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This Article is From Aug 24, 2014

आइस बकेट चैलेंज का धांसू देसी जवाब- राइस बकेट चैलेंज

आइस बकेट चैलेंज का धांसू देसी जवाब- राइस बकेट चैलेंज
यह तस्वीर फेसबुक पर @Rice Bucket Challenge द्वारा पोस्ट की गई है
हैदराबाद:

एमियोट्रोफिक लैटरल स्क्लेरोसिस (एएलएस) बीमारी के बारे जागरूकता फैलाने के लिए दुनियाभर में इन दिनों आइस बकेट चैलेंज की धूम मची है, वहीं इस बीच हैदराबाद में रहने वाली मंजू लता कलानिधि ने राइस बकेट चैलेंज पेश किया है।

आइस बकेट चैलेंज से मिले डोनेशन को जहां एएलएस बीमारी से पीड़ित लोगों के सेवार्थ में इस्तेमाल किया जाता है, वहीं इस राइस बकेट चैलेंज को मंजू लता ने गरीब और जरूरतमंदों के सेवार्थ में शुरू किया है।

मंजू लता के अधिकारिक पेज पर इस मुहिम के बारे में कहा गया, 'भारतीय जरूरतों के लिए भारतीय प्रारूप'। मंजू ने फेसबुक पर अपने दोस्तों को चैलेंज किया कि वे एक बकेट राइस यानी एक बाल्टी चावल या पका हुआ चावल गरीबों में बांट दें। अगर कोई व्यक्ति इस चैलेंज को पूरा करने में सक्षम नहीं है, तो उसे 100 रुपये की दवाएं अपने पास के हॉस्पिटल जाकर गरीब मरीजों को बांटनी होती हैं।

राइस बकेट चैलेंज को शुरू करने वाली मंजू ने फेसबुक पर बताया कि इसमें भाग लेने वालों को फेसबुक के जरिये अपने जानने वालों को चैलेंज करना होता है और इसमें डोनेशन की राशि भी सिर्फ 100 रुपये है। यह चैलेंज बिल्कुल देसी है और इसमें पानी की बर्बादी भी नहीं होती।

मंजू लता द्वारा शुरू की गई इस मुहिम को बहुत से फेसबुक यूज़र ने आगे बढ़ाने में मदद की है और यह धीरे-धीरे प्रसिद्ध हो रही है।

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