मुम्बई में हुई राज ठाकरे की रैली पर आसमान से निगरानी रखी गई थी। मुंबई पुलिस ने पहली बार अनमैन्ड एरियल व्हिकल (यूएवी) का इस्तेमाल किया।
                                            
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                                                                                मुंबई: 
                                        मुम्बई में हुई राज ठाकरे की रैली पर आसमान से निगरानी रखी गई थी। मुंबई पुलिस ने पहली बार अनमैन्ड एरियल व्हिकल (यूएवी) का इस्तेमाल किया।
मंगलवार को सड़क पर एमएनएस के मोर्चे और आज़ाद मैदान में सभा के दौरान यूएवी को दो से तीन बार आसमान में उड़ाया गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इसके जरिये ये जांचा गया कि मुंबई में यूएवी का इस्तेमाल कितना कारगर हो सकता है। पुलिस सूत्र यह भी बता रहे हैं कि यूएवी से करीब दो किलोमीटर के दायरे का एरियल व्यू मिल रहा था, जो कानून व्यवस्था की बहाली में काफी मददगार साबित हुआ। इससे ट्रैफिक की व्यवस्था को सुचारू रखने में मदद मिली।
गौरतलब है कि मुंबई के लिए यूएवी की ख़रीद को लेकर कोई सरकारी फैसला नहीं हुआ है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा की निगरानी में यह प्रयोग था, जो कारगर रहा।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि 15 हजार पुलिस जवानों के अलावा इस यान से यह भी देखा जा रहा था कि कहीं एमएनएस कार्यकर्ता किसी प्रकार की तोड़-फोड़ की घटना में शामिल न हो जाएं। आजाद मैदान में रैली के दौरान भी यह यान दो बार उड़ाया गया है। इसके लिए पास की बीएमसी बिल्डिंग पर कंट्रोल रूम बनाया गया था।
इस यान को आइडिया फोर्ज और डीआरडीओ ने मिलकर बनाया है। इसका नाम 'नेत्र' रखा गया है। एक बार चार्ज होकर यह आधे घंटे तक लगातार उड़ सकता है। सेना और अर्द्धसैनिक बल इसका पहले से इस्तेमाल करते आए हैं, लेकिन मुम्बई पुलिस ने इसे पहली बार आज़माया है।
बता दें कि 26/11 आतंकी हमले के बाद ही सुरक्षा जानकारों ने यूएवी लेने की वकालत की थी, लेकिन सालों से ये मांग ठंडे बस्ते में ही पड़ी रही।
                                                                        
                                    
                                मंगलवार को सड़क पर एमएनएस के मोर्चे और आज़ाद मैदान में सभा के दौरान यूएवी को दो से तीन बार आसमान में उड़ाया गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इसके जरिये ये जांचा गया कि मुंबई में यूएवी का इस्तेमाल कितना कारगर हो सकता है। पुलिस सूत्र यह भी बता रहे हैं कि यूएवी से करीब दो किलोमीटर के दायरे का एरियल व्यू मिल रहा था, जो कानून व्यवस्था की बहाली में काफी मददगार साबित हुआ। इससे ट्रैफिक की व्यवस्था को सुचारू रखने में मदद मिली।
गौरतलब है कि मुंबई के लिए यूएवी की ख़रीद को लेकर कोई सरकारी फैसला नहीं हुआ है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा की निगरानी में यह प्रयोग था, जो कारगर रहा।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि 15 हजार पुलिस जवानों के अलावा इस यान से यह भी देखा जा रहा था कि कहीं एमएनएस कार्यकर्ता किसी प्रकार की तोड़-फोड़ की घटना में शामिल न हो जाएं। आजाद मैदान में रैली के दौरान भी यह यान दो बार उड़ाया गया है। इसके लिए पास की बीएमसी बिल्डिंग पर कंट्रोल रूम बनाया गया था।
इस यान को आइडिया फोर्ज और डीआरडीओ ने मिलकर बनाया है। इसका नाम 'नेत्र' रखा गया है। एक बार चार्ज होकर यह आधे घंटे तक लगातार उड़ सकता है। सेना और अर्द्धसैनिक बल इसका पहले से इस्तेमाल करते आए हैं, लेकिन मुम्बई पुलिस ने इसे पहली बार आज़माया है।
बता दें कि 26/11 आतंकी हमले के बाद ही सुरक्षा जानकारों ने यूएवी लेने की वकालत की थी, लेकिन सालों से ये मांग ठंडे बस्ते में ही पड़ी रही।
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