देश में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों के पैकेटों के 85 फीसदी हिस्से पर इसके दुष्प्रभाव से संबंधित चेतावनी प्रकाशित करना अनिवार्य कर दिया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को यह घोषणा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वैश्विक हाथ धुलाई दिवस मनाने के लिए रखे गए कार्यक्रम में की।
उन्होंने कहा, "हमने यह सुनिश्चित करने के लिए कि अगले कुछ महीनों में सिगरेट बनाने वाली कंपनियां पैकेटों के 85 फीसदी हिस्से पर तंबाकू के दुष्प्रभावों के खिलाफ सचित्र या संदेश वाली चेतावनी प्रकाशित करें, एक अधिसूचना जारी की है।"
इस बाबत दिशा-निर्देश अगले साल 1 अप्रैल से लागू होंगे।
वर्तमान में तंबाकू उत्पाद निर्माता कंपनियां पैकेटों के महज 40 फीसदी हिस्से पर सचित्र चेतावनी प्रकाशित कर रही हैं।
हर्षवर्धन ने कहा, "मैंने अपने चिकित्सकीय करियर में अपने सामने धूम्रपान करने वालों और तंबाकू उत्पादों का प्रयोग करने वालों को मरते देखा है। लोगों को जागरूक करने के लिए यथासंभव हमें सबकुछ करना चाहिए।"
थाईलैंड में भी सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों के पैकेटों के 85 फीसदी भाग पर दुष्प्रभाव संबंधी चेतावनी प्रकाशित की जाती है। भारत अब उन 198 देशों की सूची में पहला ऐसा देश होगा, जो सिगरेट पैकेटों पर ग्राफिक तस्वीरों के जरिए धूम्रपान करने वालों को इसके दुष्प्रभाव के बारे में चेताएगा।
वहीं ऑस्ट्रेलिया में 82.5 फीसदी, जबकि उरूग्वे में 80 फीसदी हिस्से पर चेतावनी प्रकाशित की जाती है।
अधिसूचना के मुताबिक, "पैकेटों के 85 फीसदी भाग में से 60 फीसदी हिस्से पर दुष्प्रभाव संबंधी चेतावनी चित्रित रूप में होंगे, जबकि बाकी 25 फीसदी हिस्से पर लिखित तौर पर चेतावनी होगी। और यह पैकेट में सबसे ऊपर होगा।"
अधिसूचना में कहा गया है कि स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी अंग्रेजी या किसी भी भारतीय भाषा में लिखी जाएगी।
"जिस तरह पैकेट का आकार बढ़ेगा उसके 85 फीसदी हिस्से पर चेतावनी होगी।"
भारत के स्वैच्छिक स्वास्थ्य संघ के कार्यकारी निदेशक भावना मुखोपाध्याय ने कहा, "लोगों के स्वास्थ्य के हित में यह कदम उठाने के लिए हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष को बधाई देना चाहेंगे। इससे लाखों लोगों का जीवन बचेगा।"
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