पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी-नीत तृणमूल कांग्रेस और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि दोनों दल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से दूरी बनाकर रखेंगे. साथ ही उन्होंने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए क्षेत्रीय पार्टियों से बातचीत करने के संकेत दिए. बनर्जी और यादव ने यहां कालीघाट में मुलाकात की और दोनों विपक्षी नेताओं ने ‘‘मिलकर भाजपा से लड़ने का फैसला'' किया. दोनों नेताओं ने यह घोषणा ऐसे समय की है जब कांग्रेस, तमिलनाडु में एम के स्टालिन-नीत द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक), बिहार में लालू प्रसाद यादव-नीत राष्ट्रीय जनता दल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार-नीत जनता दल यूनाइटेड (जद यू) और यहां तक कि वाम दल भी भाजपा के खिलाफ वृहद विपक्षी मोर्चा बनाने के लिए करीब आ रहे हैं.
तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि वह 2024 के चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिए क्षेत्रीय पार्टियों से बातचीत करेगी, लेकिन साथ ही उसने कांग्रेस और वाम दलों से अलग ‘तीसरा मोर्चा' बनाने की योजना से इनकार किया.
केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस से समान दूरी की घोषणा समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष ने की. उन्होंने पार्टी की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘बंगाल में हम ममता दीदी के साथ हैं. अभी हमारा रुख भाजपा और कांग्रेस दोनों से समान दूरी बनाने का है. क्या कांग्रेस का उत्तर प्रदेश में कुछ बचा है? हम भाजपा के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.''
बनर्जी की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया है. उनकी पार्टी के प्रवक्ता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ‘‘शक्तिशाली क्षेत्रीय दलों'' से वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने की रणनीति को लेकर चर्चा करेगी. उन्होंने कहा कि पार्टी कांग्रेस से दूरी बनाए रखेगी, लेकिन यह भी कहा कि ‘‘इस समय पार्टी तीसरे मोर्च को लेकर बात नहीं कर रही है.''
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और पार्टी उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने बनर्जी से कोलकाता के कालीघाट स्थित उनके आवास जाकर मुलाकात की. बातचीत के बाद बंदोपाध्याय ने कहा, ‘‘हम अपने रास्ते पर चलेंगे और कांग्रेस व भाजपा से समान दूरी बनाए रखेंगे. हम इस समय तीसरा मोर्चा बनाने की बात नहीं कर रहे हैं.''
उन्होंने यह जोर देकर कहा कि ‘‘कांग्रेस को खुद को विपक्षी मोर्चे का ‘बिग बॉस' नहीं समझना चाहिए.''
बंदोपाध्याय ने जोर देकर कहा कि तृणूमूल की योजना भाजपा के पूर्व सहयोगियों को एक साथ लाना है. उल्लेखनीय है कि तृणमूल कांग्रेस स्वयं अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में भाजपा-नीत राष्ट्रीय जनतंत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल थी.
बंदोपाध्याय ने दावा किया कि कांग्रेस जो खुद ‘भाजपा की सी टीम' की भूमिका निभा रही है उसे क्षेत्रीय दलों को उनका सम्मान देना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘ममता बनर्जी भाजपा से लड़ने के लिए शक्तिशाली क्षेत्रीय नेताओं से मुलाकात करेंगी.''
बंदोपाध्याय ने बताया कि तृणमूल प्रमुख 23 मार्च को बीजू जनता दल प्रमुख और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात करेंगी.
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