प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) से कथित तौर पर सहानुभूति रखने वाले और भारत सहित कुछ अन्य देशों में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के मिशन पर रहे तीन भारतीयों को वापस भेज दिया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अदनान हुसैन, मोहम्मद फरहान और शेख अजहर अल इस्लाम को भारत वापस भेजा गया। गुरुवार रात दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आने के बाद एनआईए ने उन्हें हिरासत में ले लिया और पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। वे महाराष्ट्र, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं।
गृह मंत्रालय के मुताबिक़ अदनान हुसैन, मोहम्मद फरहान और शेख़ अल इस्लाम को यूएई से डिपोर्ट किया गया। जब ये तीनों इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे तो NIA ने इन्हें पकड़ लिया। एनडीटीवी इंडिया को मिली हुई जानकारी के मुताबिक़ ये लोग महाराष्ट्र, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर के निवासी है। गृह मंत्रालय के मुताबिक़ ये तीनों अपने कुछ और साथियों की मदद से भारत और विदेश में रह रहे नौजवान भारतीय लड़कों को उकसा कर ISIS के लिए काम करने के लिए कह रहे थे। गिरफ़्तारी तब हुई जब मामला ट्रेनिंग कहां होगी तक पहुंच गया। NIA के मुताबिक़ ये तीनों युवक अबु धाबी मॉड्यूल का हिस्सा थे।
NIA के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, 'उनसे पूछताछ हो रही है कि वो किन और लोगों को उकसा चुके हैं और इन सब गतिविधियों के लिए पैसा कहां से आता है।' उनके मुताबिक़ मामला दर्ज किया जा चुका है।
इससे पहले सितंबर 2015 में यूएई ने चार नौजवानों को डिपोर्ट किया था जिनके संबंध भी ISIS के साथ थे। सुरक्षा तंत्र के आंकड़ों के मुताबिक़ क़रीब 150 भारतीयों की पहचान की जा चुकी है जिनके ऑनलाइन लिंक्स ISIS के साथ हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अदनान हुसैन, मोहम्मद फरहान और शेख अजहर अल इस्लाम को भारत वापस भेजा गया। गुरुवार रात दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आने के बाद एनआईए ने उन्हें हिरासत में ले लिया और पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। वे महाराष्ट्र, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं।
गृह मंत्रालय के मुताबिक़ अदनान हुसैन, मोहम्मद फरहान और शेख़ अल इस्लाम को यूएई से डिपोर्ट किया गया। जब ये तीनों इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे तो NIA ने इन्हें पकड़ लिया। एनडीटीवी इंडिया को मिली हुई जानकारी के मुताबिक़ ये लोग महाराष्ट्र, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर के निवासी है। गृह मंत्रालय के मुताबिक़ ये तीनों अपने कुछ और साथियों की मदद से भारत और विदेश में रह रहे नौजवान भारतीय लड़कों को उकसा कर ISIS के लिए काम करने के लिए कह रहे थे। गिरफ़्तारी तब हुई जब मामला ट्रेनिंग कहां होगी तक पहुंच गया। NIA के मुताबिक़ ये तीनों युवक अबु धाबी मॉड्यूल का हिस्सा थे।
NIA के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, 'उनसे पूछताछ हो रही है कि वो किन और लोगों को उकसा चुके हैं और इन सब गतिविधियों के लिए पैसा कहां से आता है।' उनके मुताबिक़ मामला दर्ज किया जा चुका है।
इससे पहले सितंबर 2015 में यूएई ने चार नौजवानों को डिपोर्ट किया था जिनके संबंध भी ISIS के साथ थे। सुरक्षा तंत्र के आंकड़ों के मुताबिक़ क़रीब 150 भारतीयों की पहचान की जा चुकी है जिनके ऑनलाइन लिंक्स ISIS के साथ हैं।
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