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This Article is From Jan 25, 2015

पीएम मोदी और ओबामा ने चलते-चलते दूर की एटमी डील की अड़चनें

नई दिल्ली:

नई दिल्ली : भारत और अमेरिका के बीच बहुप्रतीक्षित परमाणु समझौता हो गया है। इस डील को लेकर दोनों देशों के बीच सहमति नहीं बन पा रही थी, क्योंकि अमेरिका न्यूक्लियर मैटीरियल को ट्रैक करने की अपनी मांग नहीं छोड़ रहा था। लेकिन अब अमेरिका इस मांग से पीछे हट गया है और दोनों देशों के बीच समझौता हो गया है।

दोनों देशों के बीच हुई शिष्टमंडल-स्तरीय वार्ता तथा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच टहलते-टहलते और चाय पीते हुए की गई बातचीत के बाद अमेरिका उस विवादास्पद मांग से पीछे हट गया, जिसकी वजह से दोनों देशों के बीच इस समझौते के रास्ते में रुकावटें आ रही थीं।

सूत्रों का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा के दखल के बाद ही अमेरिका न्यूक्लियर मैटीरियल को ट्रैक करने की अपनी मांग से पीछे हटा। भारत लगातार कहता रहा है कि यह मांग 'अवांछित दखलअंदाज़ी' है।

विदेश सचिव सुजाता सिंह ने ओबामा और मोदी के बीच तय समय से कहीं ज्यादा तकरीबन तीन घंटे तक चले विचार विमर्श के बाद कहा, 'हमने पिछले कुछ वर्षों से चले आ रहे गतिरोध को तोड़ दिया है। हम समझौते पर पहुंच गए हैं। समझौता संपन्न हुआ।'

इस समझौते के तहत रिस्क मैनेजमेंट के लिए 1500 करोड़ रुपये का इंश्योरेंस पूल बनाया गया है। इसे जीआईसी और इंश्योरेंस सेक्टर के चार पीएसयू ने मिलकर बनाया है। ये सभी कंपनियां पूल में 750 करोड़ रुपये डालेंगी और बाकी का आधा हिस्सा सरकार की ओर से दिया जाएगा। दुनिया भर में ऐसे 26 अन्य पूल पहले से बने हुए हैं।

इससे पूर्व, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने राष्ट्रपति भवन में अपने भव्य स्वागत के लिए आभार जताते हुए कहा, "आपके द्वारा किए गए भव्य आतिथ्य सत्कार के लिए आभार।"

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा अगवानी किए जाने के बाद गहरे नीले रंग का सूट पहने ओबामा को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में पारंपरिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। ओबामा ने स्वागत के दौरान इंतजार कर रही हस्तियों से हाथ जोड़कर नमस्ते कहा। उन्होंने कहा, यह एक बड़ा सम्मान है और हम आपके इस भव्य आतिथ्य-सत्कार के लिए अत्यंत आभारी हैं। ओबामा को स्वागत समारोह के दौरान 21 तोपों की परंपरागत सलामी भी दी गई।

इसके बाद पीएम मोदी ने ओबामा का अपने मंत्रियों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से परिचय कराया। ओबामा ने भी अपने प्रतिनिधिमंडल के वरिष्ठ सदस्यों से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पीएम मोदी से परिचय कराया।

राष्ट्रपति भवन से ओबामा राजघाट के लिए रवाना हो गए, जहां जाकर उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। ओबामा ने वहां पीपल का एक पौधा भी लगाया। अब वह हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी के साथ मुलाकात कर रहे हैं। हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा को वर्ष 1950 में तत्कालीन अमेरिकी विदेशमंत्री डीन एचिसन द्वारा भेजे गए उस टेलीग्राम (तार) की प्रति भेंट की, जिसमें उन्होंने भारत को संविधान सभा पर काम करने की दिशा में प्रोत्साहित किया था।

ओबामा भारत की अपनी तीन-दिवसीय यात्रा पर रविवार सुबह दिल्ली पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रोटोकॉल तोड़ते हुए खुद उनके स्वागत के लिए एयरपोर्ट पहुंचे। मोदी ने गले मिलकर गर्मजोशी से ओबामा का स्वागत किया।

राष्ट्रपति के साथ एक विशाल प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद है, जिसमें उनकी पत्नी मिशेल ओबामा के अलावा कई शीर्ष अधिकारी शामिल हैं। वह इस साल गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे।

शाम को ओबामा का आईटीसी मौर्या होटल में अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों और परिवारों से मिलने का कार्यक्रम है। इसके बाद वह राष्ट्रपति मुखर्जी की मेजबानी में सरकारी भोज में शामिल होने राष्ट्रपति भवन पहुंचेंगे।

व्हाइट हाउस ने ओबामा की भारत यात्रा के बारे में ट्वीट किया है कि राष्ट्रपति ओबामा का गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत जाना सम्मान की बात है और यह अमेरिका-भारत संबंधों के लिए नए अध्याय की शुरुआत होगी। जय हिंद!

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के बाद ओबामा यहां राष्ट्रपति के 'एट होम' समारोह में भी शिरकत करेंगे। इसके बाद वह प्रधानमंत्री के साथ उद्योगपतियों से बातचीत करेंगे। 27 जनवरी को रेडियो पर मोदी के साथ 'मन की बात' करने के अलावा ओबामा सुबह कुछ चुनिंदा लोगों को संबोधित कर सकते हैं।

वहीं, ओबामा का आगरा दौरा रद्द हो गया है। अब परिवर्तित कार्यक्रम के अनुसार, वह 27 जनवरी को नई दिल्ली से सउदी अरब के लिए रवाना हो जाएंगे। व्हाइट हाउस ने बताया कि राष्ट्रपति ओबामा ने भारत के तीन-दिवसीय दौरे पर आगरा की यात्रा पर नहीं जा पाने पर 'अफसोस' जताया है।

व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा, 'राष्ट्रपति ओबामा और प्रथम महिला सउदी अरब के नए शाह सलमान बिन अब्दुल्ला अजीज से मिलने और दिवंगत शाह के परिवार के सम्मान में मंगलवार 27 जनवरी को रियाद के दौरे पर जाएंगे।

ओबामा के दौरे के लिए राष्ट्रीय राजधानी में अभूतपूर्व सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं और दिल्ली पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों के जवान पूरी तरह से मुस्तैद हैं। दिल्ली पुलिस और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के निशानेबाज ओबामा की यात्रा वाले मार्गों पर पड़ने वाली उंची इमारतों पर तैनात हैं।

मौर्या शेरेटन होटल के सामने हरे-भरे क्षेत्र की पूरी तरह से जांच की गई और पुलिसकर्मियों को अमेरिकी राष्ट्रपति के यहां रहने तक इस क्षेत्र के जंगलों में तैनात किया गया है।

मध्य दिल्ली को अभेद्य किले में तब्दील कर दिया गया है और सुरक्षा एजेंसियों ने करीब 71 इमारतों को आंशिक या पूरी तरह से बंद कर दिया है। यहां तक कि सांसदों तथा सैन्य बलों के अधिकारियों सहित इस क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों को या तो विशेष पास जारी किए गए हैं या क्षेत्र में प्रवेश के लिए उन्हें पहचान साबित करनी होगी।

अमेरिकी खुफिया सेवा और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम विशेष रूप से स्थापित नियंत्रण कक्षों में निगरानी रख रहे हैं। इन कक्षों को नए लगाए गए सीसीटीवी कैमरों से जोड़ा गया है। (इनपुट एजेंसियों से भी)

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