
Success Story: हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में एक ट्रक चालक की बेटी ने बड़ा कमाल किया है. बसदेहड़ा के ट्रक चालक अमरीक सिंह की बेटी सिमरजीत कौर ने न्यायिक सेवा परीक्षा पास की है.उसने जज बनकर परिवार का सिर फक्र से ऊंचा कर दिया. सिमरनजीत कौर ने अपनी सफलता का श्रेय पिता अमरीक सिंह और ताया के बेटे इकबाल सिंह को दिया. सिमरनजीत कौर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा डीएवी पब्लिक स्कूल मैहतपुर में प्राप्त की. इसके बाद पंजाब विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई की है.वही एलएलएम की पढ़ाई पूरी की थी.
अमरीक सिंह परिवार का पेट पालने के लिए ज्यादातर समय घर से बाहर रहते हैं. लेकिन उनकी इस मेहनत को सिमरनजीत ने जाया नहीं होने दिया.सिमरनजीत ने साबित कर दिया कि सपनों को साकार करने के लिए हालात नहीं हौसला मायने रखता है. सिमरनजीत ने रोजाना 15 घंटों से अधिक पढ़ाई करती थी. अब परिणाम सामने आया तो परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई.

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रिजल्ट आया तो यकीन नहीं हुआ
सिमरनजीत कौर ने कहा कि उसका लक्ष्य न्यायिक सेवा में जाने का था. उन्होंने कहा कि वह अपने कर्तव्य को पूरी ईमानदारी के साथ निर्वहन करेगी. सिमरनजीत ने कहा कि कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है, बशर्ते उसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि रिजल्ट जिस दिन आया उस दिन उनको यकीन नहीं हो रहा था कि उन्होंने यह परीक्षा पास कर ली है. दोस्तों के जरिये उन्हें पहले जानकारी मिली. इसके बाद उन्होंने रिजल्ट का पीडीएफ डाउनलोड किया और तब उन्हें पूरा यकीन आया कि उन्होंने यह परीक्षा पास कर ली है.
बेटी पढ़ाओ की सीख दी
सिमरनजीत का कहना है कि हमें बेटियों को कम नहीं आंकना चाहिए. बेटियों को आगे बढ़ने का मौका जरूर देना चाहिए. बेटा और बेटी में फर्क ना समझें और बेटियों को आगे बढ़ने में उनका सहयोग करें. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने पिता पर गर्व है. उनके पिता हर समय उनके साथ खड़े रहे. ट्रक ड्राइवर होने के बावजूद पिता ने उनकी पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी. ज्वाइंट फैमिली होने के चलते वह अपने परिजन और ताई के परिवार के साथ मिलजुलकर रहते हैं. उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य सिर्फ पढ़ाई था और पढ़ाई के दम पर ही वह यहां तक पहुंची है. इस परीक्षा में हजारों बच्चों ने भाग लिया लेकिन सिर्फ 20 के करीब बच्चे ही इसमें पास हुए हैं, जिसमे सबसे ज्यादा लड़कियां है.
गांव को बेटी पर नाज
परिजनों के मुताबिक, उन्हें अपनी बेटी पर बड़ा नाज है. उनकी बेटी ने उनका ही नहीं, अपने गांव का अपने जिले का और अपने प्रदेश का नाम रोशन किया है. परिजनों के मुताबिक, बेटी के जज बनने के बाद और बच्चों को भी मोटिवेशन मिलेगा. उन्होंने कहा कि जिस दिन रिजल्ट आया, उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और अब बेटी ने परीक्षा पास कर ली है. अब घर में खुशी का माहौल है और बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. परिजनों के मुताबिक, उनकी बेटी दिन रात पढ़ाई करती रही और कोचिंग लेने के बाद उन्होंने यह परीक्षा पास की है. उन्होंने कहा कि सिमरनजीत के पिता पहले भी ड्राइवरी करते थे और आगे भी वह इसी प्रकार अपने काम को जारी रखे हुए हैं.
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