नई दिल्ली:
राजधानी दिल्ली में बलात्कार विरोधी प्रदर्शन के दौरान कांस्टेबल सुभाष तोमर के मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग करती याचिका का दिल्ली पुलिस ने बुधवार को विरोध किया और कहा कि एक आपराधिक मामले में किसी तीसरे पक्ष के ‘हस्तक्षेप’ को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल सिद्धार्थ लूथरा ने दिल्ली पुलिस की ओर से पेश होते हुए न्यायाधीश जीपी मित्तल की अदालत से कहा, ‘‘याचिकाकर्ता एक वकील हैं। वह इस मामले में न तो आरोपी हैं, न ही गवाह और न ही शिकायतकर्ता।’’
लूथरा ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय का हवाला देते हुए कहा, ‘‘यह व्यवस्था दी गई है कि एक आपराधिक मामले में तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को अनुमति नहीं दी जा सकती है। इसके अलावा याचिका एक जनहित याचिका नहीं है और पूरा मामला मीडिया रिपोर्टों पर आधारित है।’’
उन्होंने कहा कि मौजूदा जांच के विवरण को ‘साझा नहीं किया जा सकता’ और उसका खुलासा करना जांच को ‘हानि पहुचाएगा।’ लूथरा ने कहा, ‘‘हालांकि यदि अदालत ने मांगा तो हम केस डायरी और अन्य विवरण सीलबंद लिफाफे में दे सकते हैं।’’
अदालत अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल की सीबीआई जांच कराए जाने की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि कांस्टेबल की मौत को लेकर दिल्ली पुलिस आयुक्त नीरज कुमार, प्रत्यक्षदर्शी और मेडिकल विशेषज्ञ के बयानों में विरोधाभास है।
अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल सिद्धार्थ लूथरा ने दिल्ली पुलिस की ओर से पेश होते हुए न्यायाधीश जीपी मित्तल की अदालत से कहा, ‘‘याचिकाकर्ता एक वकील हैं। वह इस मामले में न तो आरोपी हैं, न ही गवाह और न ही शिकायतकर्ता।’’
लूथरा ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय का हवाला देते हुए कहा, ‘‘यह व्यवस्था दी गई है कि एक आपराधिक मामले में तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को अनुमति नहीं दी जा सकती है। इसके अलावा याचिका एक जनहित याचिका नहीं है और पूरा मामला मीडिया रिपोर्टों पर आधारित है।’’
उन्होंने कहा कि मौजूदा जांच के विवरण को ‘साझा नहीं किया जा सकता’ और उसका खुलासा करना जांच को ‘हानि पहुचाएगा।’ लूथरा ने कहा, ‘‘हालांकि यदि अदालत ने मांगा तो हम केस डायरी और अन्य विवरण सीलबंद लिफाफे में दे सकते हैं।’’
अदालत अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल की सीबीआई जांच कराए जाने की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि कांस्टेबल की मौत को लेकर दिल्ली पुलिस आयुक्त नीरज कुमार, प्रत्यक्षदर्शी और मेडिकल विशेषज्ञ के बयानों में विरोधाभास है।
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