
पुणे स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) से स्नातक 17 महिला कैडेट के पहले बैच ने शुक्रवार को 300 से अधिक पुरुष कैडेट के साथ ‘पासिंग आउट परेड' में हिस्सा लेकर इतिहास रच दिया. एनडीए में पुरुष और महिला कैडेट का यह पहला सह-शिक्षा बैच है. कैडेट खड़कवासला में त्रि-सेवा प्रशिक्षण अकादमी के खेत्रपाल परेड ग्राउंड में ‘अंतिम पग' से गुजरे, जिसे व्यापक रूप से ‘‘नेतृत्व का उद्गम स्थल'' के रूप में जाना जाता है.
"Believe in yourself and go for it. Everything is possible." 💫#Special17 🇮🇳
— Sonal Goel IAS 🇮🇳 (@sonalgoelias) May 30, 2025
Heartfelt congratulations to the 17 incredible female cadets to have graduated from #NDA , scripting history by becoming the first ever batch to do so 👩✈️🇮🇳
We expect nothing less from our Bharat ki… pic.twitter.com/8pnHQdNnCz
NDA से स्नातक 17 महिलाओं का पहले बैच ने रचा इतिहास
- इतिहास में यह पहली बार है जब 17 महिला कैडेट्स 300 से ज्यादा पुरुषों के साथ NDA से ग्रेजुएट हो रही हैं. ये भारतीय सेना, नेवी और एयर फोर्स जॉइन करेंगी.
- NDA से पास होने वाली हरियाणा की हरसिमरन कौर की कहानी दिलचस्प है- उनके पिता हवलदार है, बेटी डिविजन कैडेट कैप्टन बनेगी.
- हरसिमरन की ही तरह इशिता शर्मा भी DCC बनने वाली हैं. वो एक नॉन-मिलिट्री बैकग्राउंड से आती हैं.
- रितु दुहन बटालियन कैडेट कैप्टन बनने वाली पहली महिला हैं. रितु दुहन को बटालियन कैडेट कैप्टन बनाया गया है. यह पहली बार है जब ये सम्मान किसी महिला को मिला है.

पूर्व सेना प्रमुख और मिजोरम के राज्यपाल जनरल वीके सिंह ‘पासिंग आउट परेड' के निरीक्षण अधिकारी थे. यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) द्वारा 2021 में उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद महिलाओं को रक्षा अकादमी में आवेदन करने की अनुमति दिए जाने के बाद महिला कैडेट का पहला बैच 2022 में एनडीए के 148वें पाठ्यक्रम में शामिल हुआ. अकादमी के कैडेट कैप्टन उदयवीर नेगी ने 148वें पाठ्यक्रम की परेड की कमान संभाली.

जनरल सिंह ने इस अवसर पर कहा कि आज अकादमी के इतिहास में एक विशेष रूप से महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि एनडीए से महिला कैडेट का पहला बैच ‘पासिंग आउट परेड' में शामिल हुआ है. यह अधिक समावेशिता और सशक्तीकरण की दिशा में हमारी सामूहिक यात्रा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है. उन्होंने कहा कि ये युवतियां ‘‘नारी शक्ति'' का अपरिहार्य प्रतीक हैं, जो न केवल महिलाओं के विकास बल्कि महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास का प्रतीक हैं. उन्होंने कहा कि मैं एक ऐसे भविष्य की कल्पना करता हूं जो अब से बहुत दूर नहीं है, जब इनमें से कोई एक महिला अपनी सेवा के क्षेत्र में सर्वोच्च भूमिका निभा सकती है.
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