गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में सोमवार को मतदान होना है. लेकिन इससे ठीक पहले अहमदाबाद स्थित जामा मस्जिद के शाही इमाम शब्बीर अहमद सिद्दीकी ने एक हैरान करने वाला बयान दिया है. उन्होंने रविवार को कहा कि जो पार्टियां चुनाव में मुस्लिम महिलाओं को टिकट देती हैं, वो पार्टियां और वो लोग इस्लाम के खिलाफ हैं. न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में शाही इमाम सिद्दीकी ने कहा कि अगर आप इस्लाम की बात करें तो हमारे लिए नमाज से ज्यादा बढ़कर और कुछ नहीं होता है. क्या आपने किसी महिला को यहां नमाज पढ़ते हुए देखा है ? अगर औरतों का इस तरह से लोगों के सामने आना जायज होता तो उन्हें मस्जिद में आने से कभी नहीं रोका जाता. जो लोग औरतों को टिकट देते हैं, वो इस्लाम के खिलाफ बवागत करते हैं. ऐसा करने से हमारा मजहब कमजोर होगा.
#WATCH | Those who give election tickets to Muslim women are against Islam, weakening the religion. Are there no men left?: Shabbir Ahmed Siddiqui, Shahi Imam of Jama Masjid in Ahmedabad#Gujarat pic.twitter.com/5RpYLG7gqW
— ANI (@ANI) December 4, 2022
उन्होंने आगे कहा कि हमारा मजहब कमजोर इसलिए होगा क्योंकि जाहिर सी बात है कि अगर आप अपनी औरतों को विधायक या पार्षद बनाएंगे तो उससे होगा ये कि हम हिजाब को महफूज नहीं रख पाएंगे. और हम हिजाब का मुद्दा सरकार के सामने नहीं उठा सकेंगे. अगर हम इनको रोके बगैर ये मुद्दा उठाते हैं तो सरकार कहेगी कि आपकी औरतें तो बगैर हिजाब के ही असेंबली में आ रही हैं, संसद में जा रही है. चुनाव लड़ने और जीतने के लिए औरतों को घर-घर जाना पड़ेगा, और इस्लाम में औरत की आवाज भी औरत है. इसलिए मैं इसके सख्त खिलाफ हूं. अगर आपको किसी को टिकट देना ही है तो आप इनकी जगह मर्दों को टिकट दें.
सिद्दीकी ने कहा कि अगर हमारे देश का ऐसा कोई कानून होता कि औरते हीं उस सीट से लड़ सकती हैं तो मैं मानता कि मजबूरी है लेकिन यहां तो कोई मजबूरी नहीं है. हमारे देश में ऐसा कोई कानून भी नहीं है. मुझे लगता है कि ये पार्टियां औरतों को या लड़कियों को टिकट इसलिए दे रहे हैं क्योंकि इनका मकसद है कि आज कल औरतों की ज्यादा चलती है. अगर औरतों को कब्जे में ले लो तो पूरा परिवार खुद ही कब्जे में आ जाएगा.
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