पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने रविवार को राज्य की सामाजिक कल्याण योजनाओं के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे कथित भेदभाव के विरोध में 10 मार्च को यहां ब्रिगेड परेड ग्राउंड में एक विशाल रैली करने की घोषणा की. संदेशखालि मुद्दे पर भाजपा और अन्य विपक्षी दलों के बढ़ते हमलों के मद्देनजर टीएमसी ने रैली करने का ऐलान किया है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि रैली को टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी संबोधित करेंगे.
अभिषेक बनर्जी ने ‘एक्स' पर लिखा कि ‘जन गर्जन सभा‘ शीर्षक वाली रैली बंगाल से ‘‘बाहरी उत्पीड़कों'' को बाहर निकालने का संकल्प भी लेगी. संदेशखालि में ग्रामीण महिलाओं द्वारा टीएमसी के नेता शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों पर अत्याचार का आरोप लगाते हुए जारी विरोध-प्रदर्शन के बीच टीएमसी का विशाल रैली आयोजित करने का निर्णय आया है.
संदेशखाली को लेकर टीएमसी पर बीजेपी है हमलावर
रैली का ऐलान टीएमसी की तरफ से ऐसे समय में किया गया है जब पश्चिम बंगाल का संदेशखाली राष्ट्रीय सुर्खियों में बना हुआ है. हाल ही में ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि संदेशखालि में ‘एक घटना कराई गई' और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एवं मीडिया के साथ मिलकर इसकी पटकथा लिखने का आरोप लगाया. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख बनर्जी ने यह भी कहा कि संदेशखालि में एक भी महिला ने प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई है और उन्होंने ही पुलिस को इस संबंध में स्वत: संज्ञान लेने का निर्देश दिया था.
संदेशखाली में क्यो हो रहा है विवाद?
संदेशखाली की महिलाओं ने टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. 5 जनवरी को राशन घोटाले के सिलसिले में शाहजहां के परिसर पर छापा मारने गए ED अधिकारियों पर कथित तौर पर भीड़ ने हमला कर दिया था, जिसके बाद से शाहजहां फरार हैं. इस मामले को लेकर टीएमसी और भाजपा भी एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. भाजपा जहां शाहजहां शेख को बचाने का आरोपी टीएमसी पर लगा रही है तो वहीं TMC भाजपा पर अशांत संदेशखाली में स्थिति को बिगाड़ने की कोशिश का आरोप लगा रही है.
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