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This Article is From Dec 14, 2018

व्यक्ति ने सबरीमला मुद्दे पर नहीं, अवसाद की वजह से किया आत्मदाह : केरल पुलिस 

भाजपा ने दावा किया कि पिनराई विजयन के नेतृत्व वाली केरल सरकार की सबरीमला मंदिर (Sabarimala Temple ) के आसपास लागू निषेधाज्ञा पर अड़े रहने के रवैये के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए व्यक्ति ने आग लगाई.

व्यक्ति ने सबरीमला मुद्दे पर नहीं, अवसाद की वजह से किया आत्मदाह : केरल पुलिस 
केरल पुलिस ने दाखिल की रिपोर्ट
नई दिल्ली: केरल राज्य सचिवालय के समक्ष भाजपा के प्रदर्शन स्थल के पास गुरुवार को 55 वर्षीय एक व्यक्ति ने खुद को आग के हवाले कर दिया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. इस मौत को लेकर भाजपा ने शुक्रवार को पूरे राज्य में हड़ताल का आह्वान किया है. भाजपा ने दावा किया कि पिनराई विजयन के नेतृत्व वाली केरल सरकार की सबरीमला मंदिर (Sabarimala Temple ) के आसपास लागू निषेधाज्ञा पर अड़े रहने के रवैये के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए व्यक्ति ने आग लगाई.वहीं, केरल पुलिस ने कहा कि व्यक्ति ने सबरीमला मुद्दे की वजह से नहीं, बल्कि अवसाद की वजह से आग लगाई. पुलिस ने एक विज्ञप्ति में कहा कि व्यक्ति ने दम टूटने से मजिस्ट्रेट के समक्ष कहा कि उसने अवसाद की वजह से खुद को आग लगाई है. उसने बताया कि मुत्तदा के रहने वाले वेणुगोपाल नैयर 90 फीसदी तक जल गया था और उनकी मौत सरकारी चिकित्सा कॉलेज अस्पताल में शाम को हो गई.

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पुलिस ने बताया कि नैयर ने राज्य सचिवालय के निकट वाले प्रदर्शन स्थल पर तड़के खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली और एक तंबू में घुसने का प्रयास किया. उस तंबू में भाजपा के वरिष्ठ नेता सी. के. पद्मनाभन सबरीमला मंदिर के आसपास लागू निषेधाज्ञा हटाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे हैं. भाजपा ने नैयर के सम्मान में शुक्रवार को सुबह से लेकर रात तक पूरे राज्य में हड़ताल का आह्वान किया है. भाजपा ने एक प्रेस विज्ञप्ति में दावा किया कि पिनराई विजयन के नेतृत्व वाली केरल सरकार की सबरीमला मंदिर के आसपास लागू निषेधाज्ञा हटाने पर अड़े रहने के रवैये की वजह से नैयर ने यह भयानक कदम उठा लिया.

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दरअसल भाजपा यहां उच्चतम न्यायालय द्वारा सबरीमला स्थित भगवान अयप्पा के मंदिर में हर आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को मंजूरी देने के फैसले को राज्य सरकार द्वारा लागू करने का विरोध कर रही है. इसके अलावा पार्टी मंदिर के आसपास लागू निषेधाज्ञा हटाने की मांग कर रही है. राज्य सरकार का कहना है कि वह उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने के लिए बाध्य है. (इनपुट भाषा से) 

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