
- इस साल की दिवाली के फेस्टिवल में देशभर में 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होने का अनुमान है
- CAIT ने 35 शहरों में फिजिकल सर्वे और 100 से अधिक शहरों से ऑनलाइन फीडबैक के माध्यम से डेटा इकट्ठा किया
- नवरात्रि सीजन में बाजारों की भीड़ के आधार पर दिवाली के दौरान लगभग 4.75 लाख करोड़ का रुपये का व्यापार होगा
इस साल का दीवाली फेस्टिवल का सीजन भारत के आर्थिक इतिहास में एक नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रहा है. कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के महासचिव और बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि आज़ादी के बाद यह सबसे बड़ा "आर्थिक मेला" होगा, जिसमें देशभर में 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होने का अनुमान है.
35 शहरों में सर्वे, 100 से अधिक से ऑनलाइन फीडबैक
CAIT ने इस अनुमान को तैयार करने के लिए 35 से अधिक शहरों में फिजिकल सर्वे किया और 100 से अधिक शहरों से ऑनलाइन फीडबैक भी लिया. नवरात्रि सीजन के दौरान बाजारों में देखी गई भीड़ और फुटफॉल को ध्यान में रखते हुए यह आकलन किया गया है कि दिवाली के दौरान गुड्स और ट्रेड सेक्टर में लगभग 4.75 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होगा, जो अब तक का रिकॉर्ड होगा.
सर्विस सेक्टर में भी जबरदस्त उछाल
सिर्फ सामानों की खरीद-बिक्री ही नहीं, बल्कि सर्विस सेक्टर में भी इस बार दिवाली पर खासा उछाल देखने को मिलेगा. इवेंट मैनेजमेंट और पैकेजिंग इंडस्ट्री जैसे क्षेत्रों में कामकाज काफी बढ़ने की उम्मीद है.
दो बड़े कारण: GST कटौती और स्वदेशी का आह्वान
इस आर्थिक उछाल के पीछे दो मुख्य कारण बताए जा रहे हैं. पहला, सरकार द्वारा GST रेट में की गई कटौती, जिससे व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों की परचेसिंग पावर बढ़ी है. इससे प्रोडक्शन में तेजी आई और लाखों लोगों को रोजगार मिला.
दूसरा, पीएम मोदी द्वारा स्वदेशी अपनाने का आह्वान, जो गांव-गांव और कस्बे-कस्बे तक पहुंचा है. इन दोनों फैक्टर्स के चलते बाजार में परचेसिंग सेंटीमेंट बेहद मजबूत हुआ है और हर बाजार में भारी भीड़ देखी जा रही है. जो कई सालों बाद देखने को मिल रहा है.
दीवाली की तारीख को लेकर व्यापारी संगठनों का फैसला
देशभर के व्यापारियों ने इस बार 20 अक्टूबर को दिवाली मनाने का निर्णय लिया है. CAIT के अनुसार, देश के प्रखंड विद्वानों से चर्चा के बाद यह तय किया गया कि अमावस्या और प्रदोष काल केवल 20 अक्टूबर को है, और शास्त्रों के अनुसार दिवाली उसी दिन मनाई जानी चाहिए.
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