOfEmergency pic.twitter.com/wNJ5xADUwX
— BJP (@BJP4India) June 25, 2023
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने हैशटैग #DarkDaysOfEmergency के साथ पांच मिनट का एक वीडियो ट्वीट किया, जिसमें आपातकाल की घटनाओं और उस अवधि के दौरान कांग्रेस सरकार द्वारा कथित क्रूरताओं का वर्णन किया गया है. ट्वीट में कहा गया, "प्रेस की स्वतंत्रता का गला घोंट दिया गया और न्यायपालिका के हाथ काट दिए गए." वीडियो में उस समय के क्लिप शामिल हैं, जिसमें एक भावुक वर्णन किया गया है.
Torture , imprisonment, murder , stifling the voice of free press - 25 th June 1975 symbolises all that and more. Lest you forget what the Emergency imposed on India and Indians entailed ; do watch this video & see what the Congress party is capable of ! #DarkDaysOfEmergency pic.twitter.com/kBlGbcKBSR
— Smriti Z Irani (@smritiirani) June 25, 2023
राजनाथ सिंह, किरेन रिजिजू, प्रल्हाद जोशी, नितिन गडकरी, पूर्व मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस सहित कई अन्य मंत्रियों ने "लोकतंत्र के लिए काले दिनों" की निंदा की है.
भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में आपातकाल को आज 48 साल बाद भी एक काले अध्याय के रूप में याद किया जाता है। रातों रात जिस तरह संविधान को ताक पर रखते हुए आपातकाल लगाया गया वह सत्ता के दुरुपयोग, मनमानी और तानाशाही का आज भी सबसे बड़ा उदाहरण है। #DarkDaysOfEmergency
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) June 25, 2023
बता दें कि 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की गई थी और उस समय इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं. आपातकाल को 21 मार्च 1977 को हटा लिया गया था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं