सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple) में प्रवेश को लेकर एक बार फिर स्थितियां तनावपूर्ण होती दिख रही हैं. रविवार की सुबह स्थिति उस समय तनावपूर्ण हो गई जब 50 वर्ष से कम आयु दो महिलाओं ने मंदिर (Sabarimala Temple) में प्रवेश के लिए एक बार फिर चढ़ाई शुरू की. दोनों महिलाओं को पुलिस की तरफ से सुरक्षा दी जा रही है. अपनी चढ़ाई के दौरान इन महिलाओं को श्रद्धालुओं की नाराजगी भी झेलनी पड़ रही है. रविवार को इन दोनों महिलाओं के विरोध में कई श्रद्धालू (Sabarimala Temple) ने उनका रास्ता रोकने की कोशिश लेकिन पुलिस ने उन्हें हटा दिया. बता दें कि एक दिन पहले 11 महिलाओं के एक समूह ने भगवान अयप्पा मंदिर में पहुंचने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें उस दौरान भी सैकड़ों श्रद्धालुओं के विरोध का सामना करना पड़ा था. पुलिस दल ने हालांकि पारंपरिक वन पथ को जाम करने और चेन्नई के 'मानिथि' संगठन की महिलाओं का रास्ता रोकने के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं (Sabarimala Temple) को गिरफ्तार करने की कोशिश की.
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महिलाएं मंदिर की ओर जाने वाले पारंपरिक पथ पर केवल 100 मीटर ही आगे बढ़ पाईं. बता दें कि मंदिर यहां से पांच किलोमीटर दूर है.निषेधात्मक आदेश की अवहेलना करते हुए सैकड़ों श्रद्धालु यहां एकत्र हुए और उन्होंने भगवान अयप्पा के भजन जोर-जोर से गाने शुरू कर दिए. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक वहां से हटाने की कोशिश की क्योंकि बार-बार घोषणाएं किए जाने की बाद भी वे वहां से जाने को तैयार नहीं थे. सड़कों पर छह घंटे से अधिक समय से बैठी महिलाओं के साथ भी पुलिस की बातचीत विफल रही क्योंकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वे दर्शन किए बिना नहीं लौटेंगी. अयप्पा मंदिर से जुड़े पंडालम शाही परिवार और विपक्षी दल भाजपा ने इन महिलाओं को पुलिस संरक्षण देने का आरोप लगाया.
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वहीं, देवास मंत्री कदकंपल्ली सुरेंद्रन ने कहा कि वे उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त निगरानी पैनल के निर्देशों के अनुसार कार्य करेंगे. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय पैनल मामले पर गौर करेगा और सही निर्णय लेगा. सरकार उसी के अनुसार आगे कदम उठाएगी. भाजपा नेता के.सुरेन्द्रन ने आरोप लगाया कि महिलाओं का यहां पहुंचना पूर्व-नियोजित था और इसके पीछे माकपा नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार का हाथ है. इस समूह की संयोजक सेल्वी से पुलिस की बातचीत भी विफल रही क्योंकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वे दर्शन किए बिना नहीं लौटेंगी. सेल्वी ने पत्रकारों से कहा कि प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस हमें वापस जाने को कह रही है लेकिन हम दर्शन किए बिना नहीं जाएंगे. हम यहां तब तक इंतजार करेंगे जब तक हमें आगे नहीं जाने दिया जाता.
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चेन्नई के 'मानिथि' संगठन की ये महिलाएं केरल-तमिलनाडु सीमा पर इडुक्की-कम्बदु मार्ग से तड़के करीब साढ़े तीन बजे पम्बा पहुंची थी. स्थानीय टेलीविजन चैनलों के अनुसार उन्हें रास्ते में कई स्थानों पर विरोध का सामना करना पड़ा लेकिन वे पम्बा पहुंचने में कामयाब रहीं. समूह की सदस्य तिलकवती ने कहा है कि मंदिर में दर्शन नहीं होने तक हम प्रदर्शन जारी रखेंगे. पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए हमें वापस जाने को कहा है. लेकिन हम वापस नहीं जाएंगे.
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गौरतलब है कि सबरीमाला मंदिर में 10-50 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर पारंपरिक रूप से लगी रोक के खिलाफ आदेश देते हुए उच्चतम न्यायालय ने 28 सितंबर को सभी आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश और पूजा की अनुमति दे दी थी. तब से मंदिर में प्रवेश को लेकर कई बार प्रदर्शन हो चुके हैं.केरल सरकार के उच्चतम न्यायालय के आदेश को लागू करने के निर्णय के बाद से श्रद्धालुओं ने सबरीमला मंदिर के पास व्यापक स्तर पर प्रदर्शन किए हैं. पहले भी कुछ महिलाएं मंदिर पहुंचने का असफल प्रयास कर चुकी हैं.
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