उद्धव ठाकरे ने मराठी एकता के लिए सभी का शुक्रिया कहा
- उद्धव और राज ठाकरे 20 साल बाद एक साथ दिखे हैं, जो महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना है.
- उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम एक साथ रहने के लिए साथ आए हैं.
- उन्होंने केंद्र सरकार के अनुच्छेद 370 हटाने में सहायता का उल्लेख किया.
- उद्धव ने मराठियों के बीच एकता की आवश्यकता पर जोर दिया और मतभेदों को खारिज किया.
महाराष्ट्र की राजनीति में उद्धव और राज ठाकरे 20 साल बाद साथ आए हैं. इस खास मौके पर मुंबई में एक कार्यक्रम में दोनों एक साथ दिखे. इस कार्यक्रम के दौरान महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने अपने प्रशंसकों को संबोधित करते हुए कहा कि हम दोनों भाई एक साथ रहने के लिए ही एक साथ आए हैं. उन्होंने आगे कहा कि हमने केंद्र सरकार की अनुच्छेद 370 हटाने में मदद की थी. हिंदुत्व किसी भाषा के अधीन नहीं है. हमें तो पता है कि महाराष्ट्र के उद्योग धंधे छीने गए.
उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि बाला साहेब ने कहा था कि सत्ता आती जाती है. मुझे ऐसा लगता है कि कुछ लोगों ने हमें इस्तेमाल कर फेंक दिया. जिन लोगों ने ऐसा किया है उन्होंने मराठियों से मराठियों को लड़वाया है. हमारी ताकत हमारी एकता है.मराठियों को दिल्ली का गुलाम बनाने की कोशिश हुई है. हिंदी-हिंदुस्तान मंजर नहीं. मैं मानता हूं कि एक देश एक निशान एक प्रधान होना चाहिए. पिछले चुनाव में बटेंगे तो कटेंगे मराठी-मराठी के बीच था. हमने लड़कर मुंबई को लिया है. मैं आप सभी का मराठी भाषा पर एकता दिखाने के लिए शुक्रिया कहता हूं.
उद्धव ठाकरे से पहले राज ठाकरे ने भी इस कार्यक्रम को संबोधित किया. अपने संबोधन के दौरान राज ठाकरे ने कहा कि हम शांत हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि हम किसी से डरते हैं. मुंबई को महाराष्ट्र से कोई भी अलग नहीं कर सकता. हिंदी अच्छी भाषा है, लेकिन इसे थोपा नहीं जा सकता है. हिंदी बोलने वाले महाराष्ट्र में रोजगार के लिए आते हैं.एक मंत्री मुझसे मिले और अपनी बात सुनाने को कहा. मैंने साफ कहा कि मैं सुनूंगा पर मानूंगा नहीं. मैंने उनसे सवाल किया कि उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान में तीसरी भाषा क्या होगी. ये सभी हिंदी भाषी राज्य हमसे पीछे हैं, हम उनसे आगे हैं, फिर हमें जबरन हिंदी क्यों सीखनी पड़े? तो यह अन्याय है.
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि तीन भाषा का फॉर्मूला कहां से आया? ये सिर्फ केंद्र सरकार से आया है. हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में सब कुछ अंग्रेजी में है, किसी और राज्य में ऐसा नहीं है. सिर्फ महाराष्ट्र में ही ऐसा क्यों? जब महाराष्ट्र जागता है, तो दुनिया देखती है. मराठा शासन हिंदी भाषा से भी पुराना है. मेरे पिता और बाला साहेब ने भी इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाई की थी. क्या आपने कभी उनके मराठी या महाराष्ट्र प्रेम पर सवाल उठाया?
राज ठाकरे ने कहा कि हमारे बच्चे इंग्लिश मीडियम जाते हैं तो हमारी मराठी पर सवाल उठते हैं. लालकृष्ण आडवाणी मिशनरी स्कूल में पढ़े हैं तो क्या उनके हिंदुत्व पर सवाल उठाएं? हम हिंदी थोपना बर्दाश्त नहीं करेंगे. वे बस मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करना चाहते हैं, यही उनका एजेंडा है. वे मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. अब वे यह मुद्दा उठा रहे हैं कि ठाकरे के बच्चे अंग्रेजी में पढ़े हैं. यह क्या बकवास है? कई भाजपा नेताओं ने अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई की है, लेकिन किसी को उनके हिंदुत्व पर संदेह है.
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