उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी कि मौत की सजा का सामना कर रहे दोषियों की, अपनी सजा की समीक्षा के लिए की जाने वाली अपील पर सुनवाई खुली अदालत में की जाएगी।
न्यायालय ने कहा कि मौत की सजा का सामना कर रहे दोषियों द्वारा दायर समीक्षा याचिका पर सुनवाई तीन न्यायाधीशों की पीठ द्वारा की जानी चाहिए।
उच्चतम न्यायालय ने मौत की सजा का सामना कर रहे उन दोषियों को एक माह के अंदर उनके मामले फिर से खोले जाने के लिए नई याचिकाएं दायर करने की अनुमति दे दी जिनकी समीक्षा याचिकाओं को पहले वह खारिज कर चुका है।
न्यायालय ने कहा कि अगर मौत की सजा का सामना कर रहे किसी दोषी की उपचारात्मक याचिका पर फैसला हो चुका है, तो उसे अपनी समीक्षा याचिका की पुन: सुनवाई के लिए अपील दायर नहीं करनी चाहिए।
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