प्रतीकात्मक फोटो
इंदौर:
मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में 22 अप्रैल से 21 मई तक चले सिंहस्थ कुंभ मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ में करीब 3,700 लोग अपनों से बिछड़कर लापता हो गये। इनमें से 3,200 लोगों को तो पुलिस ने खोज निकाला, लेकिन 500 अन्य व्यक्तियों का अब तक कोई पता नहीं चल सका है।
पुलिस इंस्पेक्टर दीपिका शिंदे ने बताया, 'हम इन 500 गुमशुदा लोगों की तलाश कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर लोग 50 साल से अधिक उम्र के हैं और ग्रामीण पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते हैं। गुमशुदा लोगों में कोई भी विदेशी नागरिक नहीं है।' पुलिस अधिकारी ने हालांकि कहा, 'कई बार लोग अपने परिजन या परिचित की गुमशुदगी की रिपोर्ट तो दर्ज करा देते हैं। लेकिन जब वे उन्हें मिल जाते हैं, तो इस बात की सूचना पुलिस को नहीं दी जाती। लिहाजा हम गुमशुदा लोगों की तलाश के साथ उनके परिजनों से लगातार संपर्क कर इस बात की तस्दीक भी कर रहे हैं कि सिंहस्थ कुंभ मेले में खोये लोग घर पहुंचे या नहीं।' उन्होंने बताया कि पुलिस ने सिंहस्थ कुंभ के 3,061 हेक्टेयर में फैले विशाल मेला क्षेत्र में 51 अस्थायी थाने बनाये थे। इन सभी थानों में 'खोया-पाया' केंद्र खोले गये थे। इन केंद्रों में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने की सुविधा थी।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि गुमशुदा लोगों की तलाश के लिये 'खोया-पाया' नाम का विशेष सॉफ्टवेयर भी बनाया गया था जिसके जरिये गुमशुदा लोगों की जानकारी सभी पुलिस थानों में एक साथ पहुंच जाती थी। मेला क्षेत्र में लगे लाउड स्पीकरों के जरिये गुमशुदा लोगों के नाम-पते लगातार पुकारे जा रहे थे। उन्होंने बताया, 'हमने मेला क्षेत्र में कई स्थानों पर विशाल स्क्रीन लगाये थे। गुमशुदा लोगों के नाम, उपलब्ध तस्वीरें और अन्य संबंधित सूचना इन परदों के जरिये लगातार प्रसारित की जा रही थी। इन परदों से भी हमें गुमशुदा लोगों की तलाश में खासी मदद मिली।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
पुलिस इंस्पेक्टर दीपिका शिंदे ने बताया, 'हम इन 500 गुमशुदा लोगों की तलाश कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर लोग 50 साल से अधिक उम्र के हैं और ग्रामीण पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते हैं। गुमशुदा लोगों में कोई भी विदेशी नागरिक नहीं है।' पुलिस अधिकारी ने हालांकि कहा, 'कई बार लोग अपने परिजन या परिचित की गुमशुदगी की रिपोर्ट तो दर्ज करा देते हैं। लेकिन जब वे उन्हें मिल जाते हैं, तो इस बात की सूचना पुलिस को नहीं दी जाती। लिहाजा हम गुमशुदा लोगों की तलाश के साथ उनके परिजनों से लगातार संपर्क कर इस बात की तस्दीक भी कर रहे हैं कि सिंहस्थ कुंभ मेले में खोये लोग घर पहुंचे या नहीं।' उन्होंने बताया कि पुलिस ने सिंहस्थ कुंभ के 3,061 हेक्टेयर में फैले विशाल मेला क्षेत्र में 51 अस्थायी थाने बनाये थे। इन सभी थानों में 'खोया-पाया' केंद्र खोले गये थे। इन केंद्रों में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने की सुविधा थी।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि गुमशुदा लोगों की तलाश के लिये 'खोया-पाया' नाम का विशेष सॉफ्टवेयर भी बनाया गया था जिसके जरिये गुमशुदा लोगों की जानकारी सभी पुलिस थानों में एक साथ पहुंच जाती थी। मेला क्षेत्र में लगे लाउड स्पीकरों के जरिये गुमशुदा लोगों के नाम-पते लगातार पुकारे जा रहे थे। उन्होंने बताया, 'हमने मेला क्षेत्र में कई स्थानों पर विशाल स्क्रीन लगाये थे। गुमशुदा लोगों के नाम, उपलब्ध तस्वीरें और अन्य संबंधित सूचना इन परदों के जरिये लगातार प्रसारित की जा रही थी। इन परदों से भी हमें गुमशुदा लोगों की तलाश में खासी मदद मिली।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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