महाराष्ट्र के ठाणे शहर के महापौर नरेश म्हस्के ने शनिवार को कहा कि जिन लोगों को कोविड-19 रोधी टीके की एक भी खुराक नहीं मिली है, उन्हें ठाणे नगर निगम (टीएमसी) द्वारा संचालित बसों में यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. यह घोषणा ठाणे नगर निकाय के इस बयान के कुछ दिनों बाद हुई है कि जिन कर्मचारियों ने टीके की एक भी खुराक नहीं ली है, उन्हें वेतन नहीं दिया जाएगा. म्हस्के के हवाले से एक विज्ञप्ति में कहा गया है, ''नवंबर के अंत तक शत-प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा करने के लिए विभिन्न उपायों को अपनाना नितांत आवश्यक हो गया है.''विज्ञप्ति में कहा गया है कि टीएमसी ने टीका लगवा चुके नागरिकों का घर-घर जाकर सर्वेक्षण शुरू किया था.
विज्ञप्ति में कहा गया है, ''यदि किसी का टीकाकरण हुआ नहीं पाया जाता है, तो नगर निकाय उन्हें तुरंत अपने केंद्रों पर टीका लगवाता है. नगर-संचालित बसों में यात्रा करने वालों को अपने साथ टीकाकरण का प्रमाण या सार्वभौमिक यात्रा पास ले जाना आवश्यक है, अन्यथा उन्हें बसों में सवार होने की अनुमति नहीं दी जाए, जिन लोगों को कोविड-19 टीके की एक भी खुराक नहीं मिली है, उन्हें ठाणे नगर निगम द्वारा संचालित बसों में यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.''
ठाणे जिले में शुक्रवार तक 86,00,118 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है. टीएमसी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, उनमें से कुल 56,00,856 को पहली और 29,99,262 को दूसरी खुराक मिल चुकी है.
सोमवार को, ठाणे नगर निगम ने कहा था कि उसके उन कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जाएगा, जिन्होंने कोविड-19 रोधी टीके की एक भी खुराक नहीं ली है, जिन कर्मचारियों ने निर्धारित अवधि के भीतर अपनी दूसरी खुराक नहीं ली है, उन्हें भी उनका वेतन नहीं मिलेगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं