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This Article is From Jun 08, 2023

"प्रश्न भाजपा का नहीं , बल्कि देश का है": फारूक अब्दुल्ला ने क्षेत्रीय दलों के बीच एकता पर बल दिया

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि 2024 के चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिए क्षेत्रीय दलों का साथ आना जरूरी है.

"प्रश्न भाजपा का नहीं , बल्कि देश का है": फारूक अब्दुल्ला ने क्षेत्रीय दलों के बीच एकता पर बल दिया
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि क्या आप धर्म के आधार पर देश को बंटा देखना चाहते हैं?
नई दिल्‍ली:

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने 2024 के लोकसभा चुनाव में क्षेत्रीय दलों के साथ आने पर बल देते हुए बुधवार को कहा कि धर्म के आधार पर देश को बंटने से बचाने के लिए यह जरूरी है. नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष अब्दुल्ला ने यह कहते हुए ‘कश्मीर फाइल्स' और ‘द केरल स्टोरी' जैसी फिल्मों की निंदा की कि वे लोगों को बांटकर भारत एवं उसके संविधान को नष्ट कर रही हैं. पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा से उनके निवास पर मुलाकात करने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि भारत की विविधता को बचाया जाना चाहिए.

तीसरे मोर्चे की जरूरत संबंधी एक सवाल क जवाब में अब्दुल्ला ने कहा, "सभी के लिए मेरा संदेश है कि भारत में विविवधता में एकता है. हमें विविधता की रक्षा करनी है. इससे देश की एकता की रक्षा होगी." जब उनसे पूछा गया कि क्या 2024 के चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिए क्षेत्रीय दलों का साथ आना जरूरी है, तो उन्होंने कहा, "प्रश्न भाजपा का नहीं , बल्कि देश का है. क्या आप धर्म के आधार पर देश को बंटा देखना चाहते हैं या देश को आप एकजुट चाहते हैं? यह विविधता भरा देश है."

अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि उनमें कर्नाटक के साथ कोई साम्यता नहीं है और न ही देवेगौड़ा का कश्मीर के साथ कोई साम्यता है, लेकिन उन्हें जो चीज एक रखती है वह है राष्ट्र निर्माण. उन्होंने कहा, "हमें कौन-सी बात जोड़कर रखती है? यह साथ मिलकर काम करने, इस राष्ट्र का निर्माण करने और साथ मिलकर आगे बढ़ने की इच्छा है. और वही महत्वपूर्ण है."

जब उनसे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पटना में विपक्षी दलों द्वारा विपक्षी दलों की एक बैठक बुलाये जाने के बारे में पूछा गया, तो नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने कहा कि ये बैठकें अहम हैं, क्योंकि यह विपक्ष को 2024 के चुनाव के लिए एकजुट करेगी. जब उनसे कहा गया कि देवेगौड़ा की पार्टी जनता दल सेकुलर (जदएस) को इस बैठक के लिए नहीं बुलाया गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें आशा है कि धीरे-धीरे सभी दल साथ आयेंगे, भले ही ‘वे कुछ भी हों.' उन्होंने कहा, "मैं समझता हूं कि सभी को न्यौता देना जरूरी है और एक पूर्व प्रधानमंत्री को न्यौता देना जरूरी है."

जम्मू कश्मीर में चुनाव के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा, "इस देश में हर राज्य में चुनाव कराया जाना चाहिए. हमें चुनाव से क्यों वंचित किया जाना चाहिए. चार साल बीत गये. यह लंबा वक्त है. चुनाव आयोग ने स्वयं ही कहा है कि चुनाव कराया जाना चाहिए."

आगामी चुनाव में जदएस के साथ गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा, "फारूक अब्दुल्ला सबकुछ मीडिया को नहीं बता सकता." इस भेंट के बाद देवेगौड़ा ने ट्वीट किया, "मेरे प्रिय मित्र जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री श्री फारूक अब्दुल्ला आज मेरे निवास पर मुझसे मिलने आये. उन्होंने मेरा हालचाल जानना चाहा. मैं उनके प्रति आभारी हूं. हमने देश खासकर कश्मीर में हो रही घटनाओं पर चर्चा की."

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