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- एनसीआर में हुई बारिश से गर्मी में राहत मिली, लेकिन जलभराव और ट्रैफिक जाम ने आम जिंदगी लोगों को परेशान कर दिया
- गुरुग्राम और दिल्ली के कई इलाकों में बारिश के कारण सड़कों पर पानी भर गया, जिससे आवागमन मुश्किल हो गया
- सोशल मीडिया पर लोग प्रशासन और नगर निगम की जलभराव रोकने में विफलता को लेकर असंतोष जता रहे हैं
Delhi NCR Traffic Updates: दिल्ली-एनसीआर में सोमवार सुबह से ही हुई झमाझम बारिश ने जहां लोगों को गर्मी से राहत दी, वहीं जलभराव और ट्रैफिक जाम ने आम जिंदगी की रफ्तार थाम दी. गुरुग्राम से लेकर साउथ दिल्ली तक सड़कों पर गाड़ियां रेंगती रहीं, ऑफिस जाने वाले लोग घंटों जाम में फंसे रहे और कई इलाकों में पानी घुसने से लोग परेशान हो गए. इस बीच सोशल मीडिया पर लोगों ने प्रशासन और नगर निगम पर जमकर गुस्सा निकाला. ट्विटर से लेकर फेसबुक तक हर जगह बारिश के बाद की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गए.
Situation of IFFCO Chowk Gurgaon at around 8.30 PM#GurugramRains #gurugramrain #Gurugram pic.twitter.com/PgB2zdVCvZ
— Anshul Garg (@AnshulGarg1986) September 1, 2025
जलभराव और जाम ने बिगाड़ा जनजीवन
सोमवार सुबह हुई बारिश के बाद गुरुग्राम के सिकंदरपुर, सोहना रोड, गोल्फ कोर्स रोड और दिल्ली के मथुरा रोड, आईटीओ, लाजपत नगर जैसे इलाकों में पानी भर गया. लोगों का कहना है कि थोड़ी सी बारिश होते ही सड़कें तालाब बन जाती हैं. ऑफिस जाने वाले लोगों को 10–15 मिनट का सफर तय करने में दो-दो घंटे लग गए. कई जगह स्कूल बसें और कैब फंस गईं, जिससे बच्चों को भी दिक्कतें झेलनी पड़ीं.

आईटी कंपनी में काम करने वाली मोनिका ने एनडीटीवी के साथ बात करते हुए अपना दर्द बताया. उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में जब वो सोहना रोड की तरफ से आ रही थी उन्हें काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा. जिस रास्ते में 1 घंटे लगने चाहिए वहां उन्हें 4 घंटे लगे. खौफनाक अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि नोएडा से गुरुग्राम जाना बारिश के समय में बेहद कठिन हो जाता है. कई जगहों पर सड़क टूटे हुए थे जिस कारण भी परेशानी बढ़ गई.
सोशल मीडिया पर यूजर्स ने निकाली भड़ास
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लोगों ने अपने-अपने अनुभव साझा किए. ट्विटर पर #DelhiRains और #GurugramRains ट्रेंड करने लगे. एक यूजर ने लिखा, "बारिश हुई नहीं कि गुरुग्राम की सड़कें स्विमिंग पूल बन जाती हैं." दूसरे ने वीडियो शेयर कर कहा, "दिल्ली का इंफ्रास्ट्रक्चर सिर्फ कागजों पर है, जरा बारिश हो जाए तो पूरी पोल खुल जाती है." कई लोगों ने प्रशासन को टैग करते हुए पूछा कि करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद जलभराव की समस्या क्यों हल नहीं हो रही. वहीं कुछ यूजर्स ने मजाकिया अंदाज में लिखा, "गुरुग्राम के सेक्टर 29 में वाटर स्पोर्ट्स शुरू कर दीजिए, नाव की सवारी मुफ्त मिलेगी."

प्रशासन पर उठे सवाल
लोगों का कहना है कि हर साल मानसून से पहले नगर निगम और पीडब्ल्यूडी बड़े-बड़े दावे करते हैं कि ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त किया जा रहा है. लेकिन हकीकत यह है कि पहली ही बारिश में शहर की पोल खुल जाती है. गुरुग्राम के कई इलाकों में तो पानी घरों में घुस गया, जिससे लोगों का सामान तक खराब हो गया. सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा, "स्मार्ट सिटी गुरुग्राम में बारिश के बाद सड़कें नहीं, नदियां बहती हैं. करोड़ों का बजट जाता कहां है?"

जलभराव से परेशान हैं लोग
गुरुग्राम के सेक्टर-109 स्थित एटीएस टूरमलाइन में 300 से ज्यादा परिवार बिजली कटौती और जलभराव से जूझ रहे हैं. कल शाम 4 बजे से डीजी सेट पर निर्भर लोग डीएचबीवीएन से बिजली बहाली का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कोई अपडेट नहीं मिला. मुख्य द्वार के बाहर जलभराव से आवागमन ठप है, परिवार कठिनाइयों में फंसे हैं.
Over 300 families living in #ATS Tourmaline, Sector 109, #Gurugram, are facing severe hardships. Residents have been forced to rely on #diesel generators (DG) since 4 pm yesterday, with no update or assistance from #DHBVN on power restoration. Outside the main gate, severe… pic.twitter.com/SYasksmQIs
— Dr. Leena Dhankhar (@leenadhankhar) September 2, 2025
दिल्लीवालों की कम नहीं हो रही है मुश्किलें
दिल्ली में मथुरा रोड, द्वारका, पालम और नॉर्थ दिल्ली के कई इलाकों में घंटों तक जाम लगा रहा. लोग ऑफिस लेट पहुंचे, कई मीटिंग्स कैंसिल हो गईं. लोग कहते हैं कि ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी के बावजूद हालात काबू में नहीं आ सके. "बारिश का पानी और ट्रैफिक का जाम, दिल्ली में तो यह मानसून की पहचान बन गया है," एक यूजर ने लिखा.

मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में दिल्ली-एनसीआर में और बारिश की संभावना जताई है. लोगों को सलाह दी गई है कि वे गैर-जरूरी सफर से बचें और जलभराव वाले इलाकों में जाने से पहले ट्रैफिक अपडेट जरूर चेक करें. सोशल मीडिया पर लगातार यह मांग उठ रही है कि सरकार और स्थानीय प्रशासन को जलभराव की समस्या का स्थायी हल निकालना चाहिए. बारिश होते ही सड़कें और अंडरपास डूब जाते हैं, जिससे लोगों का समय, पैसा और ऊर्जा, तीनों बर्बाद होते हैं.
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