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This Article is From Apr 13, 2025

तहव्वुर को बचाने के लिए उसके वकील ने चला था पैंतरा, अमेरिकी विदेश मंत्री और वकील की बातचीत आई सामने

मेल ट्रेल के आखिरी दो पन्नों में मार्को रुबियो के ऑफिस की ओर से राणा के वकील को प्रत्यर्पण रोकने की अपील पर असहमति जताई गई. यह मामला भारत-अमेरिका के बीच बढ़ते सहयोग और 26/11 के पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है.

नई दिल्ली:

अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो और मुंबई आतंकवादी हमले के ‘मास्टरमाइंड' तहव्वुर हुसैन राणा के वकील जॉन डी. क्लाइन के बीच ईमेल पर हुई बातचीत सामने आई है. ये बातचीत जनवरी में हुई थी और इस दौरान राणा के वकील जॉन डी. क्लाइन ने उनके प्रत्यर्पण को रोकने की पूरी कोशिश की थी. दरअसल सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रत्यर्पण की अनुमति दिए जाने के बाद राणा के वकील ने स्वास्थ्य और भारत में कथित यातना का हवाला देते हुए प्रत्यर्पण रोकने की अपील की थी. हालांकि अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से ओलिवर लुईस ने साफ कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र की एंटी-टॉर्चर संधि का पालन करता है और इन बहानों को गंभीरता से नहीं लिया गया.

प्रत्यर्पण रोकने की अपील पर असहमति जताई

मेल ट्रेल के आखिरी दो पन्नों में मार्को रुबियो के ऑफिस की ओर से राणा के वकील को प्रत्यर्पण रोकने की अपील पर असहमति जताई गई. यह मामला भारत-अमेरिका के बीच बढ़ते सहयोग और 26/11 के पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है.

बता दें अमेरिका से लाए जाने के बाद राणा को दिल्ली की एक अदालत ने एनआईए की 18 दिनों की हिरासत में भेज दिया है. इसके बाद उसे शुक्रवार सुबह एनआईए मुख्यालय लाया गया. जहां राणा से राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बारे में पूछताछ कर रही है. राणा एक पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक है, जिस पर 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने में मदद करने का आरोप है, जिसमें छह अमेरिकी नागरिकों सहित 166 लोगों की जान चली गई थी.

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