- हुमायूं कबीर ने पुलिस को चुनौती दी है और हाइवे जाम करने की धमकी भी दी है यदि उन्हें रोका गया तो
- तृणमूल कांग्रेस पार्टी नेतृत्व हुमायूं कबीर के बाबरी मस्जिद निर्माण और उनके बयानों से नाराज है
- हुमायूं कबीर ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के वक्फ अधिनियम और एसआईआर के समर्थन पर तीखा विरोध जताया है
मुर्शिदाबाद के बेलडांगा कस्बे में 'बाबरी' नाम की एक मस्जिद की आधारशिला रखने की घोषणा के कुछ दिनों बाद, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायक हुमायूं कबीर ने धमकी दी कि अगर प्रशासन ने उनके नापाक मंसूबों पर रोक लगाने की हिम्मत की तो कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ जाएगी. सोमवार को मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में एनडीटीवी से बात करते हुए कबीर ने कहा, "मैंने बेलडांगा में बाबरी मस्जिद बनाने का फैसला किया है, जिसका मेरी पार्टी से कोई संबंध नहीं है. ज़मीन की पहचान और समझौता पहले ही हो चुका है. ज़मीन के छह हिस्सेदार हैं. उनमें से चार ज़मीन देने को तैयार हैं, लेकिन दो अन्य, स्थानीय टीएमसी विधायक हसनुज्जमां शेख और रबीउल आलम चौधरी और उनके बेटे, पुलिस की मदद से ज़मीन देने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं."
हाइवे जाम करने की धमकी
टीएमसी विधायक ने मुर्शिदाबाद पुलिस को उन्हें रोकने की चुनौती देते हुए कहा, "अगर एसपी, एसडीपीओ बाबरी मस्जिद के आयोजन को रोकने की कोशिश करेंगे तो मैं क्यों मानूंगा, अगर उनमें हिम्मत है तो वे मुझे रोकने की हिम्मत कर सकते हैं. मैं रेजिनगर से बहरामपुर तक तीस किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दूंगा." कबीर ने आगे कहा, "मैं उन्हें खुली चुनौती दे रहा हूं. अगर वे मुझे चुनौती देंगे, तो मैं उनके खिलाफ बोलूंगा."
टीएमसी खुश नहीं
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मालदा मुर्शिदाबाद दौरे से पहले बाबरी मस्जिद को लेकर फिर से राजनीति शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री 4 नवंबर को मुर्शिदाबाद में एसआईआर विरोधी एक रैली को संबोधित करने वाली हैं. भरतपुर के टीएमसी विधायक ने कहा कि उन्हें सीएम के कार्यक्रम के लिए पार्टी से कोई निमंत्रण नहीं मिला है. उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री मालदा जा रही हैं, फिर मुर्शिदाबाद आएंगी. अगर मुझे निमंत्रण मिलता है तो मैं कार्यक्रम में शामिल होने पर विचार करूंगा." पार्टी सूत्रों ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व हुमायूं कबीर के बाबरी मस्जिद की प्रतिकृति स्थापित करने के कदम से नाखुश है. सूत्रों ने बताया कि पार्टी भी कबीर के बयानों से खुश नहीं है.
हुमायूं कबीर ने धमकी दी, "हम (मुसलमान) मुर्शिदाबाद की 72% आबादी हैं. हम बेलडांगा में इस (बाबरी मस्जिद) का निर्माण चाहते हैं. हम यह मस्जिद बनाने जा रहे हैं. मुझे इसके लिए धमकियां मिल रही हैं. देखते हैं कौन सी ताकत हमें रोकने की हिम्मत करती है."
ममता बनर्जी से भी नाराज
हुमायूं कबीर ने चुनावी राज्य पश्चिम बंगाल में एसआईआर और वक्फ अधिनियम को स्वीकार करने को लेकर अपनी ही पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी पर कड़ा प्रहार किया है. उन्होंने कहा, "दीदी शुरू में वक्फ अधिनियम के खिलाफ थीं और कहा था कि वे इस विधेयक को स्वीकार नहीं करेंगी, और वह दिल्ली में वक्फ अधिनियम के खिलाफ लड़ना चाहती थीं, लेकिन अचानक ऐसा क्या हो गया कि वह मान गईं? वह एसआईआर के भी खिलाफ थीं, लेकिन उनके कर्मचारी 4 नवंबर से एसआईआर कर रहे हैं."
बीजेपी ने बताया मिलीभगत
चुनावी राज्य पश्चिम बंगाल में टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर द्वारा 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद ज़िले में बाबरी मस्जिद की तर्ज पर बनी एक मस्जिद की आधारशिला रखने की घोषणा के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. तृणमूल कांग्रेस ने इससे दूरी बना ली है. सोमवार को टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, "उस विधायक का कोई मोल नहीं है. पश्चिम बंगाल में लोग सिर्फ़ एक ही व्यक्ति से प्यार करते हैं और उस पर भरोसा करते हैं, और वह हैं ममता बनर्जी. पार्टी उन्हीं के नाम पर चलती है."
भाजपा विधायक अग्निमित्र पॉल ने कहा, "टीएमसी विधायक से दूरी नहीं बना सकती. हुमायूं वही कह रहे हैं, जो ममता ने उन्हें कहने को कहा है. वरना पार्टी अब तक उन्हें निलंबित कर चुकी होती या कार्रवाई कर चुकी होती."
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