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This Article is From May 11, 2020

PM के साथ बैठक में ममता बनर्जी ने अमित शाह पर बोला हमला तो BJP के दो मुख्यमंत्रियों ने यूं किया पलटवार...

ममता बनर्जी ने कहा, 'हमारे अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस में व्यस्त रखा जा रहा है. वे काम कब करेंगे. छोटे राज्य कोरोना निपट सकते हैं, बड़े राज्यों को मुश्किलें हैं. बड़े राज्यों को छोटे राज्यों की तुलना में नहीं देखना चाहिए.'

PM के साथ बैठक में ममता बनर्जी ने अमित शाह पर बोला हमला तो BJP के दो मुख्यमंत्रियों ने यूं किया पलटवार...
पश्च‍िम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की बैठक में पश्च‍िम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र पर राजनीति करने का आरोप लगाया तो बीजेपी के दो मुख्यमंत्रियों ने पलटवार किया. त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमित शाह पर ममता के हमले का जवाब दिया. बता दें कि ममता बनर्जी ने फ़ाइल टेबल पर जोर से रखते हुए तीखे स्वर में बात की शुरुआत की थी. ममता ने कहा, 'एक के बाद एक एडवाइजरी जारी की जा रही है. किसी को कुछ पूछा नहीं जा रहा है. अमित शाह जी फोन पर बात कर सकते थे, लेकिन उन्होंने मुझे सीधे पत्र लिख दिया, मुझे मिलने से पहले पत्र मीडिया को दिया, केंद्र की टीम भेज दी. हमारे अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस में व्यस्त रखा जा रहा है. वे काम कब करेंगे. छोटे राज्य कोरोना निपट सकते हैं, बड़े राज्यों को मुश्किलें हैं. बड़े राज्यों को छोटे राज्यों की तुलना में नहीं देखना चाहिए.'

ममता के इसी बात पर बिप्लब देब ने पलटवार किया और अपनी बारी में उन्होंने कहा कि 2014 के बाद छोटे और बड़े राज्यों के भेद की चर्चा खत्म हो गई थी. मगर दुःख है दीदी ने पुनः यह चर्चा शुरू करके भेद को पुनः जन्म दिया है. किसी को भी छोटे राज्यों को कमतर नहीं आंकना चाहिए. पीएम मोदी जी के नेतृत्व की वजह से नॉर्थ ईस्ट की नीति लुक ईस्ट से एक्ट ईस्ट में बदली. उसके बाद उन्होंने नॉर्थ ईस्ट को देश का अस्ट लक्ष्मी बनाने का लक्ष्य रख कार्य शुरू किया और सबको प्रेरित किया. लेकिन दुःख है कि फिर से छोटे और बड़े का भेद खड़ा किया जा रहा है. देब ने अमित शाह की तारीफ़ करते हुए कहा कि गृह मंत्री जी ने नॉर्थ ईस्ट काउंसिल की बैठक में कहा था कि नॉर्थ ईस्ट में देश की अर्थवयवस्था की अगुवाई करने की क्षमता है. तब उन्होने कहा था कि यूपी के क्षेत्रफल के बराबर नॉर्थ ईस्ट का क्षेत्रफल है लेकिन जनसंख्या मात्र 4.5 करोड़ जबकि यूपी की जनसंख्या 22 करोड़ है. इसलिए नॉर्थ ईस्ट के पास अपने भौगोलिक क्षेत्र का लाभ उठाने का अवसर है. देब ने कहा, 'त्रिपुरा को लॉजिस्टिक हब, आईसीपी, चिटगांव पोर्ट की नजदीकी और तमाम कनेक्टिविटी नसीब हुई हैं. इससे राज्य में बढ़ने वाली आर्थिक गतिविधियों से त्रिपुरा को करीब 2000 करोड़ का लाभ होगा. देब ने केंद्रीय नेतृत्व को विश्वास दिलाया कि अगले दो वर्ष में नॉर्थ ईस्ट देश के अर्थव्यवस्था कि अगुवाई करेगा.

नीतीश कुमार, उद्धव ठाकरे और तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की. अगर चौथा लॉकडाउन लागू हुआ तो राज्यों को अधिकार दिए जाएंगे. रेलवे, एयर और कुछ तमाम चीजों का निर्णय केंद्र के अधीन रहेगा.

त्रिपुरा मुख्यमंत्री ने राज्यों के बॉरोइंग कपैसिटी को बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने की मांग की. इसकी मांग अन्य राज्यों ने भी की. जीएसटी की पेंडिंग राशि को जारी करने और मनरेगा कार्य दिवस को 100 से बढ़ाकर 150 करने की मांग अधिकांश भाजपा शासित राज्यों से उठी. उत्तराखंड और त्रिपुरा ने कृषि के लिए नई योजना की तैयारी का जिक्र किया. बिहार समेत तमाम राज्यों ने कृषि के लिए विशेष योजना की मांग की.

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