गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग और गोगरा में पीछे हटीं दोनों सेनाएं, पैंगोंग में कम हुआ चीनी जमावड़ा : सूत्र

गालवान घाटी, हॉट स्प्रिंग एरिया और गोगरा में चीनी सैनिक पीछे हटी है. इन तीनों क्षेत्रों में प्रारंभिक डिस्‍एंगेजमेंट का काम पूरा हो गया है. पैंगोंग त्सो में भी चीन अपनी सेना की संख्या में कमी कर रहा है. हालांकि सेना ने इस बात पर पैनी नजर बनाकर रखी है कि चीन कब तक और किस प्रकार पीछे हटता है?

गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग और गोगरा में पीछे हटीं दोनों सेनाएं, पैंगोंग में कम हुआ चीनी जमावड़ा : सूत्र

पूर्वी लद्दाख के तीन क्षेत्रों से चीन के सैनिक पीछे हटे हैं

नई दिल्ली:

India-China Standoff: भारत और चीन के बीच वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के आसपास तनाव धीरे-धीरे कम हो रहा है. सूत्रों के मुताबिक गालवान घाटी, हॉट स्प्रिंग एरिया और गोगरा में चीनी सैनिक पीछे हटी है. इन तीनों क्षेत्रों में प्रारंभिक डिस्‍एंगेजमेंट का काम पूरा हो गया है. पैंगोंग त्सो में भी चीन अपनी सेना की संख्या में कमी कर रहा है. हालांकि सेना ने इस बात पर पैनी नजर बनाकर रखी है कि चीन कब तक और किस प्रकार पीछे हटता है?

गौरतलब है कि पूवी लद्दाख में हिंसक संघर्ष के बाद 30 जून को भारत और चीन के लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच हुई बैठक में गलवान वैली, हॉट स्प्रिंग, पैंगोंग त्सो और गोगरा में तनाव कम करने के लिए फॉर्मूले पर समझौता हुआ था. इसके अंतर्गत दोनों ही पक्षों ने डेढ़ से दो किमी पीछे हटना शुरू किया है. सूत्रों के अनुसार, गलवान और हॉट स्प्रिंग से चीनी सेना के हटाने की पुष्टि सेटेलाइट इमेज से भी हुई है.पीछे हटने (Disengagement) की प्रक्रिया के हिस्से के तहत भारत सैन्य वार्ता पूरी होने तक पीपी 14 पर 'पेट्रोलिंग' को अस्थायी रूप से निलंबित करने के लिए सहमत हुआ है. हालांकि ड्रोन के जरिए इस इलाके की निगरानी जारी रहेगी.

15 जून को पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक संघर्ष के बाद तनाव चरम पर पहुंच गया था. गालवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प (Ladakh Clash) में 20 भारतीय जवानों को जान गंवानी पड़ी थी. खबरों के मुताबिक करीब 45 चीनी सैनिकों को इस संघर्ष में या तो मौत हुई थी या तो वे गंभीर रूप से घायल हुए थे. बाद में बातचीत के कई चरणों के दौर के बाद दोनों पक्ष सैनिकों को हटाने और तनाव कम करने के कदम उठाने को लेेकर सहमत हो गए थे.

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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच रविवार को टेलीफोन पर करीब दो घंटे हुई बातचीत के बाद सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया सोमवार को सुबह शुरू हुई. वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने टकराव वाले सभी बिंदुओं से सैन्यबलों की तेजी से वापसी पर सहमति जताई, ताकि क्षेत्र में शांति कायम की जा सके. डोभाल और वांग सीमा संबंधी वार्ताओं के लिए विशेष प्रतिनिधि हैं. वार्ता के बाद गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग्स, गोग्रा और पैंगोंग से बलों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई. सैन्य सूत्रों ने कहा कि भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास आक्रामक रुख तब तक कायम रखेगा जब तक चीनी पक्ष अपने पीछे के अड्डों में महत्वपूर्ण निर्माण को समाप्त नहीं कर देता. कोर कमांडर स्तर की 30 जून को हुई वार्ता में लिए गए फैसले के अनुसार, दोनों पक्ष गतिरोध वाले अधिकतर इलाकों में तीन किलोमीटर का न्यूनतम बफर क्षेत्र बनाएंगे. भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर पिछले करीब आठ सप्ताह से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है.